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कालीन बुनाई करती हुई अफगान महिलाएँ कालीन बुनाई करती हुई अफगान महिलाएँ  (ANSA)

कारितास द्वारा अफगानिस्तान और महिलाओं के लिए एकजुटता की अपील

“महिलाओं को पढ़ने की भी अनुमति नहीं है। युवा लड़कियों को माध्यमिक विद्यालय में जाने की अनुमति नहीं है। इसका मतलब है कि उनके पास उनके बुनियादी मानवाधिकार नहीं हैं," कारितास जर्मनी के अंतर्राष्ट्रीय निदेशक ओलिवर मुलर कहते हैं, जो उस देश से वापस आए हैं जहां इस्लामी तालिबान सरकार काथलिक संगठनों को मानवीय सहायता प्रदान करने की अनुमति देती है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

काबुल, बुधवार 08 मार्च 2023 (वाटिकन न्यूज) : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च की पूर्व संध्या पर, हम अफगानिस्तान में महिलाओं की दुर्दशा पर प्रकाश डालते हैं, जिन पर विश्वविद्यालय में भाग लेने पर प्रतिबंध है और लड़कियों को माध्यमिक विद्यालय में जाने की अनुमति नहीं है।

ओलिवर मुलर, कारितास जर्मनी के अंतर्राष्ट्रीय निदेशक हाल ही में अफगानिस्तान से लौटे हैं, जहां, एक काथलिक संगठन के रूप में, उनकी टीम को तालिबान सरकार ने मानवीय सहायता प्रदान करने की अनुमति दी है।

वाटिकन रेडियो के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि अफगानी महिलाएं अपने बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित हैं। मुलर बताते हैं कि अफगानिस्तान सबसे गरीब देशों में से एक है, जिसके 28 मिलियन निवासी बाहरी सहायता पर निर्भर हैं। उनका कहना है कि लोगों की वर्तमान स्थिति तत्काल सहायता की मांग करती है। अफगान अधिकारियों ने घोषणा की है कि महिलाओं को अब मानवीय सहायता में काम करने की अनुमति नहीं है।

"इसमें कोई संदेह नहीं है: हम महिलाओं के बिना काम नहीं कर सकते।""और यह देखने के लिए कि अब कैसे किया जा सकता है यह मेरी यात्रा का उद्देश्य था।"

उन्होंने रेखांकित किया कि एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के अनुसार, अफगानिस्तान लड़कियों और महिलाओं के लिए दुनिया की सबसे खराब जगह है। महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से काफी हद तक प्रतिबंधित कर दिया गया है।

“काबुल में, उन्हें अभी भी कुछ खरीदारी करने के लिए सड़कों पर जाने की अनुमति है। लेकिन देश भर के कई शहरों में, उन्हें अपने परिवार के किसी पुरुष व्यक्ति के बिना घर से निकलने की भी अनुमति नहीं है।”

कारितास जर्मनी के अंतर्राष्ट्रीय निदेशक दिल से अपील करते हैं: "अफगानिस्तान हमारी एकजुटता और हमारी मदद का हकदार है। हमें सब कुछ करना चाहिए ताकि अफगानिस्तान भुलाया हुआ संकट न बने, भले ही यूरोप के करीब अन्य संघर्ष हों जो यूरोप के लिए अधिक प्रासंगिक हो सकते हैं। अफगानिस्तान दुनिया के सबसे कमजोर और सबसे गरीब देशों में से एक है और इस कारण से, हम जारी रखेंगे और यहीं रहेंगे।"

कारितास जर्मनी 1984 से अफगानिस्तान में मौजूद है। यह विभिन्न मानवीय परियोजनाओं के माध्यम से लाखों लोगों को सहायता प्रदान करता है।

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08 March 2023, 16:28