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छत्तीसगढ़ में सरना आदिवासियों द्वारा ख्रीस्तीय आदिवासियों के घरों को तोड़फोड़ छत्तीसगढ़ में सरना आदिवासियों द्वारा ख्रीस्तीय आदिवासियों के घरों को तोड़फोड़ 

मध्य भारत में बढ़ती हिंसा के कारण ख्रीस्तीय सुरक्षा चाहते हैं

छत्तीसगढ़ में, खासकर आदिवासी क्षेत्रों में ख्रीस्तियों पर क्रूर हमले बेरोकटोक जारी हैं। गाँव के निर्वाचित नेता ख्रीस्तियों को निर्देश देते हैं कि उन्हें क्या विश्वास करना चाहिए और उन्हें कैसे रहना और काम करना चाहिए।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

छत्तीसगढ़, बुधवार 01 मार्च 2023 (उका न्यूज) : छत्तीसगढ़ के ख्रीस्तियों ने अपने राज्य के मुख्यमंत्री से फिर से उनकी रक्षा करने की अपील की है क्योंकि सैकड़ों आदिवासी ख्रीस्तीय बढ़ती हिंसा के बीच जंगल में रह रहे हैं।

राज्य में काम करने वाले एक काथलिक पुरोहित फादर जॉनसन थेक्कडैयल ने कहा कि एक्युमेनिकल एक्लेसिया यूनाइटेड फोरम (ईयूएफ) के तहत एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की और उनसे "हिंसा को समाप्त करने के लिए तत्काल कदम उठाने" का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री बघेल से मिलने के तीन दिन बाद 26 फरवरी को प्रतिनिधिमंडल में शामिल फादर थेक्कादयिल ने उका न्यूज को बताया, "छत्तीसगढ़ में, खासकर आदिवासी क्षेत्रों में ख्रीस्तियों पर क्रूर हमले बेरोकटोक जारी हैं।"

रिपोर्ट में कहा गया है कि आदिवासी लोगों के प्रभुत्व वाले बस्तर क्षेत्र में ख्रीस्तियों ने अभूतपूर्व हिंसा देखी है। हिंसा के रूपों में सामाजिक बहिष्कार, हमले, पुरुषों और महिलाओं को नग्न करके घुमाना और ख्रीस्तियों की भूमि पर कब्जा करना शामिल है। पिछले छह महीनों में बढ़ी हिंसा ने 1,000 से अधिक ख्रीस्तियों को अपनी जान बचाने के लिए अपने घरों से भागने पर मजबूर कर दिया है।

राष्ट्रीय विपक्षी कांग्रेस पार्टी द्वारा संचालित राज्य सरकार धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करती है लेकिन कलीसिया के नेताओं का कहना है कि सरकार ख्रीस्तियों की रक्षा करने में विफल रही है। सरकार का दावा है कि प्रशासन ने इलाके में शांति स्थापित कर दी है और जो ख्रीस्तीय अपने घरों से भागे हैं वे वापस आ गए हैं। इसने यह भी दावा किया कि ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा के अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की गई है।

ख्रीस्तीय नेताओं का कहना है कि धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए सरकार की कार्रवाई अपर्याप्त रही है।

फादर थेक्कडयैल ने कहा कि सैकड़ों ख्रीस्तीय अभी भी बिना भोजन, आश्रय या कपड़ों के खुले मैदान में रह रहे हैं। वे हमला किए जाने और मारे जाने के डर से अपने घर नहीं लौट सकते हैं। गिरजाघरों को खोलने की अनुमति नहीं है। यह भी बताया गया है कि पुलिस ख्रीस्तियों को प्रार्थना के लिए अपने घरों में इकट्ठा नहीं होने देती है।

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को दिए एक बयान में कहा, "ख्रीस्तियों को अभी भी इस आदिवासी क्षेत्र में पकड़ा जाता है, प्रताड़ित किया जाता है और अपंग बना दिया जाता है और मसीह में अपना विश्वास छोड़ने या अपने घरों और गांवों को छोड़ने की धमकी दी जाती है।"

मीडिया के साथ साझा किए गए बयान में कहा गया है कि गाँव का निर्वाचित नेता"उन्हें निर्देश देता है कि उन्हें किसपर विश्वास करना चाहिए,  उन्हें कहाँ काम करना चाहिए, कहाँ रहना चाहिए या स्थानांतरित होना चाहिए।" ये नेता मौलिक मानवीय और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।

उन्होंने कहा, "मिस्सा पूजा पर प्रतिबंध लगाने के उनके आदेशों का उल्लंघन करने पर महिलाओं और बच्चों को नंगा किया जाता है और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। ख्रीस्तीयों को अपने मृतकों को दफनाने की अनुमति नहीं है। हमलावर दफनाए गए शरीर को बाहर निकालते हैं और ख्रीस्तीयों ईसाइयों को अपनी भूमि और गांवों से बाहर निकालने के लिए मजबूर करते हैं। ख्रीस्तीयों ईसाईयों को कथित तौर पर शराब पीने और अंधविश्वास में लिप्त होने के लिए मजबूर किया जाता है

बयान में कहा गया है कि गांवों में दुकानदारों को ख्रीस्तियों के लिए किराने का सामान, राशन, दवा और अन्य आपूर्ति बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। "ख्रीस्तियों को सार्वजनिक कुओं से पानी लेने की भी मनाही है।"

“गिरजाघरों और ख्रीस्तियों के घरों पर हमला किया जाता है, लूटा जाता है और बुलडोजर से तोड़ दिया जाता है। बयान में कहा गया है कि ख्रीस्तियों के कानूनी भूमि दस्तावेजों को ले जाया गया और जलाकर राख कर दिया गया। प्रतिनिधिमंडल के बयान में कहा गया है कि ख्रीस्तियों को भी पुलिस रिपोर्ट दर्ज किए बिना गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया "और कुछ को कई हफ्तों के बाद रिहा कर दिया गया, उनकी गिरफ्तारी या कारावास के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।"

बयान में कहा गया है, "छत्तीसगढ़ के ख्रीस्तीय अपने ही राज्य में शरणार्थी बन गए हैं और अब भी डर के साये में जी रहे हैं।"

फादर थेक्काडैयल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में शांति और सद्भाव बहाल करने के लिए समर्थन का आश्वासन दिया है। रायपुर के महाधर्माध्यक्ष विक्टर हेनरी ठाकुर ने 2 जनवरी को मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। नारायणपुर जिले में सेक्रेड हार्ट गिरजाघर में तोड़फोड़ के बाद ख्रीस्तियों के लिए सुरक्षा की मांग की थी।

भीड़ ने ख्रीस्तियों के खिलाफ जारी हिंसा के रूप में गिरजाघऱ के अंदर क्रूस समेत सब कुछ नष्ट कर दिया।

राज्य के करीब 30 मिलियन लोगों में ख्रीस्तीय 2 प्रतिशत से भी कम हैं, जिनमें से अधिकांश हिंदू हैं या आदिवासी सरना धर्म का पालन करते हैं।

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01 March 2023, 16:38