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आप्रवासी कैद केंद्र के बाहर वेनेजुएला का अबेल मालदोनादो अपने भाई के लिए शोक मनाते हुए आप्रवासी कैद केंद्र के बाहर वेनेजुएला का अबेल मालदोनादो अपने भाई के लिए शोक मनाते हुए  

ग्वाटेमाला के धर्माध्यक्षों ने आप्रवासी केंद्रों में मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा की

ग्वाटेमाला के काथलिक धर्माध्यक्षों ने आप्रवासी केंद्रों को कैद का स्थान कहा है जहाँ मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है। उन्होंने सरकारों से स्थानीय और क्षेत्रीय कार्यों एवं नीतियों को लागू करने की अपील की जो विकास को बढ़ावा देते, कानूनों और समझौतों का सम्मान करते हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

मेक्सिको के अधिकारियों की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जिन्होंने जिन्होंने इस सप्ताह स्यूदाद जुआरेज़ में एक आप्रवासियों के ठहरने के एक केंद्र में आग लगने से मारे गए लोगों को न्याय दिलाने का संकल्प लिया है, ग्वाटेमाला के काथलिक धर्माध्यक्षों ने आवाज उठायी है कि "प्रेयोक्ति के साथ बहुत हो गया (...) यह आप्रवासी शेल्टर नहीं बल्कि कैद सेंटर हैं जहाँ जबरन आवाजाही में लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है।”

स्यूदाद जुआरेज़ में आग

सोमवार को ग्वाटेमाला और अन्य मध्य अमेरिकी देशों के कम से कम 39 आप्रवासियों की मौत हो गई और 28 अन्य घायल हो गए, जब वे केंद्र में लगी आग से बाहर नहीं निकल पाए, जहाँ अमेरिका में शरण के लिए उनके अनुरोधों पर कार्रवाई की जा रही थी।

त्रासदी के बारे में सुनने के बाद, संत पापा फ्राँसिस ने तुरंत मृत आप्रवासियों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करने का आह्वान किया।

गुरुवार, 30 मार्च को फिदेस समाचार एजेंसी को भेजे गए अपने बयान में, धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के मानव गतिशीलता अनुभाग के प्रेरितिक देखभाल विभाग के धर्माध्यक्षों ने घटना के लिए एकजुटता और रोष व्यक्त किया।

एकता और आक्रोश

धर्माध्यक्षों ने कहा, "जैसा कि हम कई बार कहा चुके हैं, 'ग्वाटेमाला का प्राथमिक दायित्व है कि वह पुरुष और महिला नागरिकों के अधिकारों को उनके देश में गरिमापूर्ण परिस्थितियों में रहने और उनके अधिकारों के अनुसार लागू करे।"

उन्होंने कहा, "इस जिम्मेदारी का पालन करने में विफल, ग्वाटेमाला, और विशेष रूप से ड्यूटी पर मौजूद अधिकारी, मेक्सिको में आव्रजन स्टेशन पर आग लगने की घटनाओं के लिए सह-जिम्मेदार हैं"।

उन्होंने "संकटपूर्ण आग के शिकार लोगों के परिवारों के प्रति" संवेदना और एकजुटता व्यक्त की, और पीड़ितों के परिवारों के लिए ईश्वर से सांत्वना की कामना की, लेकिन "मूल, पारगमन और गंतव्य स्थलों में शामिल राज्यों के परित्याग और निष्क्रियता की भी जबरदस्त निंदा की।"

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01 अप्रैल 2023, 17:08