भारत, कार्मेल की धर्मबहनें अपनी संस्थापिका को एक नए मिशन में याद करती हैं
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
मैंग्लोर, मंगलवार 7 मार्च 2023 (वाटिकन सिटी) : काथलिक धर्म को स्वीकार करने के बाद, एक एंग्लिकन पुरोहित की बेटी, मदर वेरोनिका ने सेंट जोसेफ की धर्मबहनों के धर्मसमाज में प्रवेश किया। 1861 में भारत में एक मिशन के दौरान, उन्होंने कार्मेलाइट जीवन शैली की पुकार को महसूस करना शुरू किया; उनका आह्वान भारत में कार्मेलाइट धर्माध्यक्षों के एक समूह की इच्छा के साथ मेल खाता है, जो कार्मेलाइट धर्मबहनों की एक धर्मसमाज पर भरोसा करके शिक्षा और दान के अन्य कार्यों के माध्यम से विश्वास में प्रशिक्षण प्रदान करता है। सिस्टर मेरी वेरोनिका पाशन ने 1868 में बेयोन, फ्रांस में अपोस्टोलिक कार्मेल की स्थापना की। दो साल बाद भारत के मैंगलोर में एक कोन्वेट शुरु किया।
धर्मसमाज की स्थापना की 150 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए, सुपीरियर जनरल, सिस्टर सुशीला ने सभी धर्मबहनों को संत पापा फ्राँसिस द्वारा हाल ही में व्यक्त किए गए निमंत्रण के बाद, गरीबों और ज़रूरतमंदों के पक्ष में भारतीय गाँवों में कम से कम एक परियोजना शुरू करने के लिए आमंत्रित किया। धर्मबहनों से उपनगरों में जाकर लोगों के बीच रहने का आग्रह किया था।
43 परिवारों को आध्यात्मिक और भौतिक सहायता
सुपीरियर, सिस्टर क्रिस्टीन मिसक्विथ कहती हैं, "हम बहनें जो बीदार में मिशनर स्टेशन में काम करती हैं, इस निमंत्रण का मूल्यांकन कर रही हैं और हम 43 परिवारों के विश्वास को मजबूत करने के लिए जमगी कॉलोनी में अपना कोनवेंट खोजने की भी दृढ़ता से आवश्यकता महसूस करती हैं। मूल रूप से भारत में एवांजेलिक्ल कलीसिया के इन परिवारों ने मुझसे संपर्क किया था क्योंकि उन्हें पर्याप्त आध्यात्मिक समर्थन नहीं मिल रहा था। वे मुझे उन स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जानते हैं जिन्हें हमने उस क्षेत्र में स्थापित किया है और उनके बच्चे शैक्षणिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं, जिन्हें हम कुछ प्रायोजकों की मदद से चलाते हैं। ये परिवार हमारे प्यार और देखभाल को जानते हैं और इसके लिए उन्होंने हमें काथलिक बनने की इच्छा का प्रकट करने का साहस पाया है ताकि वे अपने बच्चों के लिए उसी तरह की मदद और आध्यात्मिक ध्यान रख सकें। मैंने उन्हें स्थानीय पल्ली पुरोहित से संपर्क करने के लिए आमंत्रित किया जिन्होंने धर्मशिक्षा शुरू की और 2013 में स्थानीय धर्माध्यक्ष ने उन्हें काथलिक कलीसिया में स्वीकार किया।
फिर हमने जम्गी कॉलोनी के पास एक कॉन्वेंट और एक सामाजिक सहायता केंद्र खोलने का फैसला किया: इस तरह, हम नवदीक्षित काथलिक परिवारों के करीब होंगे, हम उन्हें शिक्षित करना जारी रख सकती हैं और उनके नए विश्वास में उनका समर्थन कर सकती हैं और उनके सामाजिक जरुरतों का जवाब दे सकती हैं।
कॉन्वेंट बनाने के लिए जमीन हासिल करना आसान नहीं था, क्योंकि स्वामित्व प्रमाणित करने वाले कोई दस्तावेज नहीं थे। लेकिन एक बार जब यह बाधा दूर हो गई, जमीन खरीदी गई और सभी आवश्यक परमिट प्राप्त कर लिए गए तब कार्मेल निकेतन 24 जून, 2017 को शुरु हुआ। उद्घाटन समारोह और घर के आशीर्वाद में न केवल धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष और प्रांतीय और क्षेत्रीय वरिष्ठों ने भाग लिया, बल्कि कई पुरोहित और उन 43 परिवारों के सदस्य भी शामिल हुए जिनकी हम सेवा करने आए हैं। हम बहनों को मिली बधाई से जमगी कॉलोनी की जनता का हर्ष देखकर मन प्रफुल्लित हो गया।
हमारा पहला मिशन काथलिक परिवारों को धर्मशिक्षा प्रदान करना है। इसके अलावा, हम 2016 में स्थापित फाउंडेशन (सीएसटी) में 10 गांवों में जागरूकता कार्यक्रम चलाती हैं, जिसका उद्देश्य लोगों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करना, जरूरतमंद लोगों तक पहुंचना और वंचित लोगों को उनके अधिकारों का सम्मान करने में मदद करना है।
महिलाओं का प्रशिक्षण
हम धर्मबहनें स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी आर्थिक स्वतंत्रता में योगदान देती हैं: अब तक 40 से अधिक समूहों को शुरू किया जा चुका है। काम के बिना और कोई दूसरा उपाय नहीं है और यही कारण है कि हम स्वरोजगार को प्रोत्साहित करती हैं। इन समूहों में नेतृत्व प्रशिक्षण, कार्य प्रशिक्षण और माइक्रो-क्रेडिट ऋण सिखाया जाता है।
बच्चों का सर्वांगीण विकास
सीएसटी का एक अन्य उद्देश्य गांवों में लड़कों और लड़कियों दोनों के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास पर विशेष ध्यान देने के साथ बच्चों का समग्र विकास और प्राथमिक शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच है। आज तक, हमने किंडरगार्टन, स्वयं सहायता समूह, समर कैंप, छात्रवृत्ति, शिक्षण और बच्चे की देखभाल केंद्र स्थापित किए हैं।
युवा लोगों और वयस्कों का प्रशिक्षण
कई युवा लोगों को सामान्य स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद अपनी शिक्षा जारी रखने का अवसर नहीं मिलता है। गरीबी और बेरोजगारी खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। सीएसटी आंशिक रूप से कुछ छात्रों को उनकी उच्च शिक्षा जारी रखने में वित्तीय सहायता करके, उन्हें एक सम्मानित जीवन जीने और सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण बनाने में सक्षम बनाने के लिए इस स्थिति से आंशिक रूप से निपटने का प्रबंधन करता है। सीएसटी व्यक्तित्व विकास और जीवन कौशल कार्यक्रम, नौकरी प्रशिक्षण, कंप्यूटर का ज्ञान, छात्रवृत्ति, नेतृत्व प्रशिक्षण और कानूनी प्रशिक्षण भी चलाता है।
सामुदायिक विकास
सीएसटी ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे गरीब लोगों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के लिए पर्याप्त और पौष्टिक भोजन, सस्ती स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने के प्रयासों को मजबूत करने के लिए सामुदायिक लामबंदी भी प्रदान करता है। आय उत्पन्न करने वाले सब्जियों के पौधों का वितरण करते किसानों को अपने बगीचों में सब्जियां उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह देखते हुए कि गरीबों के लिए स्वास्थ्य देखभाल के लिए भुगतान करना कितना मुश्किल है, सीएसटी अस्पताल-कर्मचारियों वाले मोबाइल मेडिकल क्लीनिक, नेत्र क्लीनिक और रक्तदान क्लीनिक आयोजित करता है।
इन और अन्य गतिविधियों के माध्यम से, अपोस्टोलिक कार्मल का सीएसटी सबसे कमजोर लोगों की जरूरतों के अनुरूप है और गरीबों एवं हाशिए पर रहने वालों की जरूरतों का जवाब देने की पूरी कोशिश करता है और यह सब केवल एक चीज को दर्शाता है: हमारी धर्मबहनों का निःस्वार्थ समर्पण जो हमारी टीम हैं और जो पूरे प्रबंधन का समर्थन करती हैं।"
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