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एक वैलेंटाइन बनें : प्रेम दुनिया को चंगा करे

वैलेंटाइन दिवस, प्रेम प्रकट करने का एक अवसर है। जबकि आज की दुनिया में सहानुभूति एवं निःस्वार्थ प्रेम की अत्यधिक कमी है। उक्त बात नाईजीरिया में ओयो के धर्माध्यक्ष एम्मानुएल अदेतोयेसे बादेजो ने कही।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत वैलेंटीन, जिनके नाम पर इस दिवस का नाम पड़ा है, वे तीसरी शताब्दी में एक धर्माध्यक्ष थे, जो दूसरों के लिए शहीद हो गये थे। धर्माध्यक्ष एम्मानुएल ने कहा कि उन्होंने फूल तथा भौतिक चीजों एवं उपहारों से बढ़कर निःस्वार्थ प्रेम एवं बलिदान का जीवन जीया।

प्रेम दुनिया को तंदुरूस्त बनाये रखता

वैलेंटाईन डे मनानेवाले सभी लोगों को वास्तव में सभी रूपों में सच्चे, जीवन देनेवाले प्यार के मध्यस्थ बनना चाहिए। यदि वालेंटाइन डे सच्चा प्रेम प्रकट करने का दिन है तो इसकी हम सभी को आवश्यकता है। बच्चे, युवा, वयस्क, बुजूर्ग और बीमार सभी को प्यार जरूरी है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि हम कौन हैं, धर्माध्यक्ष, पुरोहित, , राजनेता, व्यवसायी, सिविल सेवक, व्यापारी, मनोरंजनकर्ता, एथलीट और कारीगर, युवा या वृद्ध, हम सभी को समझदार बने रहने और रोजमर्रा की जिंदगी को सार्थक बनाने के लिए प्यार की जरूरत है।  

धर्माध्यक्ष ने कहा, “कुरिन्थियों को लिखे अपने पत्र में संत पौलुस ने जो लिखा है, उससे बेहतर प्रेम का कोई वर्णन मुझे नहीं मिला है: “प्रेम सहनशील और दयालु है। प्रेम न तो ईष्या करता है, न डींग मारता, न घमंड करता है। वह अपना स्वार्थ नहीं खोजता। प्रेम न तो झुंझलाता है और न बुराई का लेखा रखता है। वह दूसरों के पाप से नहीं, बल्कि सदाचरण से प्रसन्न होता है।” (1 कोर.13:4-6)

प्रेम में चंगा करने की शक्ति

धर्माध्यक्ष ने कहा कि युद्ध और हिंसा से तबाह इस विश्व में वैलेंटाईन डे या प्रेम दिवस की आवश्यकता आज कहीं अधिक है। इसकी आवश्यकता हमारे परिवारों में, हमारी कलीसिया में, समाज में है। हमें इसकी आवश्यकता स्कूल में, हमारी गलियों में, कार्यस्थलों में है। हमारे बाजारों एवं पार्कों में हमें सच्चे प्रेम के मध्यस्थ बनने की जरूरत है। हमें इसकी आवश्यकता उन सभी स्थलों में है जहाँ लोग बिना कारण पीड़ित और परेशान किये जाते हैं। हरेक दिल में एक सच्चे प्रेम की जरूरत है ताकि हमारा देश एवं हमारी दुनिया अपने हर प्रकार से जख्मों से चंगा हो सके एवं फिर से सुस्वस्थ हो सके।   

संत पौलुस कहते हैं : “यदि मुझ में प्रेम का आभाव हो तो मैं कुछ नहीं हूँ।”(1 कोर 13:2) धर्माध्यक्ष एम्मानुएल ने कहा कि क्या हम प्रेम के बिना कुछ सार्थक या स्थायी चीज पा सकते हैं? उन्होंने इस दिवस को निःस्वार्थ, क्षमाशीलता, सशक्तिकरण, दृढ़ता और जीवनदेने वाले दिवस के रूप में मनाने हेतु प्रेरित किया।

प्रेम को हरदिन मनाना

उन्होंने कहा, “वैलेंटाइन केवल जोड़े में घूमनेवाले प्रेमियों के लिए नहीं है। वैलेंटाइन माता-पिता के लिए भी हैं जो निःस्वार्थ प्रेम से अपने बच्चों की देखभाल करते हैं। वैलेंटाइन उन सैनिकों और सुरक्षा बलों के लिए भी है जो अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर देते हैं। यह वैलेंटाइन ही है जब सिविल सेवक कर्तव्य की सच्ची भावना के साथ जनता की सेवा करते हैं। हाँ, यह वैलेंटाइन ही है जब राजनेता अपनी देखरेख में नागरिकों की सच्ची जरूरतों को पूरा करने के लिए काम करते हैं। सच्चे वैलेंटाइन्स घरों, परिवारों और समाज में एक फर्क ला सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “अतः हमें इस तरह के वैलेंटाईन दिवस को, न केवल फरवरी माह में लेकिन साल के हरेक दिन मनाने की जरूरत है जो अधिक न्यायपूर्ण, सहानुभूतिपूर्ण और अधिक प्रेम भरा विश्व बनाने में मदद करेगा। यह प्रेम हमारे सारे लोभ, स्वार्थ, दुष्टता, घृणा पर विजय प्राप्त करेगा, और यह कभी समाप्त नहीं होता!”

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14 February 2023, 17:03