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राष्ट्रपति मत्तरेला नाव दुर्धटना में मरे प्रवासियों की शवों के पास राष्ट्रपति मत्तरेला नाव दुर्धटना में मरे प्रवासियों की शवों के पास  (ANSA)

ख्रीस्तीय और मुसलमान: पलायन हर किसी की अंतरात्मा को चुनौती देता है

कलाब्रिया के तट पर दुखद पोतभंग के बाद, ख्रीस्तीय और मुसलमान उन लोगों का समर्थन करने के लिए संयुक्त कार्रवाई का आह्वान करते हैं जो अपने देश को छोड़ने का फैसला करते हैं, क्योंकि यह "एक मानवीय तथ्य" है जो "हर किसी को जिम्मेदारी लेने का आह्वान करता है।"

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

कलाब्रिया, शनिवार 04 मार्च 2023 (वाटिकन न्यूज) : ख्रीस्तियों और मुसलमानों के बीच एक नई लामबंदी शुरू हो गई है क्योंकि "भूमध्य सागर में प्रवासियों की एक नाव के टूटने की नवीनतम दुखद घटना सभी को जिम्मेदारी लेने के लिए कहता है"। यह साझा इस्लामिक-ख्रीस्तीय अपील, "आइए, हम एक साथ प्रवासियों की वास्तविकता का सामना करें" नामक एक दस्तावेज़ में निहित है, जो दोनों धर्मों के विश्वासियों द्वारा हस्ताक्षरित है।

दस्तावेज प्रवासी घटना के बारे और इसके समाधान के लिए आह्वान करती है कि "इसमें शामिल देशों के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय कारकों को ध्यान में रखा जाए", "सबसे पहले यह एक मानवीय तथ्य है जो हर किसी की अंतरात्मा पर सवाल उठाता है।"

इसलिए ख्रीस्तियों और मुसलमानों को "इस वास्तविकता से विशेष रूप से प्रभावित महसूस करना चाहिए", क्योंकि यूरोप में आने की कोशिश करने वाले अधिकांश प्रवासी इन दो धर्मों के विश्वासी हैं और वे जिन क्षेत्रों को पार करते हैं, उनमें "बड़ी संख्या में ख्रीस्तीय या मुस्लिम उपस्थिति" है, जबकि स्थान जहां से वे आते हैं, "ज्यादातर मुस्लिम बहुसंख्यक देश हैं।"

अपील एक हफ्ते से भी कम समय के बाद आती है जब समुद्र में एक जहाज़ के टूटने से साठ से अधिक प्रवासियों की मृत्यु हो गई। कलाब्रिया में इतालवी तट से कुछ दूर, एक भीड़भाड़ वाली मछली पकड़ने वाली नाव समूद्र में टूट गई जिसमें लगभग 200 यात्री सवार थे। इनमें से दर्जनों अभी भी लापता हैं, जबकि रात भर और अगले दिन लगभग साठ शव बरामद किए गए थे।

प्रवासन पर अंतर्धार्मिक संवाद

इस सप्ताह जारी अंतरधार्मिक दस्तावेज़ बताता है कि कैसे हाल के वर्षों में ख्रीस्तियों और मुसलमानों के बीच संवाद ने "शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, समान नागरिकता और धार्मिक हिंसा की रोकथाम जैसे मुद्दों पर स्पष्ट रूप से ध्यान केंद्रित किया है", यहां तक कि सम्मेलनों का आयोजन और "साझा दस्तावेजों को प्रकाशित करने जा रहा है।"

उत्प्रवासन व्यक्तियों और संस्थानों दोनों द्वारा पहले से ही की गई कई पहलों के बावजूद, "एक संयुक्त कार्रवाई इस्लामी-ख्रीस्तीय मित्रता के कारणों को गहरा करने में योगदान देगी।"

दस्तावेज़ स्पस्ट करता है कि यह "धार्मिक अधिकारियों, ख्रीस्तीय और मुस्लिम विश्वासियों का तत्काल कार्य नहीं है कि वे उन चुनौतियों के लिए तकनीकी समाधान सुझाएं जो उत्प्रवासन को मजबूर करती हैं"; हालांकि वे "अपनी परंपराओं में निहित मूल्यों के आलोक में इस मुद्दे पर बहस में योगदान करते हुए मानवीय और सांस्कृतिक दोनों स्तरों पर हस्तक्षेप कर सकते हैं।"

दस्तावेज 4 फरवरी 2019 को संत पापा फ्राँसिस और अल-अजहर अहमद अल-तैयब के ग्रैंड इमाम द्वारा हस्ताक्षरित मानव भ्रातृत्व पर दस्तावेज़ से अंशों का हवाला देता है और संत पापा फ्राँसिस का विश्वपत्र फ्रातेल्ली तुत्ती, इस बात को दुहराता है कि विश्वासी मानव भाईचारे को व्यक्त करने के लिए बुलाये गये हैं, कि प्रवास हमेशा जड़ से उखड़ने का अनुभव होता है; कि लोगों को अपनी भूमि में रहने के लिए सक्षम होने का अधिकार है; और बहुतों का पलायन युद्ध, उत्पीड़न, प्राकृतिक आपदाओं, या अपने या अपने परिवारों के लिए बेहतर भविष्य की खोज से तय होती है।

अन्याय और अत्याचार के खिलाफ एकजुट

इसलिए अपील का प्रस्ताव है कि, उत्प्रवासन का प्रबंधन करने के लिए, "हर स्तर पर कार्य करना आवश्यक है: इसे उत्पन्न करने वाले कारणों को दूर करने की कोशिश करने के लिए काम करना, इस प्रकार इसके दायरे को सीमित करना और साथ ही अपने देश को छोड़ने का फैसला करने वाले लोगों के लिए सुरक्षित मार्ग और स्वागत और एकीकरण के पर्याप्त रूप प्रदान करना।"

इसलिए, ख्रीस्तियों और मुसलमानों दोनों को अपना योगदान देना चाहिए, "अन्याय और उत्पीड़न के खिलाफ खुद को प्रतिबद्ध करना, जो अक्सर पलायन करने के फैसले की जड़ में होते हैं, राष्ट्रवादी और व्यक्तिगत स्वार्थ में जकड़े व्यक्तियों का विरोध करना जो प्रवासियों के स्वागत को रोकते हैं और मानव तस्करों की बेईमान कार्रवाई की निंदा करना, जो प्रवासियों के बदौलत अमीर हो जाते हैं।"

"अन्य धार्मिक परंपराओं और अन्य विश्वासों के लोगों के योगदान को स्वीकार करते हुए" दस्तावेज समाप्त होता है, इस्लामी-ख्रीस्तीय लामबंदी के आह्वान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ख्रीस्तियों और मुसलमानों के बीच आंशिक रूप से साझा आध्यात्मिक और नैतिक विरासत को सभी के अच्छे जीवन की सेवा हेतु रखा जाए।"

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04 March 2023, 15:38