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बुडापेस्ट में अपनी यात्रा के दौरान लोगों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस (12.9.21) बुडापेस्ट में अपनी यात्रा के दौरान लोगों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस (12.9.21)  (ANSA)

कार्डिनल एर्दो ने पोप फ्राँसिस के हंगरी आगमन पर ‘आपार खुशी’ व्यक्त की

संत पापा फ्राँसिस आगामी 28 से 30 अप्रैल को हंगरी की प्रेरितिक यात्रा करेंगे, इस खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एस्तेरगोम-बुडापेस्ट के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल पीटर एर्दो ने उनके स्वागत हेतु अपनी आपार खुशी व्यक्त की है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में एस्तेरगोम-बुडापेस्ट के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल पीटर एर्दो ने 28 से 30 अप्रैल तक पोप फ्राँसिस की आगामी प्रेरितिक यात्रा के लिए "बड़ी खुशी" पर चर्चा की, जबकि यात्रा के महत्व को यूक्रेन में युद्ध की पृष्ठभूमि पर स्वीकार किया।

कार्डिनल एर्दो ने कहा कि हंगरी में संत पापा फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा देश के लिए एक महान आनन्द होगा। हंगरी में संत पापा फ्राँसिस की यह 41वीं प्रेरितिक यात्रा होगी।   

सोमवार को, वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक मातेओ ब्रूनी ने घोषणा की कि देश का दौरा करने के लिए नागरिक और कलीसियाई अधिकारियों के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए पोप प्रेरितिक यात्रा करेंगे।

साक्षात्कार में, कार्डिनल एर्दो ने पोप की यात्रा के लिए अपनी व्यक्तिगत प्रतिक्रिया और अपनी अपेक्षाओं को साझा किया, जिसमें यूक्रेन में युद्ध की पृष्ठभूमि भी शामिल है। उन्होंने बतलाया है कि पोप फ्राँसिस का हंगरी लौटना क्यों महत्वपूर्ण है और बच्चों के साथ संत पापा की मुलाकात के कार्यक्रम पर भी प्रकाश डाला।

तीन दिवसीय यात्रा में संत पापा शरणार्थियों एवं गरीब लोगों से मुलाकात करेंगे, साथ ही साथ धन्य लास्जलो बेथ्थानी स्ट्रेटमन संस्था के बच्चों से भी मिलेंगे। हंगरी के आधे से अधिक लोग ख्रीस्तीय हैं और करीब 37 प्रतिशत लोग काथलिक।

स्थानीय समाचार पत्रों के अनुसार यूक्रेन में युद्ध के शुरू से ही करीब 1 मिलियन यूक्रेनी नागरिक हंगरी में शरण लिए हुए हैं।  

12 सितंबर 2021 को 52वीं अंतर्राष्ट्रीय यूखरिस्त कांग्रेस के समापन के ख्रीस्तयाग का अनुष्ठान करने हेतु संत पापा देश की राजधानी बुडापेस्ट में थोड़े समय के लिए रूके थे, जिसके बाद उन्होंने स्लोवाकिया की ओर प्रस्थान किया था।

पोप फ्राँसिस ने रोमानिया की यात्रा के दौरान हंगरी के विश्वासियों के प्रति अपनी निकटता दिखाई थी, जब रोमानिया के ट्रांसिल्वेनिया क्षेत्र में लोकप्रिय हंगेरियन तीर्थस्थल चसिकसोमलया पर ख्रीस्तयाग अर्पित किया था। ट्रांसिल्वेनिया कभी हंगरी का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन 1920 में रोमानियाई क्षेत्र बन गया। रोमानिया में हंगरेरियन जनजाति के कुल दस लाख से अधिक लोग हैं।

प्रश्न : कार्डिनल एरदो, पोप फ्राँसिस की हंगरी में प्रेरितिक यात्रा पर क्या टिप्पणी करना चाहेंगे और और उनकी यात्रा से आपकी क्या उम्मीदे हैं?

संत पापा की हंगरी यात्रा का समाचार पाकर हमें बड़ी खुशी हुई। हमने उन्हें बुडापेस्ट की कलीसिया, हंगरी की कलीसिया के रूप में आमंत्रित किया है, और हम एक प्रेरितिक यात्रा के लिए उनका स्वागत करना चाहते थे।

पिछली बार उन्होंने हमारे शहर का दौरा अंतरराष्ट्रीय यूखरिस्तीय कॉन्ग्रेस के समापन ख्रीस्तयाग (सितम्बर 2021) का अनुष्ठान करने के लिए किया था। वह एक छोटी मुलाकात थी। जबकि इस प्रेरितिक यात्रा, विश्वासी समुदाय के साथ मुलाकात की चाह वर्षों से है। इसलिए यह एक आपार हर्ष की बात है।  

प्रश्न : जैसा कि आपने जिक्र किया यह पहली बार नहीं है जब संत पापा हंगरी आ रहे हैं। इस बार उनका यहाँ आना क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर – खासकर इसलिए क्योंकि वे हंगरी के विश्वासियों से मुलाकात करेंगे। 2021 का कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय घटना थी जिसमें 83 देशों के तीर्थयात्री, धर्माध्यक्ष, पुरोहित और विश्वासी उपस्थित थे। इस बार संत पापा हंगरी के निवासियों को, हमारे लोगों को, हमारे स्थानीय लोगों को सम्बोधित करेंगे। यह हमें सम्मान एवं बड़ी खुशी प्रदान कर रहा है।

प्रश्न : इस यात्रा की पृष्ठभूमि में यूक्रेन में युद्ध है। यात्रा के दौरान यह वास्तविकता कैसे महत्वपूर्ण होगी? हम जानते हैं कि आक्रमण के इस समय में हंगरी ने इतने सारे यूक्रेनी शरणार्थियों की मदद की है।

 

उत्तर – युद्ध का समाचार जिसकी शुरूआत एक साल पहले हुई है और पूरा साल चलता रहा, इसका अर्थ है हमारे लिए बहुत अधिक दुःख। युद्ध के लिए दुःख क्योंकि हम हरेक दिन शांति के लिए प्रार्थना कर रहे, विभिन्न समुदायों में प्रार्थना की जा रही हैं। हमने लगातार शांति जुलूस की एवं यूक्रेन तथा रूस को माता मरियम को समर्पित किया, जिसके लिए संत पापा ने हमें आमंत्रित किया था। हमने इसे संत स्तेफन के महागिरजाघर में जहाँ उनका पवित्र अवशेष है सम्पन्न किया क्योंकि संत स्तेफन ने हजारों साल पहले पहली बार ऐसा किया था, इतिहास के अनुसार, पूरे देश को माता मरियम को समर्पित किया था। और हम दो लोगों के आध्यात्मिक सामीप्य को महसूस करते हैं।  

और हम क्या करते हैं? सबसे पहले हमें शरणार्थियों की बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता है। हमारा देश दस मिलियन से कम आबादीवाला देश है और पिछले एक साल में यूक्रेन से डेढ़ लाख से अधिक शरणार्थी आए हैं। निश्चित रूप से वे सभी हंगरी में नहीं रहना चाहते थे, लेकिन 10-15% शरणार्थी रुक गये।

इस प्रकार पहली चुनौती थी मानवीय सहायता देने की। हमने सीमा पर और बुडापेस्ट में दोनों की स्थलों पर राष्ट्रीय कारितास, धर्मप्रांतीय कारितास और उदार पल्ली दलों द्वारा शरणार्थियों का स्वागत किया। उसके बाद माल्टा के शूरवीरों ने भी यहाँ पहुँचनेवालों की बड़ी मदद की।

प्रश्न : और विश्वासी इस सहायता में शामिल थे?

उसके बाद हमने विश्वासियों की ओर से स्वतः मदद देना शुरू किया, पल्लियों, कलीसियाई संस्थाओं एवं व्यक्तिगत रूप से भी अतिथि सत्कार किया। हमने देखा कि कई महिलाओं और बच्चों को जिन्हें स्कूल और शिक्षा देने की जरूरत थी। हमने इसे काथलिक स्कूलों में व्यवस्थित किया। कुछ शिक्षक थे जो रूसी जानते थे, उनमें से कुछ यूक्रेनी शरणार्थी थे इस तरह हमने बच्चों के उम्र अनुसार उन्हें दलों में विभक्त किया।

उनमें से कुछ हंगरी की सीमा क्षेत्र से हंगेरियन बोलनेवाले शरणार्थी भी थे, जिनके साथ घुलना -मिलना आसान था। पर हमने अन्य लोगों को भी मिलाने की कोशिश की, उन्हें काम दिया, घर दिया जिसमें वे लम्बे समय तक रह सकते हैं। इस तरह हम सोचते हैं कि चुनौतियाँ लम्बे समय तक चलते ही रहेंगे लेकिन यह हमें अपनी ख्रीस्तीय बुलाहट की याद दिलाती है।  

प्रश्न: वाटिकन प्रेस कार्यालय द्वारा जारी कार्यक्रम में देखा जा सकता है कि पोप बच्चों से भी मुलाकात करेंगे। क्या आप इसके बारे कुछ और बतायेंगे?

उत्तर: कई दशकों से बुडापेस्ट में एक ख्रीस्तीय संस्थान है जो नेत्रहीन और विकलांग बच्चों की देखभाल करता है। इसलिए उन्हें पूरे काथलिक समुदाय के स्नेह और मदद की जरूरत है।

अप्रैल में इस संस्थान का दौरा पोप द्वारा किया जाएगा जो हमेशा इन बच्चों के प्रति सहानुभूति और कोमलता दिखाते हैं।

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28 February 2023, 15:59