एशियाई धर्मसभा सभा में दूसरों की ओर से बोलती हुई महिलाएँ
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
बैंकॉक, शनिवार 25 फरवरी 2023 : सिनोडालिटी पर एशियाई महाद्वीपीय सभा में बारह महिलाएं भाग ले रही हैं। एशियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के महासंघ (एफएबीसी) के धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के अध्यक्षों के अलावा इस सभा में प्रत्येक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन का प्रतिनिधित्व दो प्रतिनिधियों द्वारा किया गया है। इन महिलाओं को अपने देशों का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतिनिधि के रूप में चुना गया है।
वाटिकन न्यूज के साथ एक वीडियो साक्षात्कार में, इनमें से प्रत्येक महिला ने विशेष संदेश या उन लोगों को व्यक्त किया, जिनका वे प्रतिनिधित्व कर रही हैं और जिनकी आवाज को वे सभा में सुनाना चाहती हैं।
रीटा रोज़लाइन कोस्टा बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनका संदेश बांग्लादेश में रहने वाली अन्य महिलाओं के लिए है। "मैं कहना चाहती हूँ कि धर्मसभा प्रक्रिया में हम आपके साथ हैं और हमारी आवाज सुनी जानी चाहिए। कृपया हमारी आवाज़ पर विचार करें और हम इससे बाहर नहीं हैं।” रीटा ने यह कहते हुए अंत किया, "एक साथ मिलकर हम दुनिया में अंतर ला सकते हैं।"
जॉय कैंडेलारियो फिलीपींस का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा,"मैं अपने साथ उन सभी साधारण लोगों को लाती हूँ जो सुसमाचार प्रचार में सक्रिय रूप से शामिल हैं।" "वे सभी आवाजें जो हमने धर्मसभा प्रक्रिया में फिलीपींस के पल्लियों, धर्मप्रांतों और क्षेत्रों से सुनी हैं - बहुत सारी आवाजें जो हमें परेशान कर रही थीं, जो हमें छू रही थीं, आवाजें जो कई तरह से आहत हैं और कलीसिया में पूरी तरह से नहीं सुनी गयी हैं। जॉय की आशा है कि ये सभी लोग एक दिन भाग ले सकते हैं, कि "उनके लिए भी एक जगह होगी, वे हमारे हो सकते हैं क्योंकि वे भी कलीसिया हैं।"
अन्ना अमांदुस मलेशिया/सिंगापुर/ब्रुनेई का प्रतिनिधित्व करती हैं और "उन विवाहितजोड़ों की आवाज उठाती हैं जिनकी शादी को पांच साल से अधिक हो गए हैं लेकिन अभी भी बच्चे नहीं हैं। अन्ना उम्मीद कर रही हैं कि इसका अनुभव करने वाले जोड़ों को सभा से "उपयोगी संदेश" मिल सकता है। वह यह भी उम्मीद करती है कि ये जोड़े "हार नहीं मानेंगे," कि वे "ईश्वर में विश्वास रखें कि चाहे कुछ भी हो जाए।" अन्ना ने निष्कर्ष निकाला, "हमारा मानना है कि हमेशा एक कारण होता है।"
रोसालिया चो चो टिन म्यांमार का प्रतिनिधित्व करके बहुत खुश हैं। रोसालिया ने कहा, "यह हमारे लिए अनुग्रह का क्षण है।" वह जानती है कि वह केवल अपने लिए विधानसभा में भाग नहीं ले रही है। "मेरे लोग, हमारा देश और कलीसिया मेरे साथ हैं। मैं यहां केवल अपने लिए नहीं बल्कि अपने देश के लिए हूँ। मैं हमेशा अपने देश में शांति और न्याय के लिए प्रार्थना कर रही हूँ।
तेरेसा वू ताइवान का प्रतिनिधित्व करती हैं और "एशियाई महाद्वीपीय सभा में उनकी आवाज़ और अपेक्षाओं को लाने के लिए" सम्मानित महसूस करती हैं। “यहाँ, हम उन आवाज़ों को लाती हैं, जिसे हमने सुना है। उम्मीद है, जब मैं वापस जाऊंगी तो यहां की आवाज वहाँ ले जाउँगी।
अकेमी त्सूजी जापान का प्रतिनिधित्व करती हैं और जातीय समूहों के बीच "अंतर-सांस्कृतिक और अंतर-धार्मिक समझ और संवाद" की आवश्यकता को लाई हैं। अकेमी ने कहा, “यह एशिया में एक महत्वपूर्ण चीज है।”
फिलीपींस से, एस्टेला पाडिला, विवेक और लेखन टीम का हिस्सा है और एफएबीसी सचिवालय की सदस्य है। एस्टेला ने कहा, "मुझे लगता है कि आदिवासी लोगों की आवाज गायब है," "दुनिया के साठ प्रतिशत आदिवासी लोग एशिया में रहते हैं। हम उनके बारे में बात कर रहे हैं लेकिन उन्होंने बात नहीं की है। दूसरे उनके लिए बोल रहे हैं। आदिवासी लोग, विशेषकर महिलाएँ, हमारी मूल संस्कृतियों की वाहक हैं। माता के रूप में वे अपनी संस्कृति अपने बच्चों को देती हैं। वे आदिवासी संस्कृतियों के वाहक हैं जहाँ सबसे अधिक ज्ञान पाया जाता है। इसके अलावा, अधिकांश आदिवासी चिकित्सक महिलाएं हैं। उनकी आवाज सुनना अच्छा होता।"
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