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पश्चिमी युगांडा के एक माध्यमिक विद्यालय पर विद्रोहियों के हमले पश्चिमी युगांडा के एक माध्यमिक विद्यालय पर विद्रोहियों के हमले  (ANSA)

युगांडा के पुरोहित ने नरसंहार को रोकने हेतु शांति वार्ता की अपील की

पश्चिमी युगांडा में म्पोंडवे के स्कूल में 40 से अधिक छात्रों की हत्या कर दी गई। कासे धर्मप्रांत के फादर संडे अगुस्टीन मसेरेका का कहना है कि निर्दोष लोग एक विस्मृत युद्ध में मर रहे हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

युगांडा, कासे, सोमवार 19 जून 2023 (वाटिकन न्यूज) : पश्चिमी युगांडा के एक माध्यमिक विद्यालय पर विद्रोहियों के हमले में 42 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें से अधिकांश छात्र हैं। छात्रों का भी अपहरण कर लिया गया है और कम से कम आठ, गंभीर रूप से घायल पीड़ितों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जो विद्रोहियों द्वारा स्कूल में आग लगाने के बाद झुलस गए थे।

 युगांडा के पुलिस अधिकारियों ने एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेस (एडीएफ) के उग्रवादियों को दोषी ठहराया है, जो कांगो के पूर्वी लोकतांत्रिक गणराज्य में स्थित एक समूह है, जिसने इस्लामिक स्टेट के प्रति निष्ठा का संकल्प लिया है।

उन्होंने कहा कि सेना और पुलिस इकाइयां हमलावरों का पीछा कर रही हैं, जो विरुंगा राष्ट्रीय उद्यान की ओर सीमा पार डीआरसी की ओर भाग गए।

फादर मसेरेका पश्चिमी युगांडा में कासे धर्मप्रांत के संचार कार्यालय के प्रभारी हैं, जहां हमला हुआ था। उन्होंने वाटिकन रेडियो को हमले के बारे में बताया कि लुबिरिरा स्कूल पर शुक्रवार 16 जून की रात करीब 11 बजे विद्रोहियों ने हमला किया, जो कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) के पास की सीमा के पार आए थे।

उन्होंने कहा, "स्कूल में लगभग 62 छात्र थे, जिनमें लड़कियां और लड़के दोनों थे और विद्रोहियों ने उनमें से 41 को मार डाला, और अब, एक और की मौत हो गई है," कुल मिलाकर 42 हमला के शिकार हुए।

फादर मसेरेका ने कहा कि विद्रोहियों का हमला भीषण था और इसमें बम विस्फोट करना, इमारत और उसमें रहने वालों पर आग लगाना, बच्चों और कर्मचारियों पर हथियारों और चाकुओं से हमला करना शामिल था।

उन्होंने अधिकारियों के बयान की पुष्टि की जो एडीएफ उग्रवादियों की ओर इशारा करता है जो कांगो में स्थित हैं। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि समूह एक उग्रवादी इस्लामिक समूह है क्योंकि जीवित बचे लोगों में से एक - एक गर्भवती महिला - को बख्शा गया क्योंकि विद्रोहियों ने उसे बताया कि मुसलमान बच्चे को जन्म देने वाली महिला को नहीं मार सकते।

फादर मसेरेका ने बताया कि इस तरह के हमले का कारण प्रतिशोध है। देश की सशस्त्र सेना, युगांडा पीपुल्स डिफेंस फोर्स (यूपीडीएफ) एडीएफ विद्रोहियों के खिलाफ पड़ोसी डीआरसी में लगी हुई है, जबकि विद्रोही स्वयं "युगांडा से लड़ने के लिए कांगो में प्रशिक्षण ले रहे हैं।"

"वे आपस में लड़ रहे हैं।"

फादर मसेरेका ने कहा कि एडीएफ ने पिछले वर्षों में युगांडा और पूर्वी कांगो दोनों में अनगिनत हमले और हत्याएं की हैं और सीमा के दोनों ओर के लोग भयभीत हैं।

उन्होंने कहा, "दो सप्ताह भी नहीं हुए हैं और वे युगांडा में लोगों को मारने आए हैं; इस बार उन्होंने बोर्डिंग स्कूल और छात्रों पर हमला किया, (...) और कांगो में इससे भी ज्यादा हत्याएं हुई हैं।”

युगांडा के धर्माध्यक्ष ने पुष्टि की कि गिरजाघरों और पुरोहितों को भी निशाना बनाया गया है और उन्होंने विद्रोही समूह की स्थापना के तुरंत बाद 1996 में युगांडा की एक सेमिनार पर घातक हमले को याद किया।

पूर्वी डीआरसी में संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिक

इस बारे में पूछे जाने पर कि क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय समर्थन क्या है, फादर मसेरेका ने कहा कि पूर्वी डीआरसी में संयुक्त राष्ट्र की सेनाएँ हैं, लेकिन एक व्यापक भावना है कि वे काफी हद तक अप्रभावी हैं।

उन्होंने कहा, "कांगो के अनुसार, वे बहुत कुछ नहीं कर रहे हैं और कांगो में लोगों को बहुत अधिक विस्थापित किया जा रहा है। वे वास्तव में कांगो में पीड़ित हैं और यहां तक ​​कि पुरोहित भी मारे जा रहे हैं।"

उन्होंने जारी रखा, "यह वास्तव में भयानक है और बहुत आवश्यकता है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिक ज्यादा मदद नहीं कर रहे हैं। इसलिए कांगो के लोग संयुक्त राष्ट्र के साथ बहुत सहज नहीं हैं।”

शांति वार्ता की अपील

फादर मसेरेका ने कहा कि यहाँ बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की जरुरत है, क्योंकि लोग मर रहे हैं और लड़ाई से कुछ भी हल नहीं निकल सकता।

"शांति वार्ता विभिन्न समूहों को एक साथ आने, अपनी बात साझा करने और सहमत होने के लिए बुला रही है," उन्होंने जोर देकर कहा, "अन्यथा लोग मरते रहेंगे।

"बंदूकें कुछ भी हल नहीं कर रही हैं। लोगों का मरना जारी है। लड़ाई से कुछ हल नहीं हो रहा है और स्थानीय लोग हर दिन मर रहे हैं।”

फादर मसेरेका ने कहा, "अगर वे एक साथ आते हैं और सहमत होते हैं और शांति वार्ता करते हैं, तो शायद वे कुछ हासिल कर सकते हैं। कलीसिया को भी शामिल होना चाहिए।"

 

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19 June 2023, 16:40