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2004 में ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना में हुलरिंघम समुदाय में सिस्टर मग्दलेना सोफिया किसनर की जन्मदिन की पार्टी 2004 में ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना में हुलरिंघम समुदाय में सिस्टर मग्दलेना सोफिया किसनर की जन्मदिन की पार्टी   #SistersProject

वे दोषी नहीं हैं!

उत्तरी अर्जेंटीना के एक समुदाय, विची को अपने क्षेत्र से उठा कर जेल में बंद कर दिया गया क्योंकि उनके पास कोई दस्तावेज नहीं था। उसी दिन, सिस्टर मग्दलेना सोफिया पुलिस स्टेशन चली गईं। पुलिस प्रमुख ने तत्काल प्रतिक्रिया दिखाई। सिस्टर मग्दलेना सोफिया ने उनके पंजीकरण की जिम्मेदारी ली। उन्होंने विला जार्डिन, लैनुस, ब्यूनस आयर्स में विकलांग बच्चों के लिए एक स्कूल खोला। (कार्ला लीमा द्वारा)

साल्टा, शुक्रवार 07 जुलाई 2023 (वाटिकन न्यूज) : उत्तरी अर्जेंटीना के एक विची समुदाय को अपने क्षेत्र से उठा कर जेल में बंद कर दिया गया। सन 1976  का वह भयानक दिन जब सैन्य तानाशाही ने उन्हें गिरफ्तार करने का फैसला किया, क्योंकि उनके पास कोई दस्तावेज नहीं था। उन्हें दस्तावेज़ों की कोई आवश्यकता नहीं थी। उनकी संस्कृति में, उनका अपना नाम था और वे एक दूसरे को पहचानना जानते थे। उस समय, शहरी समाज को भी उनके दस्तावेज़ों की आवश्यकता नहीं थी।

सिस्टर मग्दलेना सोफिया किसनर, उच्च शिक्षा संस्थान की निदेशिका, 9 जुलाई 1985।
सिस्टर मग्दलेना सोफिया किसनर, उच्च शिक्षा संस्थान की निदेशिका, 9 जुलाई 1985।

वे दोषी नहीं हैं

उनके जेल जाने की बात सुनकर उसी दिन, सिस्टर मग्दलेना सोफिया पुलिस स्टेशन चली गईं। उसने सीधे प्रभारी पुलिसकर्मी की आँखों में देखते हुए कहा, "वे दोषी नहीं हैं!" और फिर "आपने कभी भी उनकी परवाह नहीं की है! मैं उनमें से प्रत्येक को रजिस्ट्री कार्यालय में पंजीकृत करने पर विचार कर रही हूँ। पुलिस प्रमुख ने तत्काल प्रतिक्रिया दिखाई। उसने सीटी बजाई जो सबसे दूर की कोठरियों तक सुनी जा सकती थी। फिर वह अपने एजेंटों की ओर मुड़ा और आदेश दिया, “यह सिस्टर मग्दलेना सोफिया है। ये रजिस्ट्री कार्यालय में इन लोगों को पंजीकृत करने का काम देख रही है। उसे कोई परेशान न करे। किसी को भी मूल निवासियों को परेशान नहीं करना चाहिए।”

मूल निवासियों का पंजीकरण

कुछ दिन पहले, नगर पालिका ने येसु के पवित्र हृदय की धर्मबहनों से अर्जेंटीना के साल्टा में मोस्कोनी क्षेत्र के मूल निवासियों को नागरिक रजिस्ट्री कार्यालय में पंजीकृत करने का एक तरीका खोजने के लिए कहा था। धर्मबहनों ने उस आवश्यकता को नजरअंदाज नहीं किया, जो प्रशासन में बदलाव के कारण अनिवार्य हो गई थी, लेकिन उनमें से कई के पास अर्जेंटीना की राष्ट्रीयता नहीं थी, जो सार्वजनिक कार्य करने के लिए आवश्यक थी। सिस्टर मग्दलेना सोफिया ने इसकी जिम्मेदारी ली। उसने कहा, “मैंने पूरा सप्ताह सीखने में बिताया, मैंने फॉर्म तैयार किया। हमारे पास पहाड़ों की यात्रा करने और नदियों को पार करने के लिए एक चार-पहिया वाहन था।" उन्होंने रजिस्ट्री कार्यालय में विची समुदाय के प्रत्येक सदस्य का नाम दर्ज किया। उन क्षेत्र में धर्मबहनें मिशनरी सहयोग कार्य के माध्यम से उनसे परिचित थीं।

मग्दलेना सोफिया किसनर

ये शब्द मग्दलेना सोफिया किसनर की सेवा भावना का वर्णन करते हैं, जिनका जन्म 1936 में पम्पा अर्जेंटीना में एक ऐसी कॉलोनी में हुआ था जहाँ केवल जर्मन बोली जाती थी। दरअसल, जब वह छोटी लड़की थी, तो उसे स्कूल में बातचीत करने में कठिनाई होती थी क्योंकि वह स्पानी भाषा नहीं समझती थी। शायद तभी उनमें एकीकरण के प्रति संवेदनशीलता आई, जो कई वर्षों बाद विकसित हुई। उन्होंने अपना जीवन शिक्षा के लिए समर्पित कर दिया, एक इतिहास शिक्षिका के रूप में, एक प्राथमिक शिक्षिका के रूप में और प्रबंधन पदों पर कार्य किया।

विकलांग बच्चों के लिए एक स्कूल

सिस्टर मग्दलेना कहती हैं कि जैसे ही वे सेवानिवृत्ति के करीब पहुंचीं, एक नई चुनौती सामने आई। न चाहते हुए भी और लोगों तथा अपने समुदाय के प्रोत्साहन से उन्होंने विला जार्डिन, लैनुस, ब्यूनस आयर्स में विकलांग बच्चों के लिए एक स्कूल खोला। ऐसा करने से पहले, उन्होंने सबसे पहले पेरू के एन सुलिवन सेंटर में प्रशिक्षण लिया, एक अनुभव जिसने उन्हें बदल दिया। वे याद करती हैं कि यहीं पर उन्हें समझ आया कि काम को केवल विकलांग बच्चों पर ही नहीं बल्कि उनके परिवारों और समुदायों पर भी प्रभाव डालने के लिए डिजाइन किया जाना चाहिए। उन्होंने महसूस किया कि उनकी सेवा की आधारशिला का तथ्य है - हम सभी के पास अलग-अलग उपहार हैं और प्रत्येक की विशिष्टता के कारण ही हम समृद्ध हैं।

सिस्टर मग्दलेना सोफिया किसनर के द्वारा स्थापित संत फ्रांसिस स्कूल की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर  श्रद्धासुमन
सिस्टर मग्दलेना सोफिया किसनर के द्वारा स्थापित संत फ्रांसिस स्कूल की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर श्रद्धासुमन

संत फ्रांसिस स्कूल

इस प्रकार उन्होंने संत फ्रांसिस स्कूल की स्थापना की, जो बच्चों और उनके परिवारों के प्रशिक्षण के लिए समर्पित था, जिसकी शुरुआत गरीबी के संदर्भ से हुई थी जिसमें वे रहते थे। इसमें सफल होने के लिए, सिस्टर मैग्डेलेना ने अपने सपने को साकार करना शुरू किया। वे अपने नोटबुक में लिखती हैं, "हमें एक शैक्षिक वातावरण की आवश्यकता है जिसमें सभी सदस्य न केवल कक्षा में, बल्कि हर जगह शामिल हों: रसोई में, सफाई करने में, हॉल में, दीवारों में। हर चीज़ शिक्षा देती है, वे जिन परिस्थितियों में पैदा हुए हैं, उसके लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।” धर्मसमाज की धर्मबहनों की मदद से उसने एक संपूर्ण प्रस्ताव तैयार किया। वे कृतज्ञतापूर्वक कहती हैं, “हमने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों से परियोजना हेतु आवेदन पत्र लिखा। धर्मसमाज से भी बहुत मदद मिला। और एक-एक करके, सभी कार्रवाइयों को एक स्थायी प्रक्रिया में बदल दिया गया।”

पड़ोस के पल्ली हॉल में स्कूल की शुरुआत की गई। वहाँ एक शैक्षिक मनोवैज्ञानिक बच्चों का उपचार करता था। पल्ली पुरोहित ने हॉल की पेशकश की थी क्योंकि उन्हें चिंता थी कि समुदाय के अनेकों विकलांग बच्चों की सहायता नहीं की जा रही थी। हालाँकि, जगह जल्द ही अपर्याप्त साबित हुई और एक बड़े स्थान पर जाना आवश्यक हो गया।  एक बड़े इमारत का निर्माण किया जाए और वहां एक बगीचा बनाया जाए ताकि बच्चे आरामदायक महसूस कर सकें। इस प्रकार, गरीबी के इस संदर्भ में शुरु किया गया स्कूल अभी भी नि:शुल्क जारी है।

स्कूल की शुरुआत के शिक्षकों में से एक शिक्षिका को याद है कि "सिस्टर 'मग्दा' हमेशा सबसे पहले आती थीं। और हमारा स्वागत किया करती थी। वे बाल्टियों से पानी भर कर आँगन को धो देती थी।”। वह एक माँ की यह बात भी याद करती है, "जब मैं अपने बेटे से कहती हूँ कि अगर वह बदमाशी करेगा तो वह स्कूल नहीं जाएगा, इसपर वह रोने लगता था!" स्कूल उबाऊ नहीं था, बल्कि आनंद का स्रोत था।

स्कूल का सुखद अनुभव

सिस्टर मग्दलेना ने "कार्य करने का एक तरीका" स्थापित किया जिसके द्वारा "हम हर किसी का नाम जानते थे, हम प्रत्येक माता-पिता का नाम जानते थे।" शिक्षिका ने आगे कहा कि सिस्टर मग्दा ने बच्चों का बचाव किया। वे अक्सर दोहराती थी: "विशेष परिस्थितियों के साथ पैदा होने के लिए वे दोषी नहीं हैं।" वह प्यारे बच्चे होने की गरिमा पाने के अधिकार की निरंतर रक्षक थीं और छात्र सहज महसूस करते थे। उन्होंने खुशी-खुशी दुनिया में अपनी जगह पर अपनी पकड़ मजबूत की। और सिस्टर मग्दलेना के लिए यह अपने समुदाय के प्रति विशेष कृतज्ञता के साथ, ईश्वर के प्रति समर्पित व्यक्ति के रूप में अपनी बुलाहट को जीने का एक तरीका था: “धर्मबहनों ने मुझे बहुत स्नेह, बहुत प्यार से मैरे सपने को साकार करने में मेरा साथ दिया और यही मेरा धर्मसंघी जीवन है।"

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07 July 2023, 16:27