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2023.03.13 गबोन में सिस्टर नेलौम्ता और युवतियाँ 2023.03.13 गबोन में सिस्टर नेलौम्ता और युवतियाँ  #SistersProject

सिस्टर नेलौम्ता: संत पापा की तरह अफ्रीका को समझने की कोशिष करें

संत जीन एंटाइड थौरेट की दया की धर्मबहनों की प्रांतीय सुपीरियर सिस्टरर पावला नेलौम्ता ने गबोन के युवा लोगों के बीच सामाजिक संकट का वर्णन किया है, अफ्रीकी राष्ट्र अपने जंगलों के शोषण और सतत आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने की आवश्यकता से जूझ रहा है। (अंतोनेल्ला पालेर्मो द्वारा)

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

गबोन, शुक्रवार 14 अप्रैल 2023 (वाटिकन न्यूज) : गबोन, पश्चिमी मध्य अफ्रीका में, कांगो नदी के किनारे बसे छह देशों में से एक है। इसके क्षेत्र का अस्सी प्रतिशत दुनिया के सबसे बड़े हरे फेफड़ों में से एक माना जाता है, जो वास्तव में इतना बड़ा है कि मार्च की शुरुआत में, इसकी राजधानी लिब्रेविले ने ‘वन शिखर सम्मेलन’ की मेजबानी की, जिसे फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रॉन द्वारा बढ़ावा दिया गया था। उन्होंने पश्चिमी मध्य अफ्रीका में चार अन्य राज्यों का भी दौरा किया। शिखर सम्मेलन में लैटिन अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया के राष्ट्राध्यक्षों ने शिरकत की। शिखर सम्मेलन में यह दिखाया गया था कि वनों की सुरक्षा और क्षेत्र के देशों के आर्थिक विकास में विवाद नहीं है। अधिकांश आबादी जिन स्थितियों में रहती है, उन्हें देखते हुए, किसी को यह आभास होता है कि चीजों को एक साथ रखना एक संघर्ष है। इस प्रकार, संत पापा द्वारा अफ्रीका में अपनी हालिया प्रेरितिक यात्रा के दौरान व्यक्त की गई चिंताओं को अनसुना कर दिये जाने का डर उचित है।

दया की धर्मबहन के साथ गबोन के युवा
दया की धर्मबहन के साथ गबोन के युवा

अमीर और गरीब के बीच बड़ी खाई

संत जीन एंटाइड थौरेट की दया की धर्मबहनों की प्रांतीय सुपीरियर सिस्टर पावला नेलौम्ता भी इस बात से सहमत हैं: "अमीर और गरीब के बीच की खाई बहुत बड़ी है।" वे बताती हैं कि स्कूल में मिशनरी धर्मबहनें चाहती हैं कि वे युवाओं को यह समझने में मदद करें कि "उन्हें हतोत्साहित होने की नहीं, बल्कि गरीबी का एक और समाधान खोजने के लिए, संघर्ष करने की जरूरत है।" सिस्टर पावला का मानना है कि 20 साल पहले गबोन को अफ्रीका के सबसे विकसित देशों में माना जाता था, लेकिन "हाल ही में, बहुत गहरा संकट आया है।" लोग तट पर केंद्रित हैं, जहां धर्मबहनों का छोटा समुदाय रहता है। यहीं 2001 में मिशन का जन्म हुआ था। पहला कॉन्वेट लैगून में खोला गया, जहां कोई अन्य धर्मसमाज नहीं जाना चाहते थे; उसके बाद वे पोर्ट जेंटिल चली गईं, जहाँ वे एक पल्ली स्कूल चलाती हैं, कारितास के साथ काम करती हैं और एक काथलिक स्कूल में पढ़ाती हैं।

युवा लोगों के साथ एक पोशाक प्रदर्शन
युवा लोगों के साथ एक पोशाक प्रदर्शन

विदेशी शोषण

"फ्रांस वासियों की वापसी ने देश को कमजोर कर दिया। [लोग] खालीपन का सामना करने के लिए तैयार नहीं थे; अब चीनी हैं, साथ ही कुछ स्पेनवासी भी हैं। स्थानीय आबादी की परवाह न करते हुए, हर कोई अपनी जरूरत की चीजें लेने की कोशिश करता है।"

सिस्टर पावला कहती हैं, “फिलहाल, गबोन अकेले आगे बढ़ने में सक्षम नहीं है। गरीबी हिंसक तरीके से आई। मेरी राय में, एक ऐसी सरकार की जरूरत है जो बाहरी भ्रष्टाचार से परे लोगों की भलाई के बारे में चिंता करे।” उसके अनुसार सामाजिक विकास की कमी है।

सिस्टर पावला अपने देश चाड के बारे में भी हमसे बात करती हैं, जहां राजनीतिक अस्थिरता के कारण भी स्थिति बहुत खराब है। वे पिछले साल अक्टूबर की दुखद घटनाओं, विनाशकारी बाढ़ और चाड के संक्रमण पर प्रदर्शनों के कठोर दमन को याद करती हैं। वे इस बात से आश्वस्त हैं,  कि “इन सारी बुराई के बावजूद, ईश्वर हमें नहीं छोड़ते।" वे इस बात पर प्रकाश डालती हैं कि "ताकत महिलाओं में है और गरीबों के बीच एकजुटता में है। उदाहरण के लिए, जो लोग बाढ़ में अपने घरों को खो चुके थे, वे गिरजाघरों में जाने वाले पहले लोगों में से थे, ताकि दूसरों को पता चल सके कि अपने घरों को खोने वालों के लिए आतिथ्य उपलब्ध था।”

भावी पीढि़यों का निर्माण
भावी पीढि़यों का निर्माण

सामाजिक संकट और मानव तस्करी

गबोन में, “जो धर्मबहन स्कूल में पढ़ाने जाती है वह युवा प्रेरिताई में भी संलग्न है। यहाँ परिवार टूटते जा रहे हैं और हिंसा दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। सिस्टर नेलौम्ता बताती हैं, "यहाँ बहत कुछ करना है और हमारी संख्या कम है। एक "नई" और चुनौतीपूर्ण घटना भी सामने आती है: कई युवा 'पागल' हो जाते हैं और सड़कों पर रहते हैं।" लोगों को सचमुच अपना दिमाग खोते हुए देखना एक सदमा है। धर्मबहनें और आम लोग कुछ करने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह मुश्किल है। यह इस बात का संकेत है कि देश में कुछ गड़बड़ है।" सिस्टर पावला संप्रदायों की उपस्थिति के बारे में बात करती हैं, जो “विशेष रूप से युवा लोगों को आकर्षित कर रहे हैं; वे उन्हें बहकाते हैं। अंतरात्मा में हेरफेर करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप गंभीर क्षति और सामाजिक अस्थिरता होती है।” इस संबंध में धर्मबहन बताती हैं कि तस्करी के शिकार लोग बहुत ही नाजुक स्थितियों में रहते हैं। तट पर रहने वालों और देश के आंतरिक इलाकों में रहने वालों के बीच घृणा का माहौल बना रहता है।

दया की धर्मबहनों द्वारा संचालित स्कूल के बच्चे
दया की धर्मबहनों द्वारा संचालित स्कूल के बच्चे

'बचकर रहे अफ्रीका'

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य जैसे निकट के स्थानों में संत पापा की उपस्थिति की स्मृति बहुत जीवंत है: "पूरा अफ्रीका, विशेष रूप से उप-सहारा अफ्रीका, संत पापा फ्राँसिस के करीब महसूस किया।" सिस्टर पावला  की पुष्टि करती हैं, “हमें लगा कि हमारे लिए कोई है जो हमें समझता है। अब हम अधिक स्पष्ट रूप से जानते हैं कि हमारे संसाधन हमें चोट पहुँचाते हैं। यह एक विरोधाभास है। जब उन्होंने कहा, 'बचकर रहे अफ्रीका', तो इस वाक्यांश ने एक तरह से हमें किसी से मुक्त कर दिया। ऐसा लगा जैसे उन्होंने हमें सिर उठाने की ताकत दी हो। यह सच है कि उनका स्वागत करने वाले हम ही थे, लेकिन वास्तव में उन्होंने ही हमारा स्वागत किया था। हम देखते हैं कि वे अफ्रीका में कलीसिया के प्रति बहुत चौकस हैं और यह हमारे लिए बहुत अच्छा है। हम धर्मसंघियों, पुरोहितों और धर्माध्यक्षों को यहां ख्रीस्त की गवाही देना जारी रखना चाहिए। हमें भी अपने आप को थोड़ा शुद्ध रखना चाहिए और यह हमारे लिए बहुत अच्छा है।

वे फिर से अपील करती हैं, "अफ्रीका को जानने की कोशिश करें, सांत्वना का एक शब्द पेश करें।  हमारा मीडिया सब कुछ साझा नहीं करता है; जब कोई हमारे बारे में बात करता है, तो हमें लगता है कि हम अकेले नहीं हैं”।

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14 April 2023, 13:30