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2023.01.14दक्षिण सूडान के साथ एकजुटता, शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, याम्बियो 2023.01.14दक्षिण सूडान के साथ एकजुटता, शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, याम्बियो  #SistersProject

सिस्टर माग्रेट: दक्षिण सूडान के विकास में शिक्षा मददगार

लगभग 15 वर्षों से, सिस्टर माग्रेट स्कॉट और विभिन्न कलीसियाओं की अन्य बहनें दक्षिण सूडान में काम कर रही हैं, शिक्षकों के प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं को भविष्य देकर दुनिया के सबसे युवा राष्ट्र को विकसित करने में मदद कर रही हैं।

सिस्टर बर्नाडेट रीस, एफएसपी के साथ सिस्टर माग्रेट स्कॉट, आरएनडीएम

2008 में, सूडानी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने मदद के लिए अनुरोध भेजा। यूनियन ऑफ सुपीरियर जनरल (यूएसजी) और इंटरनेशनल यूनियन ऑफ सुपीरियर जनरल (यूआईएसजी), जो धर्मसंघी पुरुषों और महिलाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, दक्षिण सूडान के साथ एकजुटता के निर्माण हेतु प्रतिक्रिया दी। सिस्टर्स ऑफ अवर लेडी ऑफ द मिशन्स की सदस्य सिस्टर माग्रेट स्कॉट, इस अंतर-सभा मिशन में व्यक्तिगत भागीदारी के बारे में अपनी कहानी बताती हैं और दक्षिण सूडान के लोगों के लिए संत पापा फ्राँसिस की यात्रा का क्या मतलब है, इसे साझा करती हैं।

सिस्टर माग्रेट अपनी दूसरी धर्मबहनों के साथ
सिस्टर माग्रेट अपनी दूसरी धर्मबहनों के साथ

दक्षिण सूडान के साथ एकजुटता की शुरुआत

मैं 2006/7 में रोम में बैठकों में भाग ले रही थी तब पहले यूएसजी/यूआईएसजी प्रतिनिधिमंडलों ने दक्षिणी सूडान में जो कुछ देखा और अनुभव किया था, उसे साझा किया। हमारी धर्मसमाज ने इसमें शामिल होने का फैसला किया और मुझसे पूछा गया कि क्या मैं शामिल होना चाहूंगी। मैं अगस्त 2008 में चार अन्य बहनों के साथ दक्षिण सूडान गई और टॉम्बुरा-याम्बियो धर्मप्रांत के रीमेंज़े में सिस्टर्स ऑफ अवर लेडी ऑफ द मिशन्स की पाँच बहनों ने मिलकर एक नया समुदाय बनाया। हमने एकजुटता के लिए मलाकाल और रीमेंज़े में शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय स्थापित करने और वाऊ में एक स्वास्थ्य प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने और प्रेरितिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने की योजना बनाई।

सिस्टर माग्रेट रिमेंजे में
सिस्टर माग्रेट रिमेंजे में

शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय की स्थापना

हममें से दो धर्मबहनों को यांबियो धर्मप्रांत में ही शिक्षक प्रशिक्षण के साथ काम करने के लिए कहा गया। शुरुआत में हमने सेवाकालीन प्रशिक्षण देना शुरू किया। 2011 के आसपास, अन्य धर्मसमाज के सदस्यों के साथ समुदाय का विकास शुरू हुआ। हम मुख्य शहर, याम्बियो में चले गए और पल्ली की जमीन पर एक कॉलेज बनाया गया। 2012 में, हमने निर्मित कॉलेज में प्रशिक्षण शुरू किया। हमारा मुख्य उद्देश्य प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को प्रशिक्षित करना था क्योंकि उस समय इसकी बहुत बड़ी आवश्यकता थी।

कक्षा जहां शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में इच्छुक शिक्षक अपना पाठ पढ़ाते हैं
कक्षा जहां शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में इच्छुक शिक्षक अपना पाठ पढ़ाते हैं

दक्षिण सूडान एक राष्ट्र बन गया

2011 में जब दक्षिण सूडान को स्वतंत्रता मिली तो लोगों में बहुत उत्साह था। उन्होंने सोचा कि इससे सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा - वे स्वतंत्र होंगे और देश को अपने लिए चला पायेंगे। लोग आशा और उत्साह से भरे हुए थे; लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, हमने बड़ी कठिनाइयाँ देखी हैं। कुछ मायनों में थोड़ी निराशा है कि चीजें उम्मीद के मुताबिक नहीं हुईं। कई मायनों में यह स्वाभाविक था। ऐसे सभी प्रकार के तत्व हैं जो देश के भीतर आ गए क्योंकि उन्होंने एक स्वतंत्र देश के रूप में एक साथ काम करना शुरू किया।

स्नातक कक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, याम्बियो
स्नातक कक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, याम्बियो

शिक्षा नए देश के लिए महत्वपूर्ण

ज्यादातर लोगों ने देखा कि अगर कोई विकास होना है तो एक अच्छी शिक्षा व्यवस्था की जरूरत है। उस समय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों की कमी के कारण बहुत कम प्रशिक्षित शिक्षक थे। जो मौजूद थे, वे धन की कमी के कारण चालू नहीं थे। प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रदान करने के लिए हम एक छोटा सा योगदान दे रहे थे। देश भर में, सीखने की, शिक्षा की और शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की इच्छा थी ताकि वे आने वाली पीढ़ियों को पढ़ा सकें।

छात्र शिक्षकों का समूह, शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, याम्बियो
छात्र शिक्षकों का समूह, शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, याम्बियो

शुरू से ही हमने पाया कि स्कूलों में बहुत से ऐसे शिक्षक थे जिन्हें प्रशिक्षण नहीं मिला था और उनमें प्रशिक्षण पाने की तीव्र इच्छा थी। इसलिए, हमने दो चरण में काम करना शुरु किया: इन-सर्विस ट्रेनिंग और प्री-सर्विस ट्रेनिंग। हमारे पास कॉलेज में ऐसे छात्र थे जिनके पास कोई पूर्व प्रशिक्षण नहीं था। वे 20 वर्ष से लेकर 50 वर्ष तक के थे,परंतु वे उत्साही और सीखने के लिए इच्छुक थे। जब उन्होंने स्नातक किया, तो वे अपने स्कूलों में वापस जाने और शिक्षक बनने के लिए उत्सुक थे। वे युवाओं के लिए कुछ बेहतर करना चाहते थे। बेहद खराब परिस्थितियों में काम करने के बावजूद उनमें अद्भुत सकारात्मकता थी। आज भी आप लोगों को पेड़ों के नीचे पढ़ाते हुए पायेंगे। वे पढ़ाना चाहते हैं।

छात्र शिक्षकों का उत्साह
छात्र शिक्षकों का उत्साह

शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम ने फल लाया

जिन लोगों को हमने उत्साहपूर्वक पढ़ाया, वे जगह-जगह गए और शिक्षक बनने का बीड़ा उठाया। वे अपने लिए शिक्षण सामग्री, पोस्टर और चार्ट बनाते थे और हर तरह के खेल बनाते थे - और उन्होंने वास्तव में कुछ सार्थक दिया। जिन लोगों को हमने प्रशिक्षित किया था, उन्हें अक्सर शिक्षा विभागों में काम करने के लिए सरकार ले जाती थी। स्कूलों में अपने छात्रों की निगरानी करते हुए मैंने बच्चों की भागीदारी और उत्साह और ऊर्जा देखा क्योंकि उनके पास ऐसे शिक्षक थे जिन पर वे भरोसा कर सकते थे। आपको भविष्य में प्रगति की अनंत संभावनाएं दिखाई दे सकती हैं। अतः यह वास्तव में देश के लिए काफी मददगार सिद्ध हुआ।

कलीसिया के तीन नेता दक्षिण सूडान का दौरा कर रहे हैं

संत पापा फ्राँसिस, महाधर्माध्यक्ष वेल्बी और प्रेस्बिटेरियन चर्च के मॉडरेटर दक्षिण सूडान के लोगों के लिए करुणा महसूस करते हैं और उनके साथ अपनी एकजुटता दिखाना चाहते हैं। उनका दौरा समर्थन का एक अविश्वसनीय प्रतीक है। कलीसिया और लोग जो शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं, वे इस नए, संघर्षरत देश में शांति के लिए आशान्वित हैं। अलग-अलग कलीसियाओं के ये तीन धर्म गुरु दिखा रहे हैं कि लोगों का एक साथ आना संभव है और यदि कलीसियाओं का एक साथ आना संभव है, तो यह भी संभव है कि देश के विकास के लिए लोग एक साथ आएं। यह एक बहुत ही सांकेतिक इशारा है और मुझे लगता है कि लोग वास्तव में उनके आने की सराहना करते हैं।

सिस्टर माग्रेट एक छात्र शिक्षिका के बच्चे के साथ याम्बियो शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज में
सिस्टर माग्रेट एक छात्र शिक्षिका के बच्चे के साथ याम्बियो शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज में

अविश्वसनीय आस्था के लोग

दक्षिण सूडान के लोगों में अविश्वसनीय आस्था है। वे ईश्वर में विश्वास करते हैं, वे जानते हैं कि ईश्वर उनसे प्यार करते हैं और संत पापा की यात्रा इसे अनुभव करने का एक और तरीका है। हम अक्सर इस बारे में नहीं सुनते हैं कि दक्षिण सूडान इस समय कठिन परिस्थिति से गुजर रहा है। इस समय लाखों लोगों के भूखों मरने का खतरा है। इस समय मुख्य ध्यान कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और दक्षिण सूडान पर होगा। मुझे आशा है कि इससे दक्षिण सूडान में उन लाखों लोगों के प्रति जागरुकता बढ़ेगी जो पीड़ित हैं। उन्हें भविष्य में शांतिपूर्वक और उत्पादक रूप से आगे बढ़ने में मदद करने के लिए दुनिया के समर्थन की आवश्यकता है।

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03 February 2023, 15:04