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केन्या में विरोध प्रदर्शन केन्या में विरोध प्रदर्शन  (AFP or licensors)

केन्या: धर्माध्यक्षों द्वारा युद्धविराम की मांग के बाद विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन स्थगित किया

जैसा कि केन्याई धर्माध्यक्षों ने देश में वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक संकट पर एक नया बयान जारी किया, अकाल के खतरों के बीच, विपक्षी नेता रैला ओडिंगा ने बढ़ती लागत और विवादित 2022 चुनावों पर सरकार के प्रति विरोध को बंद कर दिया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

नैरोबी, बुधवार 5 अप्रैल 2023 (वाटिकन न्यूज) : लगभग दो सप्ताह की तीव्र राजनीतिक अशांति के बाद, इस सप्ताह केन्या में तनाव कम हो गया है, जब विपक्षी नेता रैला अमोलो ओडिंगा ने 3 अप्रैल को होने वाले चौथे राष्ट्रीय सरकार विरोधी प्रदर्शन को बंद कर दिया और राष्ट्रपति विलियम सामोई रूटो के साथ चुनावी सुधार पर बातचीत करने के लिए सहमत हुए।

उच्च लागत और कथित चुनावी धोखाधड़ी के खिलाफ विरोध

20 मार्च के बाद से, ओडिंगा के अजिमियो के एक केन्या गठबंधन द्वारा बुलाए गए तीन प्रदर्शनों में खाद्य वस्तुओं की लागत बढ़ाने और 2022 के राष्ट्रपति चुनावों में कथित धोखाधड़ी के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। विरोध प्रदर्शन उत्तरी केन्या में शुरु हुआ, अर्थात् काउंटी तुर्काना, अफ्रीका के हॉर्न में अन्य देशों की तरह एक अभूतपूर्व सूखे और खाद्य संकट का सामना कर रहा है।

विरोध प्रदर्शनों में कम से कम तीन लोगों के मारे जाने, 400 के घायल होने, 200 से अधिक गिरफ्तारियाँ हुई हैं और कई व्यवसायों के साथ-साथ संपत्तियों, पूजा स्थलों और कारों में आग लगा दी गई।

ओडिंगा के साथ बातचीत के लिए राष्ट्रपति रूटो का प्रस्ताव

पूर्व प्रधान मंत्री ओडिंगा, जो पिछले अगस्त के चुनावों में हार गए थे, और रुटो की जीत पर विवाद किया था, रविवार शाम को घोषणा की कि वह चुनावी प्रक्रिया के बारे में विपक्ष की चिंताओं के माध्यम से काम करने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी के प्रस्ताव के जवाब में चौथी रैली को स्थगित कर रहे हैं।

विपक्ष के नेता ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति के बयान को "जैतून की शाखा" और एक सकारात्मक विकास के रूप में देखा। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रक्रिया फलीभूत नहीं हुई तो उनकी पार्टी प्रदर्शनों को फिर से शुरू करने के लिए तैयार है।

धर्माध्यक्षों द्वारा युद्धविराम का आह्वान

 केन्याई काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (केसीसीबी) ने सभी "केन्याई, सरकार और विपक्ष के नेताओं" को संबोधित करते हुए एक बयान जारी किया।

धर्माध्यक्षों ने "संघर्ष" और "सभी राजनीतिक प्रदर्शनों को स्थगित करने" का आग्रह किया। केसीसीबी के अध्यक्ष, मोम्बासा के महाधर्माध्यक्ष मार्टिन किवुवा मुसोंडे ने बयान के मुख्य अंश अचीअफ्रीका प्रेस को पढ़कर सुनाया।

बयान में, "मैंने अपने लोगों का क्रंदन सुना है" (निर्गमन 3:7), धर्माध्यक्षों ने फिर से देश में अराजकता फैलने के जोखिम के प्रति आगाह किया। उन्होंने "तबाही और अराजकता" पर ध्यान दिया। उन्होंने विरोध प्रदर्शन से देश में होने वाले खून-खराबे और सम्पति के नष्ट होने से आम लोगों की तबाही पर को चिह्नित किया है और केन्याई राजनीतिक नेताओं द्वारा इसकी गंभीर समस्याओं को दूर करने से इनकार करने की ओर इशारा किया।

उन्होंने कहा, "हम हमेशा विलाप करते नहीं रह सकते और अपनी समस्याओं को हल करने के लिए किसी और पर दोषारोपण नहीं कर सकते।" "हमें यह तय करना होगा कि कोई भी नेता, चाहे उसका पद या शक्ति कुछ भी हो, हमें घृणा और हिंसा के गर्त में नहीं धकेलेगा।"

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05 April 2023, 16:55