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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पास्का महापर्व के शुभावसर पर दिल्ली स्थित सेक्रेड हार्ट गिरजाघर में पुनर्जीवित ख्रीस्त की प्रतिमा के सामने मोमबत्ती जलाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पास्का महापर्व के शुभावसर पर दिल्ली स्थित सेक्रेड हार्ट गिरजाघर में पुनर्जीवित ख्रीस्त की प्रतिमा के सामने मोमबत्ती जलाते हुए 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पास्का रविवार को दिल्ली महागिरजाघर गये

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पास्का महापर्व के शुभावसर पर ख्रीस्तियों के प्रति एकात्मकता व्यक्त करने हेतु दिल्ली स्थित सेक्रेड हार्ट गिरजाघर गये। और एक ट्वीट में, उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह अवसर "हमारे समाज में सद्भाव की भावना बढ़ाएगी।" फादर थेलाकत के अनुसार, "एक सकारात्मक तथ्य जो भारत के बहुलवाद को मान्यता देता है। लेकिन ख्रीस्तीय भी अब उम्मीद करते हैं कि वे इस बढ़ती ख्रीस्तीय-विरोधी असहिष्णुता पर अपनी चुप्पी से बाहर आयें और अपनी पार्टी के भीतर चरमपंथी तत्वों को नियंत्रित करें।"

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

भारत के लिए यह एक दुर्लभ और महत्वपूर्ण भाव रहा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पास्का महापर्व के अवसर पर दिल्ली स्थित पवित्र हृदय महागिरजाघर का दौरा किया। महागिरजाघर में प्रधानमंत्री का स्वागत महाधर्माध्यक्ष अनिल कुटो ने किया, जहाँ उन्होंने पुनर्जीवित ख्रीस्त की प्रतिमा के सामने मोमबत्ती जलायी और कॉम्प्लेक्स के बगीचे में एक पौधा रोपा।  

प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीटर के माध्यम से भी ख्रीस्तीय विश्वासियों को पास्का पर्व की शुभकामनाएँ अर्पित की हैं। ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि “यह विशेष अवसर हमारे समाज में सौहार्द की भावना बढ़ाएगी। यह लोगों को समाज की सेवा करने और वंचितों की मदद करने के लिए प्रेरित करेगा। आइए इस दिन हम येसु ख्रीस्त के पवित्र विचारों को याद करें।"

दिल्ली के महाधर्माध्यक्ष ने मोदी के दौरे का स्वागत किया है। भारत के आधिकारिक न्यूज एजेंसी एनी द्वारा प्रकाशित एक बयान में महागिरजाघर के पुरोहित फादर फ्राँसिस स्वामीनाथन ने इसे “एक बड़ा संदेश कहा है।”

भारतीय राजनीति के पर्यवेक्षकों ने इस भाव को 2024 के चुनावों से पहले प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए नारे "सबका साथ, सबका विकास" से जोड़ा: जो भारत के विभिन्न समुदायों के बीच सहयोग का आह्वान करता है, जहाँ दुर्भाग्य से हिंदू राष्ट्रवादियों ने सामुदायिक विभाजन को बढ़ावा दिया है, जो अक्सर सुर्खियों में रहता है।

पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने सीरियाई रीति की मलांकरा ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के धर्मगुरू बेसलियोस मारथोमा मैथ्यू तृतीया से दिल्ली में मुलाकात की थी। महाधर्माध्यक्ष ने उन्हें केरल के कोट्टेयाम आने का भी निमंत्रण दिया था।  

बेसलियोस मैथ्यू तृतीया ने कहा, “हम समुदायों के बीच सहयोग के संदेशों से खुश हैं। लेकिन साथ ही हमें विभिन्न क्षेत्रों में समस्याएँ हैं, ख्रीस्तीय गिरजाघरों के खिलाफ हमले हुए हैं। और ये तथ्य एक वास्तविकता है जिसका सामना करने की आवश्यकता है।"

केरल में भी, कुछ प्रमुख भाजपा नेताओं ने पास्का के दिन गिरजाघरों का दौरा किया। इस भाव को स्थानीय विपक्षी नेताओं ने चुनाव अभियान से जोड़ा, इसे अवसरवादी बताया और याद किया कि कैसे - इसके विपरीत - इन दिनों उसी पार्टी के एक मंत्री ने कहा था कि ख्रीस्तीय जो "धर्मांतरण करने के लिए" दूसरे लोगों के घरों में जाते हैं उन्हें पीटा जाना चाहिए।

एशिया न्यूज से बातें करते हुए सिरो मलाबार कलीसिया के पूर्व प्रवक्ता फादर पौल थेलाकट ने कहा, “मैं पास्का के दिन दिल्ली के सेक्रेड हार्ट महागिरजाघर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे का स्वागत करता हूँ। यह वास्तव में इस देश के ख्रीस्तीयों के साथ उत्सव मनाने का एक भाव है। यह एक मिस्रित राष्ट्र है और मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री ने भारत की बहुलता का जश्न मनाया है।" हालांकि, इस देश के ख्रीस्तीय, हिन्दूत्ववादी विचारधार के साथ बीजेपी के ख्रीस्तीय विरोधी मनोभाव से डरते हैं। मैं मानता करता हूँ कि यह चुनाव के पहले राजनीतिक प्रचार-साधन नहीं है लेकिन देश के प्रत्येक व्यक्ति के पास पहुँचने की ईमानदार कोशिश है। ख्रीस्तीय अब उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी इस बढ़ती ख्रीस्तीय-विरोधी असहिष्णुता पर अपनी चुप्पी से बाहर आएंगे और पार्टी के भीतर चरमपंथी तत्वों को नियंत्रित करेंगे। ख्रीस्तीयों का मनोभाव न तटस्थ और न ही पूर्ण निंदा का बल्कि राजनीतिक विवेक का होना चाहिए। यह एक साकारात्मक मनोभाव है लेकिन इसका उद्देश्य दूसरे समुदायों के लिए भी हो; भारतीय समाज के कोई भी क्षेत्र को देश के शत्रु के रूप में नहीं देखा जाना या व्यवहार किया जाना चाहिए।

 

 

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11 April 2023, 15:16