खोज

बेतलेहेम शहर में येसु के जन्मस्थान गिरजाघर में प्रार्थना करते एक फ्राँसिस्कन पुरोहित बेतलेहेम शहर में येसु के जन्मस्थान गिरजाघर में प्रार्थना करते एक फ्राँसिस्कन पुरोहित  (AFP or licensors)

गुड फ्राइडे दानसंग्रह : तीर्थयात्रियों की वापसी उम्मीद की एक किरण

फ्राँसिसकन फादर जॉन लूक ग्रेगोरी ने पवित्र भूमि की देखभाल एवं पवित्र भूमि में रहनेवाले ख्रीस्तियों का समर्थन करने के महत्व पर चिंतन किया है। उन्होंने कहा, "तीर्थयात्रियों को यहाँ एक गरिमापूर्ण स्वागत और ईश्वर के वचन को सुनने के लिए शांत वातावरण मिलनी चाहिए, जहाँ यह पहली बार गूँजा था और ईश्वरीय रहस्यों को कलीसिया की धर्मविधि की सुन्दरता में मनाया जाता है।”

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

हाल के महीनों में, कुछ लोगों द्वारा अपने हृदय की कठोरता, आक्रमणों और संघर्षों के कारण अवश्यंभावी और बढ़ती हुई परछाइयों के बावजूद, पवित्र भूमि में एक बार फिर से आशा की किरण चमकने लगी है।  इस तथ्य के बावजूद, कठिन प्रयास किए जा रहे हैं। संवाद और क्षमा के मार्ग को आगे बढ़ाने के लिए कई लोग प्रयासरत हैं। आशा की यह किरण तीर्थयात्रियों की आश्चर्यजनक और लगातार बढ़ती संख्या में वापसी से स्पष्ट है। तीर्थस्थल लोगों से भरे हैं और सड़कों पर भीड़ लगी है। हम हर्षित और विश्वास से भरे गीतों को सुन रहे हैं और पृथ्वी भर के लोगों की भाषाओं की विविधता हर जगह गूंज रही है।

ख्रीस्तीय तीर्थयात्री "मुक्ति के स्थान" पर कुछ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने के लिए यहाँ आते हैं। बेथलहम में वे बालक येसु में, मानवता के क्षितिज पर उगते सूर्य और येरुसालेम में क्रूसित एवं पुनर्जीवित मसीह के प्रेम में एक साथ जुड़ने पर चिंतन करते हैं। जब वे वहाँ से लौटते एवं अपने दिनचर्या में वापस जाते हैं तब वे सच्ची आशा को अपने साथ ले जाते हैं, इस निश्चतता से कि येसु ने मौत पर विजय पायी है, उन्होंने हमें पापों से मुक्त किया है और हमें ईश्वर की संतान बनया है। दूसरी ओर जो लोग प्रकाश और आशा की खोज करने आते हैं, वे अनजाने में अपने साथ उन लोगों के लिए प्रकाश और आशा के उपहार लाते हैं जो इस पवित्र भूमि में हमारे उद्धार के पवित्र स्थानों में रहते हैं, विश्वास करते हैं और उनकी देखभाल करते हैं। तीर्थयात्रियों के निर्मल और शांत चेहरे, अनजाने में ही, उन लोगों के चेहरों और आत्माओं को आराम देते हैं जिनसे वे मिलते हैं, जो अक्सर दैनिक जीवन के तनावों से जूझ रहे होते हैं। यह प्रेम की शक्ति है!

प्रेरितों एवं कलीसिया के सुसमाचार प्रचार के द्वारा कलवारी पर प्रेम और करुणा का सबसे पूर्ण और भव्य रूप प्रकट हुआ है तथा सारी दुनिया में फैल गया है जिसने पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों का जीवन बदल दिया है। इसने पवित्रता का चमत्कार किया है तथा सच्ची मानवीय गरिमा के विकास और संवर्धन को गति प्रदान की है।

संत पापाओं ने येरूसालेम की कलीसिया के प्रति अपने सामीप्य और विश्वभर के धर्मप्रांतों को उसके प्रति ठोस एकात्मता व्यक्त करने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया है। इतना ही नहीं उन्होंने पुण्य शुक्रवार दान संग्रह की भी स्थापना की है जिसके द्वारा पुण्य शुक्रवार को विश्व की सभी पल्लियों का दान संग्रह पवित्र भूमि के लिए जाता है।

कोविड 19 महामारी के कठिन वर्षों के बाद, जिसमें दानसंग्रह में भारी गिरावट, साथ ही साथ पवित्र सप्ताह की धर्मविधि में विश्वासियों की अनुपस्थिति देखी गई,  इस वर्ष के पुण्य शुक्रवार पर ख्रीस्तियों ने दानसंग्रह में सक्रिय रूप से भाग लेने की संभावना फिर देखी जा रही है।

पवित्र भूमि की कलीसिया के जीवन में योगदान और उदारता एक महान प्रज्ञा है जो जानता है कि मूल के साथ सम्पर्क बनाये रखना है और मूल की स्मृति को कभी नहीं खोना चाहिए।

यही कारण है कि पवित्र भूमि के संरक्षकों से संत पापा फ्राँसिस कहते हैं, "यह भूमि कई लोगों द्वारा प्यार किया गया और वांछित है। हम सभी इसकी रक्षा करने और यह महसूस करने के लिए बुलाये जाते हैं कि यह हमारा है। यह हमारी संस्कृति, इतिहास, धर्म के मूल में है... इसके लिए हमें सभी के सहयोग की जरूरत है।'

इसलिए हम प्रभु से प्रार्थना करते हैं, जो यहाँ इस पवित्र भूमि में चले, मुक्ति की आवश्यकता में मानव जाति से मिले और प्रेम के कारण स्वयं को दे दिया, वे आप पर अपनी प्रचुर आशीर्वादों की वर्षा करें, और विशेषकर, उन सभी पर जो पवित्र भूमि के लिए गुड फ्राइडे संग्रह में उदारता पूर्वक ठोस दान करनेवाले हैं।

धन्यवाद!

 

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

01 April 2023, 16:25