पोलैंड : पोप बेनेडिक्ट १६वें के लिए धन्यवादी मिस्सा
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
पोप बेनेडिक्ट १६वें के जीवन और उनके परमाध्यक्ष के रूप में सेवा के लिए ईश्वर को धन्यवाद देने हेतु 7 जनवरी को पोलैंड के वरसाव में राष्ट्रीय स्तर पर एक धन्यवादी ख्रीस्तयाग सम्पन्न किया गया।
ख्रीस्तयाग का अनुष्ठान प्रेरितिक राजदूत सलवातोरे पेन्नाकियो ने किया, जहाँ पूरे देश से करीब कुल 50 धर्माध्यक्षों, कई सरकारी अधिकारियों, लोकधर्मियों और पुरोहितों ने भाग लिया।
ख्रीस्तयाग के दौरान अपने उपदेश में पोलैंड के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष स्तानिसलाव गाडेस्की ने जोर दिया कि पोप बेनेडिक्ट २०वीं सदी के एक अत्यंत उल्लेखनीय ईशशास्त्री थे और उन्होंने विश्वास का महान साक्ष्य प्रस्तुत किया है।
उन्होंने विवाह की अविच्छिन्नता, अंतरधार्मिक संबंधों के सुदृढ़ीकरण, नाबालिगों के यौन शोषण के अपराधों से कलीसिसया की सफाई, और मिशन पर उनकी शिक्षा एवं राजनीतिक जीवन में लोकधर्मियों की जिम्मेदारी पर अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया है।
महाधर्माध्यक्ष गडेस्की ने कहा, “पोप बेनेडिक्ट सोलहवें ने ख्रीस्त को अपने पूरे जीवन से प्यार किया। वे सत्य के प्रति चौकस थे, और जानते थे कि यह अन्य सभी सुसमाचारी मूल्यों की नींव है। वे एक महान समकालीन ईशशास्त्री और विश्वास के साक्षी थे।"
समारोह के अंत में प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष सलवातोरे पेन्नाकियो ने कहा कि पोप बेनेडिक्ट सच्चाई के समर्थक थे, एक पुरोहित के रूप में वे धर्मशिक्षा एवं धर्मविधि के मास्टर थे, वे एक ईशशास्त्री थे एवं बाद में काथलिक कलीसिया के शीर्ष बने।
उन्होंने कहा, "पोप बेनेडिक्ट १६वें के जीवन के लिए कृतज्ञता से भरकर, आज हम उनके अंतिम आग्रह को पूरा कर रहे हैं : ‘मुझे अपनी प्रार्थनाओं में याद करें’, और हम उन्हें याद करते हैं।"
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