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मेल्काईट कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष यूसेफ अबसी मेल्काईट कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष यूसेफ अबसी   (AFP or licensors)

मेल्काईट कलीसिया रोम के साथ पूर्ण सहभागिता की 300वीं जयन्ती मनायेगी

मेल्काईट कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष यूसेफ अबसी ने 2024 को विशेष जयन्ती वर्ष घोषित किया है जब रोम के साथ उनकी कलीसिया की पूर्ण एकता की यादगारी मनायी जाएगी।

वाटिकन न्यूज

लेबनान, बृहस्पतिवार, 13 जुलाई 23 (रेई) : 2024 में मेल्काइट ग्रीक काथलिक कलीसिया 1724 ई. में रोम की कलीसिया के साथ पूर्ण सहभागिता की बहाली की 300वीं वर्षगांठ को याद कर एक विशेष जयंती वर्ष मनाने की तैयारी कर रहा है।

फिदेस एजेंसी के अनुसार जयन्ती की घोषणा 11 जुलाई को लेबनान के मेल्काईट प्राधिधर्माध्यक्ष यूसेफ अबसी के द्वारा एक प्रेस सम्मेलन के दौरान की गई। प्राधिधर्माध्यक्ष ने कहा, “हमारी कलीसिया की धर्मसभा नहीं चाहती थी कि यह वर्षगाँठ हमारी कलीसिया और उसके मिशन के अतीत, वर्तमान और भविष्य के पथ पर विचार किए बिना गुजरे।"

11 नवम्बर को जयन्ती का उद्घाटन

जयन्ती वर्ष का शीर्षक है, “ग्रीक-मेल्काइट काथलिक कलीसिया: 1724-2024 एक ख्रीस्तीय एकता यात्रा”, जिसका उद्घाटन दमिश्क के माता मरियम के डोर्मिशन महागिरजाघर में प्राधिधर्माध्यक्ष के द्वारा 11 नवम्बर को समारोही ख्रीस्तयाग के साथ किया जाएगा।

15 लाख से अधिक विश्वासियों के साथ, मेल्काइट ग्रीक काथलिक कलीसिया रोम के साथ मिलनेवाली सबसे बड़ी पूर्वी कलीसियाओं में से एक है, इसकी जड़ें प्राचीन अंतियोख में हैं, जहाँ येसु ख्रीस्त के अनुयायियों को सबसे पहले ख्रीस्तीय कहा गया था।

मेल्काईट के इतिहास की शुरूआत पहली शताब्दी में 

प्रेस सम्मेलन के दौरान प्राधिधर्माध्यक्ष यूसेफ ने उन ईशशास्त्रीय विवादों और विभाजनों को भी याद की, जिन्होंने पूरे इतिहास में पहले प्रेरितिक उपदेश से उत्पन्न कलीसियाई समुदायों को विभाजित किया।

ख्रीस्तीय जिन्होंने 451 में कालसेडॉन महासभा के निर्णय का पालन किया वे मेल्काईट कहलाये (मनुष्यों के राजा) जो प्राचीन सीरियाई राजा- माल्को- से आता है क्योंकि उन्होंने येसु की उस समझ को स्वीकार कर लिया जो सम्राट द्वारा साझा की गई थी।

प्राधिधर्माध्यक्ष युसेफ ने कहा कि मध्यपूर्व में, 17वीं शताब्दी से शुरू होकर, पश्चिमी काथलिक मिशनरियों ने "अंताखिया के पितृसत्ता और रोम की कलीसिया के बीच दरार को ठीक करने और वांछित एकता हासिल करने की कोशिश की।”

1724 में रोम के साथ पुनर्मिलन

यह प्रयास एक "पुनर्मिलन आंदोलन" में बदल गया, जिसने अन्य महत्वपूर्ण कारकों के साथ, अंतियोख की कलीसिया के भीतर अन्य विभाजनों को जन्म दिया।

1724 में, अंतियोख के प्राधिधर्माध्यक्ष सिरिल छटवें ने रोम के साथ मेल्काइट कलीसिया के मिलन की पुष्टि की जो ख्रीस्तीय धर्म की पहली सहस्राब्दी के दौरान अस्तित्व में था। तब से अंतियोख के "मेलकाइट" कलीसिया को औपचारिक रूप से ग्रीक ऑर्थोडॉक्स (रोम के साथ नहीं) और ग्रीक काथलिक (रोम के साथ) के बीच विभाजित किया गया था। समय के साथ 'मेलकाइट' शब्द विशेष रूप से काथलिकों के साथ जोड़ा जाने लगा।

प्राधिधर्माध्यक्ष ने कहा कि विभाजन के बावजूद, "अंतियोख की कलीसिया ने ख्रीस्तीय धर्म को सुरक्षित करने के अपने मिशन को पूरा किया है और उन सभी महत्वपूर्ण क्षणों पर काबू पा लिया है जिनसे वे गुजरे थे। और आज, "सर्वशक्तिमान ईश्वर एवं जिम्मेदार लोगों की इच्छा के बदौलत हमारी कलीसिया और बहन कलीसियाओं के बीच संबंध, सुसमाचार की सेवा में पारस्परिक सम्मान, भाईचारा पूर्ण प्यार और सहयोग के रूप में एक बनी हुई है। जो हमारे विश्वासियों को ख्रीस्त से संबंधित होने की स्पष्ट गवाही देने के लिए विभिन्न समुदायों के, एक ही घर की छत के नीचे इकट्ठा होने का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।

विश्व में मेल्काईट कलीसिया

मेल्काईट कलीसिया सीरिया, लेबनान और मध्य पूर्व के अन्य देशों में सक्रिय है, लेकिन वर्षों से आप्रवास के कारण यूरोप, अमेरिका और ओशिनिया में भी फैल गये हैं। अमरीका के न्यूटन धर्मप्रांत में कुल 50 से अधिक पल्ली और मिशन मौजूद हैं।

जयंती वर्ष के कार्यक्रम में मध्य पूर्व में मेल्काइट समुदायों द्वारा संरक्षित आध्यात्मिक और कलात्मक विरासत पर धार्मिक समारोह, अध्ययन सम्मेलन, प्रकाशन और गहन ऐतिहासिक, धार्मिक और ख्रीस्तीय एकता अध्ययन एवं प्रदर्शनियाँ शामिल हैं।

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13 July 2023, 16:23