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दक्षिण सूडान में बाढ़ का एक दृश्य दक्षिण सूडान में बाढ़ का एक दृश्य  

दक्षिण सूडान सन्त पापा फ्राँसिस की प्रतीक्षा में

दक्षिण सूडान में रमबेक के काथलिक धर्माध्यक्ष ने कहा है कि बाढ़, सूखा और भोजन की कमी के बीच दक्षिण सूडान के लोग देश में सन्त पापा फ्राँसिस एवं महाधर्माध्यक्ष जस्टिन वेल्बी की यात्रा की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

दक्षिण सूडान, शुक्रवार, 20 जनवरी 2023 (रेई,वाटिकन रेडियो): दक्षिण सूडान में रमबेक के काथलिक धर्माध्यक्ष ने कहा है कि बाढ़, सूखा और भोजन की कमी के बीच दक्षिण सूडान के लोग देश में सन्त पापा फ्राँसिस एवं महाधर्माध्यक्ष जस्टिन वेल्बी की यात्रा की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ग़ौरतलब है कि 31 जनवरी से पाँच फरवरी तक सन्त पापा फ्राँसिस दक्षिण सूडान एवं कॉन्गो की यात्रा पर जा रहे हैं।

सन्त पापा की प्रतीक्षा

रमबेक के धर्माध्यक्ष क्रिस्टियन कारलास्सरे ने कहा कि जब सन्त पापा और महाधर्माध्यक्ष वेल्बी दक्षिण सूडान पहुँचेंगे तब वे एक ऐसे देश को पायेंगे जिसका परित्याग कर दिया जा चुका है, जिसने युद्ध के घोर परिणामों को भुगता है तथा बड़ी मुशकिल से और बड़े कम अवसरों पर जिसकी ओर विश्व का ध्यान आकर्षित होता है।

काथलिक कलीसिया के विश्व व्यापी उदारता संगठन कारितास द्वारा अफ्रीका में खाद्य पदार्थों के संकट पर आयोजित एक वेबीनार के दौरान दक्षिण सूडान स्थित रमबेक के धर्माध्यक्ष ने यह बात कही। दो वर्ष पूर्व कोम्बोनी धर्मसमाजी मिशनरी पुरोहित फादर क्रिस्टियन कारलास्सरे को, धर्माध्यक्ष कार्यभार ग्रहण करने से पहले, रमबेक में उनके घर में गोली मारकर घायल कर दिया गया था।

दक्षिण सूडान की कठिनाइयाँ

2019 में शांति समझौतों के बाद अब राष्ट्रीय एकता और पारगमन की सरकार सत्ता में है। आगामी चुनाव 2024 में होनेवाले हैं। प्रायः मतभेदों एवं संघर्षों के कारण शांति समझौता भंग होने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और देश में अस्थिरता का माहौल बन जाता है। उन्होंने कहा कि कई समूह पदों और संसाधनों की प्राप्ति के लिये लोगों की सुरक्षा को दाँव पर लगा देते हैं तथा अशांति उत्पन्न कर देते हैं।

उन्होंने कहा कि दक्षिण सूडान संसाधनों से समृद्ध देश है, लेकिन जिसका धन "विभाजन का एक स्रोत है, ख़राब वितरण और दुरुपयोग के कारण विभाजन उत्पन्न होते हैं जिनका दुष्प्रभाव प्रायः आम जनता को सहना पड़ता है। इसके अलावा, उन्होंने कहा, "जलवायु परिवर्तन अनियमित वर्षा का कारण बन रहा है, "बुवाई के दौरान दुर्लभ या बहुत अधिक वर्षा, फसलों को नष्ट कर रही है। नील नदी का स्तर भी बहुत अधिक बढ़ जाता है और बाढ़ का कारण बनता है, इसलिए आबादी को खिलाने के लिए अनाज की कटाई और उत्पादन करना संभव नहीं होता है।"

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20 January 2023, 11:57