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म्यांमार में ध्वस्त गिरजाघर म्यांमार में ध्वस्त गिरजाघर  

म्यांमार में काथलिकों ने चालीसा दान पहल शुरू किया

दान का प्रयोग करुणा म्यांमार द्वारा युद्धग्रस्त राष्ट्र में आपात स्थिति, आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए किया जाएगा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

म्यांमार में काथलिकों से कहा गया है कि वे चालीसा काल के दौरान गृहयुद्ध से पीड़ित दक्षिणपूर्व देश के लोगों के प्रति प्रार्थना और दान के माध्यम से एकजुटता दिखा रहे हैं।

बंगाल की खाड़ी के करीब एक उपजाऊ डेल्टा इरावदी क्षेत्र में पाथिन धर्मप्रांत के प्रेरितिक प्रशासक फादर हेनरी एखलीन ने कहा कि धर्मप्रांत ने पुरोहितों से आग्रह किया है कि वे पल्लीवासियों को प्रार्थना, उपवास और दान का चालीसा संदेश दें।

फादर एखलीन ने 16 मार्च को ऊका न्यूज को बताया कि "काथलिकों से प्रभावित लोगों के लिए एकजुटता दिखाने हेतु अधिक प्रार्थना और दान करने का आग्रह किया गया है।"

संघर्ष-ग्रस्त काचिन राज्य में एक कलीसिया द्वारा संचालित शिविर में आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्ति (आईडीपी) जी ग्रॉंग ने 15 मार्च को ऊका न्यूज को बताया, “हमें चालीसा काल के परोपकार के लिए लिफाफे मिले हैं। हम अपने दैनिक उपयोग से पैसे अलग रखने की कोशिश करेंगे, इस सच्चाई के बावजूद कि हम अधिक बचत नहीं कर सकते क्योंकि हम दानदाताओं की सहायता पर निर्भर हैं।” 

तीन बच्चों की मां ग्रांग देश में सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोगों के लिए प्रार्थना और उपवास करना चाहती हैं।

दान को कलीसिया की सामाजिक शाखा - करुणा (करितास) म्यांमार - आपात स्थिति के दौरान उपयोग के लिए भेजा जाएगा।

करुणा म्यांमार के एक अधिकारी, जो अपना नाम नहीं बताना चाहते हैं, कहा, "हम कह सकते हैं कि इस वर्ष के चालीसा काल से दानसंग्रह को विस्थापितों के लिए खर्च करने पर प्राथमिकता दी जाएगी।"

करुणा म्यांमार 2002 से युवाओं, प्रचारकों, और भिक्षुणियों को आमंत्रित करके एक चालीसा संयोजन कार्यक्रम चला रहा है। प्रतिभागियों को चालीसा दान को जुटाने के लिए पल्लियों में भेजा जाता है।

कलीसिया के सूत्रों के अनुसार, वार्षिक कार्यक्रम, को  2021 में रोक दिया गया था, क्योंकि सेना ने नागरिक सरकार को गिरा दिया था, जिससे म्यांमार में राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक अशांति पैदा हो गई थी।

सूत्रों के अनुसार संघर्ष प्रभावित धर्मप्रांतों को चालीसा दान से छूट दी गई है।

म्यांमार के 16 धर्मप्रांतों में से लोइकॉ, पेखोन, हाखा, कलाय और मांडले गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं जहाँ हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर गिरजाघरों, कॉन्वेंट, रिश्तेदारों के घरों और जंगलों में शरण ले चुके हैं।

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर की 15 मार्च की रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में 1.7 मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें तख्तापलट के बाद 1.3 मिलियन लोग शामिल हैं।

करुणा म्यांमार के सहयोग से, कयाह राज्य में लोइकाव और पेखोन सहित प्रभावित धर्मप्रांत सभी धर्मों के लोगों को भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं प्रदान करते हैं।

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16 March 2023, 16:44