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2023.02.25सिनॉडालिटी पर एशियाई महाद्वीपीय सभा 2023.02.25सिनॉडालिटी पर एशियाई महाद्वीपीय सभा  

सिनॉडालिटी पर एशिया महाद्वीप की सभाःतम्बू में हमेशा जगह होती है

सिनॉडालिटी पर एशिया महाद्वीप की सभा का उद्घाटन 24 फरवरी को पवित्र आत्मा की ख्रीस्तयाग से शुरू हुई जिसकी अध्यक्षता एशियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलन संघ (एफएबीसी) के महासचिव और टोक्यो के महाधर्माध्यक्ष तारसिसियो इसाओ किकुची एसवीडी ने की, जिसमें 80 प्रतिभागी और 29 एशियाई देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधि शामिल हुए।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

बैंकॉक, शनिवार 25 फरवरी 2023 : बैंकॉक में सिनॉडालिटी पर एशिया महाद्वीप की सभा का उद्घाटन ख्रीस्तयाग की अध्यक्षता एशियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलन संघ (एफएबीसी) के महासचिव और टोक्यो के महाधर्माध्यक्ष तारसिसियो इसाओ किकुची एसवीडी ने दिली महाधर्मप्रांत के कार्डिनल वर्जिलियो डो कार्मो सिल्वा एसडीवी और लाओस के वियतियाने के प्रेरितिक प्रशासक कार्डिनल मेरी लिंग मंगखानेखौं की सहभागिता में की।

अपने प्रवचन में महाधर्माध्यक्ष किकुची ने अफ्रीका में एक मिशनरी के रुप में अपने प्रेरितिक अनुभव को साझा किया जो निराशा और उदासीनता की स्थितियों को उजागर करता है, जो मानव आत्मा और मानवता की आत्मा को नष्ट कर देता है और आशा और प्रेम की स्थिति - धाना का जादू जो जीवन और आनंद लाता है, जिसे एकता की भावना से मनाया जाता है।

पवित्र युखरिस्त का समापन मोमबत्तियों के आशीर्वाद के साथ हुआ जो समूहों के मध्यस्थों को उनकी मेजों पर रखने के लिए दिया गया था। चर्चा के दौरान जलाई गई ये मोमबत्तियाँ ख्रीस्त के प्रकाश का प्रतीक हैं, जो प्रेरित करती है और चर्चाओं को धर्मसभामय (सिनॉडल) यात्रा का प्रतिबिम्ब बनने के लिए प्रेरित करती है।

धर्मसभा के सचिवालय के महासचिव कार्डिनल मारियो ग्रेच ने अपने उद्घाटन भाषण में  प्रतिनिधियों को याद दिलाया कि हम सभी धर्मसभा में शिक्षार्थी हैं। हमें कलीसिया के भीतर की आवाजों के प्रति और अधिक चौकस रहने के लिए प्रोत्साहित करना, विशेष रुप से उन आवाजों के लिए जो आंदोलन करती हैं और उनको भी जो ‘नहीं बोलते’।  कार्डिनल ग्रेच ने कहा कि एक धर्मसभी कलीसिया सुनने की एक कलीसिया है। प्रकिया की सफलता प्रभु के लोगों और पुरोहितों की सक्रिय भागीदारी पर निर्भर करती है। धर्मसभा का एक उचित अभ्यास कभी भी लोगों और पुरोहितों को प्रतिस्पर्धा में नहीं रखता है, बल्कि उन्हें निरंतर संबंध में बनाये रखता है। जिससे दोनों अपनी भूमिका और जिम्मेदारियों को पूरा करते हैं। अंत में कार्डिनल ने ‘सुनने’ के महत्व पर जोर दिया। पवित्र आत्मा को सुनना जो कलीसिया से बात करता है और वह वाक्यांश ‘एक धर्मसभा कलीसिया सुनने की कलीसिया’ को एक अलंकारिक वाक्यांश में कम नहीं किया जाना चाहिए बल्कि सच्चाई को चिन्हित करना चाहिए।                                                             

धर्मसभा एक चिंतनशील प्रक्रिया होने के नाते, प्रतिनिधियों को विवेक की आध्यात्मिकता से परिचित कराया गया। यह किर्गिस्तान के प्रेरितिक प्रशासक फादर जेम्स कोरकोरन एस.जे. द्वारा उजागर किया गया। प्रतिनिधियों को व्यक्तिगत प्रार्थना में तीन प्रश्नों पर विचार करने के लिए आमंत्रित किया गया थाः सिनॉडल प्रक्रिया में उनका अनुभव क्या रहा? वे इस सभा में अपने कार्य के रुप में क्या देखते हैं? वे आध्यात्मिक वार्तालाप की प्रक्रिया के बारे में क्या सोचते हैं?

प्रतिनिधियों ने छोटे समूह में पहले भाग पर चर्चा की और उनकी टिप्पणियों पर रिपोर्ट की।

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25 February 2023, 16:38