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एशिया महाद्वीप के लिए बैंकॉक में आयोजित सिनॉड एशिया महाद्वीप के लिए बैंकॉक में आयोजित सिनॉड 

डिजिटल सिनॉड कलीसिया को 'डिजिटल मीडिया में सक्रिय लोगों के करीब' लाती है

फादर जेफरी सेगोविया के अनुसार, "डिजिटल धर्मसभा" (सिनॉड) अनुमानित 20 मिलियन लोगों तक पहुंची और गैर-काथलिकों और गैर-विश्वासियों से हजारों प्रतिक्रियाएँ बटोरीं। उन्होंने बताया कि सभी क्लिक और लाईक के पीछे वास्तविक लोग सोशल मीडिया में हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

फादर जेफरी सेगोविया ने 24-26 फरवरी को बैंकॉक में आयोजित एशिया के लिए महाद्वपीय सिनॉड सभा में भाग लिया। फिलीपींस के पुरोहित ने वाटिकन के संचार विभाग द्वारा प्रचारित धर्मसभा पर डिजिटल सिनॉड में भाग लेने वाले सभी लोगों की आवाज को सामने रखा।

वाटिकन न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में फादर सेगोविया ने डिजिटल क्षेत्र में सिनॉडल वार्तालाप आयोजित करने के महत्व को समझाते हुए कहा कि उन्होंने इस अद्वितीय अनुभव से बहुत कुछ सीखा है।

एक डिजिटल धर्मसभा क्यों?

फादर सेगोविया ने बताया कि कलीसिया के लिए एक "डिजिटल सिनॉड" की आवश्यक है, क्योंकि यह उन लोगों तक ऑनलाइन पहुंचने का अवसर प्रदान करता है, जिनका पल्लियों या कलीसियाई संस्थानों के साथ कोई औपचारिक संपर्क नहीं है।

"कलीसिया में अब हमारे पास जो वास्तविकताएँ हैं उनमें से एक है नई तकनीक। और हमें उन लोगों को भी स्वीकार करना होगा जिनकी उपस्थिति डिजिटल मीडिया में है। सभी प्रोफाइल के पीछे क्लिक, लाइक और फॉलो में असली लोग हैं।

फादर सेगोविया ने कहा कि डिजिटल धर्मसभा, सबसे पहले, "संचार विभाग का एक प्रयास है, जो डिजिटल संस्कृति में विश्वासियों की उपस्थिति को स्वीकार करता है, डिजिटल मीडिया की अपनी डिजिटल भाषा भी है।"

फादर सेगोविया ने कहा, सिनॉड "डिजिटल" था न केवल इसलिए कि यह "डिजिटल रूप से आयोजित किया गया था," लेकिन इसलिए कि इसमें "उन लोगों को भी शामिल किया गया जो पहले से ही डिजिटल मीडिया में हैं, यानी दुनिया भर से 'प्रभावित करने वाले'।"

फादर सेगोविया ने समझाया कि वे अधिक से अधिक श्रोताओं को सुनने के कलीसिया के प्रयास में "अपने फोलोवर को शामिल करने" में सक्षम हुए। इसने कलीसिया को "उनका साथ देने" का अवसर भी प्रदान किया, क्योंकि वे भी कलीसिया के सदस्य हैं।

क्या आश्चर्यजनक रहे?

फादर ने आश्चर्य का उल्लेख करते हुए बतलाया कि "वास्तव में उनमें से बहुत सारे हैं!"

उन्होंने बताया कि टिकटॉक, फेसबुक, इंस्टाग्राम और इसी तरह के अन्य डिजिटल माध्यमों से प्रभावित लोगों को शामिल करने के द्वारा, डिजिटल धर्मसभा में करीब 20 मिलियन लोगों तक पहुंचा जा सका।

परिणामतः 110,000 प्रतिक्रिया प्राप्त किये गये।

"आश्चर्य की बात यह है कि उन प्रतिक्रियाओं का 10% गैर-विश्वासियों और गैर-कैथोलिकों से आया था।"

फादर सेगोविआ ने कहा कि उन्हें "सुनने का अवसर" देने से भाग लेनेवालों में से कई लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।

कौन से मुद्दे उठाए गए?

फादर सेगोविया ने पारंपरिक विचार-विमर्श की पुष्टि की कि डिजिटल धर्मसभा में उठाए गए मुद्दों में से एक मुद्दा था को नहीं सुना जाना और याजकवाद की धारणा।

लेकिन डिजिटल धर्मसभा के प्रतिभागियों द्वारा विशेष रूप से गौर किया गया, कि "कलीसिया भाषा नहीं जानती है। जो लोग डिजिटल दुनिया में हैं, उन्हें अक्सर कलीसिया के साथ संवाद करने में कठिनाई होती है।"

हालांकि, फादर सेगोविया ने कहा, जिन लोगों ने भाग लिया, उन्होंने स्वीकार किया कि प्रेरिताई करनेवाले उनके "करीब आने" की कोशिश कर रहे हैं।

"उन्होंने यह भी महसूस किया कि वे कलीसिया के लोगों से बात कर सकते हैं," तेजी से क्योंकि कई पुरोहित और धर्मसमाजी और समर्पित धर्मबहनें सोशल मीडिया में सक्रिय हैं जिसके माध्यम से वे उन तक अधिक आसानी से पहुंच सकते हैं।

फादर सेगोविया के अनुसार, डिजिटल धर्मसभा के प्रतिभागियों ने आशा व्यक्त की कि चूंकि उनके मुद्दों पर ध्यान दिया गया है, और उनकी आवाज सुनी गई है, "हम एक साथ आगे बढ़ सकते हैं और कलीसिया के बेहतर भविष्य के लिए आगे जा सकते हैं।"

 

 

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28 February 2023, 17:43