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कुत्रो में क्रूस रास्ता : आप्रवासी त्रासदी के बाद प्रार्थना करने हेतु हजारों एकत्रित हुए

दक्षिणी इटली में आप्रवासी त्रासदी स्थल पर रविवार को करीब पाँच हजार लोगों ने क्रूस रास्ता प्रार्थना में भाग लिया। क्रूस रास्ता का संचालन महाधर्माध्यक्ष एवं इमाम ने किया जिन्होंने एक स्वागत करनेवाले एवं समावेशी यूरोप का आह्वान किया। अब तक करीब 71 शव बरामद किये गये हैं कई अभी भी लापता है जब 80 लोगों को बचा लिया गया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

कुत्रो के तट पर एक कोरे रंग का स्वेटर पड़ा है, जिसका कुछ भाग बालू से ढंका हुआ है, कंकड़ और मलबे समुद्र से धुल गये हैं। उसके बगल में किसी ने एक छोटी वेदी बनाई है जिसपर मोमबत्ती, फूल एवं एक क्रूस रखा हुआ है।

क्रोतोने संत सेवेरिना महाधर्मप्रांत ने समुद्र तट पर एक क्रूस रास्ता प्रार्थना का आयोजन किया था जहाँ तुर्की से आनेवाली नाव के टूट जाने पर 26 फरवरी की सुबह कई आप्रवासी मृत पाये गये थे। नाव रेत से टकराकर टुकड़ी-टुकड़ी हो गई। और उसमें सवार सभी पुरूष, महिला और बच्चे पानी में आ गये।  

डूबी हुई नाव की लकड़ी से बना क्रूस

उस तट पर जहाँ 71 अप्रवासियों के शव पाये गये हैं -जिनमें से अधिकांश अफगानिस्तान एवं पकिस्तान के आप्रवासी थे- और जहाँ समुद्र की प्रचंड लहरों ने उन्हें बाहर फेंक दिया था, क्रोतोने के लोगों ने लकड़ी के एक भारी क्रूस के साथ प्रोसेशन किया। क्रूस टूटी नाव की लकड़ी से तैयार की गई थी। क्रूस को एक स्थानीय बढ़ाई ने तैयार किया और इसे पल्ली में रखा जाएगा।

पल्ली पुरोहित फादर फ्राँसिस कहते हैं कि यह क्रूस उन्हें येसु के क्रूस की याद दिलाता है : "यह खुरदरी, ठंडी लकड़ी इतने निर्दोष लोगों के शरीर को ढोयी जो उन पापों के लिए मर गए जिनको उन्होंने नहीं किया, यह हमारे भाइयों और बहनों के सपनों का प्रतीक है।" जैसे-जैसे दिन बीतते जा रहे हैं, "समुद्र सब कुछ को दूर ले रहा है।"

"खतरा ये है कि हम भी इस त्रासदी को अपने मन से निकाल देंगे जिसने हमें इतनी गहराई से छूआ।"

इटली के कुत्रो में नाव दुर्घटना
इटली के कुत्रो में नाव दुर्घटना

पल्लीवासियों एवं महापौर ने क्रूस ढोया

बोत्रीचेल्लो, रोका बेर्नार्दा, बेलकास्त्रो, ले कास्तेल्ला, इसोला कापो रिसूतो, सन लेओनार्दो पल्लियों के विश्वासियों और वहाँ की नगरपालिकाओं के अधिकारियों ने बारी-बारी से क्रूस को अपने कंधे पर लिया। अंतिम स्टेशन के लिए महापौरों ने क्रॉस को कंधा दिया।

महाधर्माध्यक्ष और ईमाम

महापौर के पीछे, क्रूस की छाया में महाधर्माध्यक्ष अंजेलो रफाएले पंजेत्ता एवं कुत्रो के ईमाम मुस्ताफा अकिक चल रहे थे। उन्होंने एक साथ मृतकों की आत्मा की अनन्त शांति के लिए प्रार्थना की। क्रूस रास्ता में भाग लेनेवालों में कई मुस्लिम थे। इमाम, अपनी 14 वर्षीय बेटी मलक के साथ थे और मुसलमानों द्वारा उनकी पांच दैनिक प्रार्थनाओं के लिए इस्तेमाल किया जानेवाला आच्छादन भी साथ लिये हुए थे।

यह एक प्रभावशाली छवि है कि 1 मार्च को दोनों ने 66 शवों के सामने एक साथ घुटनी टेककर प्रार्थना की। जैसे ही धर्माध्यक्ष पानजेत्ता तट पर पहुँचे, क्रूस का चुम्बन करने के बाद उन्होंने उपस्थित लोगों को आशीष दी और तुरन्त क्रूस रास्ता प्रार्थना की शुरूआत की। मुस्लिम भाई-बहनों के साथ प्रार्थना करते हुए उन्होंने कहा, "आइये हम एक ईश्वर से मिलकर प्रार्थना करें।"

कुत्रो में क्रूस रास्ता
कुत्रो में क्रूस रास्ता

गहराई से महसूस की गई भागीदारी

भागीदारी भारी और अप्रत्याशित थी। "आप्रवासियों" के कार्यालय ने कहा कि हजारों मौन नागरिकों ने महसूस किया कि उपस्थित होना उनका कर्तव्य था। एक महिला जो अपने पति के साथ इस प्रार्थना में भाग लेने आयी थी महसूस किया कि वे "व्यक्तिगत रूप से इस त्रासदी में शामिल हुए जिसने उनके दरवाजे पर दस्तक दी है।" क्रूस रास्ता में हर प्रकार के लोगों ने भाग लिया जैसे - फायरमैन, खेल समूह, स्थानीय दुकानदार, बच्चे, बुजुर्ग, पूरे परिवार, व्हीलचेयर में दो लड़के, कोसेंज़ा के महाधर्माध्यक्ष जोवन्नी केचिनातो, और लेमेत्सिया तेरमे के धर्माध्यक्ष सेराफिनो पैरिसी ने भाग लिया।

'हम मेहमाननवाज समुदाय बनना चाहते हैं'

धर्माध्यक्ष पनजेत्ता ने कहा, "येसु मानवता के प्रति ईश्वर का खुला और स्वागत करनेवाला हृदय है। जैसा कि हम एक साथ चले, हमने खुद से पूछा: 'क्या हम अभी भी ख्रीस्तीय हैं? निश्चित रूप से, हमारे पास ख्रीस्तीय जड़ें हैं, कला-कृतियाँ हैं, हमारे गले में एक चेन और एक क्रूस है, हम नोविना की प्रार्थना करते हैं, हम अपने बच्चों को बपतिस्मा दिलाते, लेकिन यह कैसे हो सकता है कि 2000 साल येसु के पीछे चलने के बाद भी हमने वास्तव में एक-दूसरे का स्वागत करना नहीं सीखा है? हमारे जीवन में कुछ गड़बड़ है...।"

"यदि हम सचमुच येसु का स्वागत करना चाहते हैं, तो हमें अपने हृदय को बदलना होगा और भय हमें ठंढे हृदय का व्यक्ति न बनाये।"

"यदि हम ख्रीस्तीय हैं तो हम स्वागत किये बिना नहीं रह सकते, हमें येसु के समान अपना हृदय खोलना होगा इसलिए हम नहीं चाहते कि यूरोप कांटेदार तारों से बंद हो, एक ऐसा यूरोप जिसमें स्वागत करना मुश्किल हो।”

"गरीब लोग ख्रीस्त के शरीर हैं, जिन्होंने इस समुद्र में अपना जीवन खो दिया है वे येसु के मांस हैं। और इसलिए, इस समुद्र को देखते हुए, हम सभी को पश्चाताप करना चाहिए, इससे कोई भी बाहर नहीं होना चाहिए। क्योंकि हमें स्वागत, बंधुत्व, मित्रता के वातावरण को बढ़ावा देने और तैयार करने की जिम्मेदारी है।"

धर्माध्यक्ष ने अंत में कहा, "आइए हम ईश्वर से परिवर्तन के इस उपहार के लिए प्रार्थना करें: कि हम मेहमाननवाज समुदाय बनना चाहते हैं।" आइये, हम भय को स्थान न दें जो ठंढे दिलवाला समुदाय बनाता है, जो विविधता के सामने भयभीत करता है। हम विविधताओं के साथ जी सकें।

कुत्रो में क्रूस रास्ता
कुत्रो में क्रूस रास्ता

लम्पेदूसा के समान समुद्र को श्रद्धांजलि

क्रूस रास्ते के अंत में आत्माओं की अनन्त शांति के लिए प्रार्थना की गई। ईमाम ने इस्लामी समुदाय का समर्थन करने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। उसके बाद उन्होंने एक पुरोहित के साथ समुद्र को एक रीद अर्पित किया। इस प्रतीक ने 10 साल पहले की याद दिलायी जब लम्पेदूसा में संत पापा फ्राँसिस ने मृतकों की याद में समुद्र में पुष्पांजलि अर्पित की थी। जिनकी कब्र जमीन पर नहीं बल्कि भूमध्यसागर में खुली हवा में है।

 

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07 March 2023, 16:34