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हंगरी में संत पापा हंगरी में संत पापा   (VATICAN MEDIA Divisione Foto)

फिलिप कॉक्सिसः हंगेरियन हेतु संत पापा की यात्रा ईश्वर का एक उपहा

हजदुरोग प्रांत के प्राधिधर्माध्यक्ष फिलिप कॉक्सिस ने संत पापा फ्रांसिस की हंगरी प्रेरितिक यात्रा में सहभागी हुए। रेडियो वाटिकन-वाटिकन न्यूज को बुडापेस्ट स्टूडियो में दिये गये साक्षात्कार में, उन्होंने रोम के धर्माध्यक्ष द्वार अपने समुदाय के साथ बैठक पर खुशी व्यक्त की।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, रोमवार, 01 मई 2023 (रेई) हजदुरोग प्रांत के प्राधिधर्माध्य फिलिप कॉक्सिस ने हंगरी, संत पापा फ्रांसिस की 41वीं प्रेरितिक यात्रा को “ईश्वर की ओऱ से एक उपहार” घोषित किया।

महामहिम, हंगेरियन ग्रीक-काथलिक समुदाय के लिए संत पापा की यात्रा इतनी महत्वपूर्ण क्यों थीॽ

संत पापा हमेशा “पूर्वी कलीसिया” के साथ संपर्क करना चाहते हैं, यहां तक ​​कि काथलिकों और आर्थोडक्सों के साथ भी। दो साल पहले स्लोवाकिया उन्होंने ग्रीक-काथलिक समुदाय का दौरा किया था। मैं कह सकता हूं कि इस प्रेरितिक यात्रा की परियोजना उनके कार्यक्रम में नहीं थी। मैं इसे ईश्वर के उपहार स्वरूप देखता हूँ। हमारी कलीसिया संत एलिजबेत के बगल में है जहाँ संत पापा फ्रांसिस ने गरीबों और शरणार्थियों से भेंट की। यह उनकी बुडापेस्ट की यात्रा थी, हम हंगरीवासी वास्तव में, ज्यादातर स्लोवाकिया, यूक्रेन और रोमानिया की सीमा पर रहते हैं। जाहिर तौर पर यहाँ राजधानी में ग्रीक काथलिक भी हैं और यह यात्रा करना संभव था, जिसे मैं दोहराता हुए कहता हूँ, हमें लगा कि यह ईश्वर की ओर से एक उपहार था।

यूरोप की पूर्वी सीमाओं पर चल रहे युद्ध को देखते हुए हंगेरियन ग्रीक-काथलिक कलीसिया के सामने कौन-सी चुनौतियाँ हैं?

युद्ध क्रूर होता है, इससे परिवारों को भारी पीड़ा होती है। न केवल यूक्रेनी परिवारों में, बल्कि रूसी लोगों को भी। मैं उन देशों के बारे में भी सोच रहा हूँ जो उनके संपर्क में हैं, मैं उन हंगरीवासियों के बारे में सोच रहा हूँ जो यूक्रेनवासियों के इतने करीब हैं। सैकड़ों हजारों लोग यूक्रेन पहुंचे हैं, बहुसंख्यक ग्रीक ऑर्थोडॉक्स काथलिक हैं और हमारा कर्तव्य है कि हम न केवल सामाजिक दृष्टि से बल्कि आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी उनकी मदद करें। यहाँ हंगरी पहुंचे यूक्रेनवासियों की देख-रेख का आयोजन पहले ही किया जा चुका है। मैं दोहराता हूँ, हम ग्रीक काथलिकों का कर्तव्य है: इन लोगों की मदद करना। फिर मैं पश्चिम से आने वाले एक और खतरे के बारे में बात करना चाहूँगा: दुनियादारी। संत पापा अक्सर इसकी चर्चा करते हैं। हमारी कलीसिया, परंपराओं के प्रति बहुत वफादार है,  जो दुनियादारी के खिलाफ रक्षा की एक निश्चितता प्रदान कर सकती है। मैं यह नहीं कहना चाहता कि दुनियादारी हमें प्रभावित नहीं करती है, लेकिन हम अपनी जीवन शैली, एक विश्वास, ईश्वर के साथ एक संबंध जो हमें यह कहने की अनुमति देता है कि मनुष्य बदलता नहीं है। मानव हमेशा एक जैसा होता है। मनुष्य ईश्वर की छवि में है, कलीसिया हमें यह संदेश देती है जिसे हम याद रखें कि मनुष्य को ईश्वर की आवश्यकता है, यहाँ तक ​​​​कि उन लोगों को भी जो दुनियादारी के प्रभाव से ग्रसित हैं। 21वीं सदी मनुष्य के लिए ग्रीक-काथलिक कलीसिया महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

आप के कलीसिया की विशेषताएं क्या हैंॽ

मैं अपनी प्रार्थना के बारे में बातें करते हुए इसका उत्तर देना पसंद करूंगा जो कम से कम दो कारणों से विशिष्ट है। हमारे समारोह समृद्ध हैं, वे कई धुनें पेश करते हैं। यह युवा लोगों की संवेदनाओं का स्पर्श कर सकता है। इसके अलावा,  हमारी आध्यात्मिकता इतनी गहरी है कि यह येसु की प्रार्थना को प्रस्तुत करती है, कुछ अर्थों में, रोज़री के समान, वास्तव में, इसके बहुत ही करीब। यह उन लोगों के दिलों को भी छू सकती है जो ईश्वर से संपर्क करना चाहते हैं। हमारे दो खजाने हैं जिन्हें हमें लोगों को देना चाहिए ताकि वे हमारी आध्यात्मिकता का स्वागत कर सकें।

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01 May 2023, 16:18