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मणिपुर में हिंसा का विरोध करते प्रदर्शनकारी मणिपुर में हिंसा का विरोध करते प्रदर्शनकारी  (ANSA)

भारतीय धर्माध्यक्षों ने मणिपुर में हिंसा पर चुप्पी के लिए दुःख व्यक्त किया है

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीआई) के एक प्रतिनिधिमंडल जिसने अभी-अभी मणिपुर का दौरा किया है, राज्य में चल रही अंतर-जातीय हिंसा को रोकने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की लंबी चुप्पी और उदासीनता की आलोचना की है।

वाटिकन न्यूज

भारत, मंगलवार, 25 जुलाई 2023 (रेई) : भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मणिपुर दंगा प्रभावित क्षेत्र की दो दिवसीय यात्रा समाप्त की। जहाँ उन्होंने लोगों के बीच राहत सामग्री वितरित की।

मैटर्स इंडिया के अनुसार प्रतिनिधि मंडल में भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के उप-महासचिव फादर जेरविस डी सूजा और कारितास इंडिया के कार्यकारी निदेशक फादर पौल मूनजेली शामिल थे।

हिंसा शुरू होने के बाद पहली आधिकारिक मुलाकात

3 मई को कुकी आदिवासी और बहुसंख्यक मैतेई लोगों के बीच अंतर-जातीय हिंसा भड़कने के बाद उत्तर-पूर्वी भारतीय राज्य का दौरा करनेवाली यह पहली सीबीसीआई आधिकारिक टीम है।

दोनों जातियों के बीच हिंसा अभी भी जारी है। करीब 160 लोगों की हत्या हुई है, हजारों अपना घर छोड़ चुके हैं, साथ ही 349 गिरजाघरों और धार्मिक संस्थानों को नष्ट किया गया है।

सीबीसीआई द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रतिनिधिमंडल ने हिंसा प्रभावित कई क्षेत्रों का दौरा किया और बड़ी मात्रा में निजी घरों, गिरजाघरों/ पूजा स्थलों, स्कूल और संस्थानों का विनाश देखा।

टीम ने उन जगहों को वीरान देखकर इसे "दिल दहलानेवाला" दृश्य बताया और कहा कि "वे इस बात को लेकर भी चिंतित है कि इन सभी कमजोरियों के बीच वास्तविक स्थिति क्या है और जो लोग इन जगहों से भाग गए हैं उनका भविष्य और उनके बच्चों का भविष्य क्या होगा।"

इस संकट पर कलीसिया का जवाब

बयान में यह भी कहा गया है कि कारितास इंडिया ने शुरू से ही "इस अभूतपूर्व संकट" का जवाब दिया है और काथलिक राहत सेवाएँ (सीआरएस) और धर्मप्रांतीय सामाजिक सेवा सोसाइटी (डीएसएसएस), इम्फाल महाधर्मप्रांत  की सामाजिक सर्विस विंग के सहयोग से राहत सहायता प्रदान की है और राहत शिविरों का समर्थन किया है। एजेंसी ने अब तक 30 लाख रूपये की राहत सहायता प्रदान की है।

बयान में बतलाया गया है कि भारत की कलीसिया ने मणिपुर संकट का जवाब, सीबीसीआई के आह्वान के अनुसार, प्रार्थना, शांति रैलियों के आयोजन और प्रभावित लोगों की सहायता के लिए संसाधन जुटाने के द्वारा किया है।

कानून प्रवर्तन की लंबे समय तक उदासीनता

मणिपुर में लंबे समय से जारी हिंसा पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए और "सभी प्रकार की हिंसा, अत्याचारों और हमलों" की निंदा करते हुए, धर्माध्यक्षीय प्रतिनिधिमंडल ने इसे रोकने में "कानून प्रवर्तन एजेंसियों की लंबे समय तक चुप्पी और उदासीनता" की निंदा की।

उन्होंने सरकार से अपील की है कि वह "हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बनाए रखे, संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करे और विभिन्न समुदायों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का माहौल तैयार करे।"

“हम संबंधित व्यक्तियों से अपील करते हैं कि वे वार्ता प्रक्रिया शुरू करें और भारत एवं विशेष रूप से मणिपुर राज्य में शांति और सद्भाव लाने के लिए लोगों के सभी वर्गों के विकास पर ध्यान केंद्रित करें।"

सीबीसीआई के प्रतिनिधियों ने यह दौरा सोशल मीडिया पर उस वीडियो के सामने आने के पाँच दिन बाद किया है जिसमें दो महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाया गया और बाद में कई पुरुषों द्वारा उनके साथ बलात्कार किया गया।

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25 July 2023, 15:52