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येरूसालेम का गेथसेमनी गिरजाघर जहाँ कुँवारी मरियम की कब्र है येरूसालेम का गेथसेमनी गिरजाघर जहाँ कुँवारी मरियम की कब्र है  (AFP or licensors)

येरूसालेम के ऑर्थोडॉक्स प्राधिधर्माध्यक्ष ने गेथसेमनी गिरजाघर पर हमले की निंदा की

रविवार को गेथसेमनी बारी गिरजाघर (जहाँ माता मरियम की कब्र है) पर दो इस्राएली कट्टरपंथियों द्वारा हमले के बाद येरूसालेम के प्राधिधर्माध्यक्ष थेओफिलुस तृतीया ने पवित्र भूमि एवं अन्य पवित्र स्थलों में ख्रीस्तियों की बेहतर सुरक्षा की अपील की है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

ऐसे समय में जब इस्राएल-फिलिस्तीनी तनाव बढ़ा हुआ है, शर्म-अल शेख में इस्राएल, फिलिस्तीनी प्राधिकरण, मिस्र, जॉर्डन और अमेरिका के अधिकारियों के बीच नई वार्ता से कुछ ही दिन पहले और पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के विवादास्पद न्यायिक सुधार, येरूसालेम पर चल रही अशांति के बीच पिछले सप्ताहांत में ख्रीस्तीयों के खिलाफ हिंसा की एक और घटना देखने को मिली।

एक धर्माध्यक्ष और दो पुरोहितों पर हमला

रविवार, 19 मार्च को, दो कट्टरपंथी इस्राएली पुरुषों ने कथित तौर पर पूर्वी येरूसालेम में गेथसेमनी के गिरजाघर में प्रवेश किया, जहां कुँवारी मरियम की कब्र स्थित है, और एक धर्माध्यक्ष एवं दो पुरोहितों पर शरीरिक रूप से हमला किया, जो एक धर्मविधि में भाग ले रहे थे, साथ ही गिरजाघर की पवित्र वस्तुओं को अपवित्र करने की कोशिश की। उन दो पुरूषों को उपस्थित लोगों ने पकड़ लिया।   

येरूसालेम के ऑर्थोडॉक्स प्राधिधर्माध्यक्ष थेओफिलुस तृतीया ने पवित्र सिनॉड और पवित्र कब्र के धर्म बंधुओं के साथ घटना की कड़ी निंदा की है और कहा है कि “इसे किसी भी तरह से न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता।”

उनका बयान रविवार को जारी किया गया जिसमें कहा गया है कि "ख्रीस्तीय पुरोहितों के खिलाफ शारीरिक और मौखिक दुर्व्यवहार के अलावा, गिरजाघरों, कब्रिस्तानों और ख्रीस्तीयों की संपत्तियों को निशाना बनाना, लगभग एक दैनिक घटना बन गई है जो स्पष्ट रूप से ख्रीस्तीय उत्सवों के दौरान बढ़ जाती है।"

ख्रीस्तीयों और मुसलमानों के पवित्र स्थलों पर हमले

ख्रीस्तीय और मुसलमानों दोनों के पवित्रस्थलों पर इन दिनों हमले हो रहे हैं। पिछले वर्षों में नाजरेथ की बेसिलिका और काथलिक एवं ग्रीक-ऑर्थोडॉक्स महागिरजाघर पर हमले शामिल हैं। नवीनतम घटनाओं में से एक नए साल के दिन हुई जब एक एंग्लिकन कब्रिस्तान में दो लोगों ने कब्र के पत्थरों को गिरा दिया और क्रूस को तोड़ दिया।

येरूसालेम के ऑर्थोडॉक्स प्राधिधर्माध्यक्ष के अनुसार पवित्र भूमि की कलीसियाओं द्वारा की गई अपीलों, अनुरोधों और विरोधों के बावजूद, इस निराशाजनक स्थिति ने स्थानीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई उचित प्रतिक्रिया नहीं दी है। अब यह दर्दनाक रूप से स्पष्ट है कि पवित्र भूमि में प्रामाणिक ख्रीस्तीय उपस्थिति बहुत खतरे में है।"

ख्रीस्तीयों की सुरक्षा अति आवश्यक

इसलिए प्राधिधर्माध्यक्ष ने एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से येरूसालेम और उनके पवित्र स्थानों में ख्रीस्तीयों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने का आह्वान करती है और "मांग करती है कि किसी भी पवित्र स्थल के खिलाफ आतंकवादी अपराधों में शामिल सभी लोगों के खिलाफ आवश्यक कानूनी उपाय किए जाएँ।"

पवित्र भूमि में राजनीतिक स्थिति बिगड़ने पर चर्चों की चिंता

पिछले महीनों में, पवित्र भूमि में ख्रीस्तीय नेताओं ने बार-बार चेतावनी दी है कि इस्राएली कट्टरपंथी समूहों द्वारा उनके समुदायों को इस क्षेत्र से खदेड़ दिए जाने का खतरा है।

16 दिसंबर, 2022 को पवित्र भूमि के काथलिक धर्मगुरूओं (एसीओएचएल) ने पवित्र भूमि में "सामान्य सामाजिक और राजनीतिक स्थिति के धीरे-धीरे बिगड़ने" पर अपनी चिंता व्यक्त की थी, साथ ही कुछ राजनीतिक नेताओं द्वारा "अरब या अन्य गैर-यहूदी समुदाय" के खिलाफ, दिए गए "विभाजनकारी बयानों" की ओर भी इशारा किया था और कहा था कि यह "हमारे समाज को बनानेवाले विभिन्न समुदायों के बीच शांतिपूर्ण और रचनात्मक सह-अस्तित्व की भावना के विपरीत हैं।"

अभी हाल ही में, इस्राएली सेना और फिलिस्तीनियों के बीच फिर हिंसा भड़कने के साथ, येरूसलेम में कलीसियाओं के प्रमुखों, और प्राधिधर्माध्यक्षों ने तनाव कम करने और इस्राएली-फिलिस्तीनी संघर्ष के स्थायी समाधान के लिए अपने आह्वान को दोहराया है।

वर्ष की शुरुआत के बाद से, 80 से अधिक फिलिस्तीनी - उग्रवादी और नागरिक - इस्राइली सेना द्वारा मारे गए हैं, और इस्राएल की ओर से, 13 लोगों ने घातक फिलिस्तीनी हमलों में अपनी जान गंवाई है।

ताजा घटना पिछले हफ्ते हुई, जब इस्राएल सेना ने कथित तौर पर कब्जेवाले वेस्ट बैंक में जेनिन शहर में एक छापे के दौरान चार फिलिस्तीनियों को गोली मार दी और अन्य 20 फिलिस्तीनियों को गोलियों से घायल कर दिया गया।

फरवरी के अंत में जॉर्डन के अकाबा में एक बैठक के बाद, मिस्र, जॉर्डन और अमेरिका की भागीदारी के साथ इस्राएली और फिलिस्तीनी अधिकारियों के बीच, इस साल 22 मार्च से शुरू होनेवाले मुस्लिम पवित्र महीने रमजान के दौरान विस्फोट के जोखिमवाले तनाव को कम करने के लिए मार्च के अंत में मिस्र के शर्म-अल शेख में वार्ता के एक नये दौर होने की उम्मीद है।

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21 March 2023, 16:21