पोलैंड, प्रेज़्मिस्ल मठ यूक्रेन की महिलाओं और बच्चों के लिए एक घर बन गया है
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
प्रेज़्मिस्ल, गुरुवार 1 जून 2023 (वाटिकन न्यूज) : स्टैरी वीज़ की निष्कलंक गर्भाधान धन्य कंवारी मरिया की सेविकायें यूक्रेन की सीमा से 12 किलोमीटर दूर प्रेज़्मिस्ल में रहती हैं। युद्ध छिड़ने के बाद के शुरुआती घंटों से ही वे अपने देश से भागे हुए शरणार्थियों की मदद करने में शामिल रही हैं। सिस्टर इवा मेहल इस तरह बताती हैं: "युद्ध के पहले दिन हमने सीमा पर, रेलवे स्टेशन पर और केंद्रों में शरणार्थियों के लिए सैंडविच, बिगोस (मांस के साथ गोभी) और गर्म पेय देनी शुरू किया। कई लोग हमारे लिए खाना लेकर आए, लेकिन हमें पता चला कि ये लोग स्टेशन में सो रहे हैं। हमने विशेष रूप से छोटे बच्चों, माताओं, बुजुर्गों और विकलांगों के लिए रात भर ठहरने को सुनिश्चित करने का ध्यान रखा। हम रेलवे स्टेशन जाते थे, जहाँ शरणार्थियों को ट्रेनों की प्रतीक्षा रात भर करना पड़ता था और हम उन्हें अपने साथ रात भर रहने का आमंत्रण देते थे। हम अपनी कार से उन्हें अपने घर लाते थे।
सिस्टर इवा कहती हैं, “हालाँकि, यह आसान नहीं था, क्योंकि उन्हें अज्ञात लोगों द्वारा आमंत्रित किया गया था। आपको उनका विश्वास जीतना था। इन बंदिशों को तोड़ना जरूरी था, इन लोगों में विश्वास पैदा करना क्योंकि हर कोई अनजान जगह सोना नहीं चाहता था। वे चिंतित थे कि आगे क्या होगा, स्टेशन से दूर, क्योंकि वे सीमा के करीब रहना चाहते थे।"
प्राथमिक मदद
सिस्टर इवा यूक्रेन से भयभीत और भूखे शरणार्थियों की प्राथमिक मदद का वर्णन करती है: "पहली बात गर्म भोजन था, हमने यहां से शुरुआत की। फिर नहा धोकर रात में सोना। उसी समय हमने एक गोदाम बनाया ताकि सबसे आवश्यक चीजें हाथ में हों, क्योंकि पोलैंड और विदेशों से बहुत से लाभार्थी थे। हमने उनसे पूछा कि यात्रा जारी रखने के लिए सबसे जरूरी क्या है। बहुत थके हुए लोग आते और हमें बताते कि वे कई दिनों से नहाए नहीं हैं। कभी-कभी वे सीधे आश्रयों से आते थे।”
छोटे बच्चों वाली माताएँ
सिस्टर मेहल बताती हैं कि छोटे बच्चों वाली माताएँ सबसे कठिन स्थिति में थीं। सबसे छोटा बच्चा तीन सप्ताह का था। इन माताओं के लिए विशेष परिस्थितियों का निर्माण करना आवश्यक था और नवजात शिशुओं को विशेष देखभाल की आवश्यकता थी। हमने आंगन में एक खेल का मैदान बनाया। कभी-कभी परिवार देर शाम हमारे पास आते थे और बच्चे घर में घुसना भी नहीं चाहते थे, लेकिन तुरंत आंगन में खेलने लगते थे।"
सिस्टर मेहल रात में बाहर जाने को भी याद करती है: "कभी-कभी, जब किसी को हमारी ज़रूरत होती थी, तो हम आधी रात को स्टेशन जाते थे। ये मामले अक्सर छोटे बच्चों के होते थे। स्वयंसेवक स्टेशन से यह कहते हुए फोन करते थे कि एक परिवार या कई बच्चों वाली एक माँ है जिनके पास सोने के लिए जगह नहीं है। हम उन्हें घर ले जाते थे। फिर हम उन्हें वापस उस ट्रेन में ले जाते, जिस पर वे अपनी यात्रा जारी रखना चाहते थे।
प्रजेमिसल कॉनवेंट में लगातार आने वाले शरणार्थियों की बड़ी संख्या (लगभग 40 लोग एक दिन) के कारण, धर्मसमाज के अन्य कॉनवेंट से हमारी धर्मबहनें मदद करने आयी। उनमें तीन धर्मबहनें भी थी जो यूक्रेन में काम करती हैं और जो पोलैंड में युद्ध से हैरान थीं: सिस्टर क्रिस्टीना, सिस्टर लूजा और सिस्टर इरीना। वे यूक्रेनी भाषा जानती थी और शरणार्थियों के साथ संवाद करने में मदद की।
इतनी तेजी से और प्रभावी मदद का आयोजन कई लोगों की भागीदारी के कारण संभव हुआ। सिस्टर इवा मेहल रेखांकित करती हैं: "यूक्रेन सहित पोलैंड और विदेशों में सभी बहनें, प्रार्थना और सेवा के माध्यम से शरणार्थियों की मदद करने, धन और भौतिक वस्तुओं का दान करने, संग्रह का आयोजन करने और पहल में भाग लेने में शामिल रही हैं। उन्होंने भोजन, कपड़े, दवाएं, स्वच्छता उत्पाद भी तैयार किया है।"
कृतज्ञता
जिन लोगों ने इस मदद का अनुभव किया है वे बहुत आभारी हैं। यहाँ उन ईमेलों में से एक है जो उन्होंने यूक्रेन में धर्मबहनों को भेजे थे जिन्होंने अपने घरों में प्राथमिक सहायता की पेशकश की थी: “इंग्लैंड में हमारे नए घर की यात्रा के दौरान हमें जिस कार की पेशकश की गई, उसके लिए हम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहते हैं। आपके साथ रहने की संभावना ने मानव में हमारे विश्वास को कई गुना बढ़ा दिया है; कठिन क्षणों के बावजूद, हम एक बढ़ा हुआ हाथ देख सकते थे। हम, पूरा परिवार, दी गई मदद के लिए बहुत आभारी हैं। हमारे लिए यह ईश्वर के प्रेम और हमारे जीवन में उनकी उपस्थिति का अनुभव भी था। वे हमें अकेला नहीं छोड़ते, बल्कि सबसे बढ़कर कठिन क्षणों में उसने हमें अपने दूत भेजे जिन्होंने हमारी देखभाल की।' इसी तरह के कई धन्यवादी पत्र हमें मिले हैं।
पोलैंड में धर्मबहनों द्वारा दी गई मदद
पोलैंड में धर्मबहनों के एक हजार से अधिक कॉनवेंट यूक्रेन से शरणार्थियों की मदद के लिए संघर्ष की शुरुआत के बाद से विभिन्न तरीकों से लगे हुए हैं। पोलैंड में गतिविधियों के अलावा, 154 पोलिश धर्मबहनें वर्तमान में युद्धग्रस्त देश में अपनी सेवकाई करती हैं, यानी यूक्रेन में कुल 40% धर्मबहनें हैं। महिला धर्मसमाजों के संघों की परिषद द्वारा एकत्र किए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, शरणार्थी वर्तमान में 213 घरों और धार्मिक केंद्रों में मौजूद हैं। जो लोग यूक्रेनियों की मदद करने में धर्मबहनों का समर्थन करना चाहते हैं, वे महिला धर्मसमाजों के संघों की परिषद से संपर्क कर सकते हैं।
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