खोज

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की 34वीं महासभा भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की 34वीं महासभा 

सीसीबीआई की ३४वीं महासभा : अन्य धर्मों एवं धरती माता के साथ संबंध

बेंगलूरू, 26 जनवरी 2023 (सीसीबीआई) : भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की 34वीं महासभा के दूसरे दिन 25 जनवरी की शुरूआत भारत और नेपाल के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष लेओपोल्दो जिरेली की अगुवाई में ख्रीस्तयाग के साथ हुई।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

बेंगलूरू, 26 जनवरी 2023 (सीसीबीआई) : भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की 34वीं महासभा के दूसरे दिन 25 जनवरी की शुरूआत भारत और नेपाल के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष लेओपोल्दो जिरेली की अगुवाई में ख्रीस्तयाग के साथ हुई।

अपने उपदेश में संत पौलुस के मन-परिवर्तन पर्व की याद करते महाधर्माध्यक्ष जिरेली ने भारत के धर्माध्यक्षों से कहा कि मन-परिवर्तन के बाद संत पौलुस ने अपना ध्यान खुद पर से हटाकर ख्रीस्त पर लगाया।

सीसीबीआई के महासचिव डॉ. स्तेफन अलाथरा की रिपोर्ट अनुसार, महाधर्माध्यक्ष कहा, “काथलिकों के रूप में हम ईश्वर की योजना अनुसार दुनिया में परिवर्तन को उत्प्रेरित करने के लिए बुलाये गये हैं। एक ओर समय के संकेतों को पहचानने और दूसरी ओर सुसमाचार के प्रति निष्ठा द्वारा हम आराम की जिंदगी नहीं जीने बल्कि एक नये तरीके को अपनाने के लिए प्रेरित किये जाते हैं जो इतिहास में ईश्वर की सक्रिय उपस्थिति के अनुरूप है।”

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि हम सीसीबीआई के धर्माध्यक्षों को नहीं भूलना चाहिए कि हम भारत की कलीसिया को सुसमाचारी मूल्यों, उच्च स्तरीय न्याय, समानता, समावेश, सौहार्द एवं एकता के रास्ते पर ले चलने के लिए बुलाये गये हैं।

दूसरा दिन – तीसरा सत्र

मिसेरेओर के पूर्व निदेशक मोन्सिन्योर जोसेफ सेयर ने “प्रेदिकाते एवंजेलियुम और जीवन में इसे लागू करने तथा कलीसिया में नेतृत्व” पर प्रकाश डाला। महाधर्माध्यक्ष एलियस जोसेफ गोंजाल्स सत्र के मोडेरेटर थे।  

मोन्सिन्योर सेयर ने भारत में संस्कृतिकरण, सांस्कृतिक विविधता और उपासना की बहुलता के पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सुसमाचार की घोषणा भाषा और संस्कृति की बाधाओं के कारण नहीं रूकना चाहिए। उन्होंने कहा कि कलीसिया की एकता सांस्कृतिक विविधता पर स्थापित होनी चाहिए।

अगले सत्र का नेतृत्व महाधर्माध्यक्ष अनिल कुटो ने किया, जिन्होंने ‘अन्य ख्रीस्तीयों के साथ सिनॉडल संबंध’ विषयवस्तु पर प्रकाश डाला।

उन्होंने संत पौलुस का हवाला दिया। संत पौलुस कलीसिया की तुलना एक शरीर से करते हैं जिसके हरेक अंग विश्वव्यापी कलीसिया को सुचारू रूप से चलने में अपना सहयोग देते हैं। उन्होंने कहा, “कलीसिया सिनॉडल तरीके से अपने आप को पवित्र, काथलिक और प्रेरितिक रूप में व्यक्त करती और जीती है। सिनॉडालिटी हमें दूसरे दृष्टिकोण के लिए खोलती है, बोलने से अधिक सुनने के लिए प्रेरितिक करती है।”

दूसरा दिन – चौथा सत्र

अगले सत्र में दो विषय थे : पड़ोसी धर्मों के साथ सिनॉडल संबंध और धरती माता के साथ सिनॉडल संबंध।

वसाई के महाधर्माध्यक्ष डॉ. फेलिक्स मचाडो ने पहले विषय पर चर्चा की। उन्होंने सामंजस्यपूर्ण जीवन जीने के लिए दूसरे धर्मों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाये रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने अच्छे संबंध बनाये रखने के लिए तीन चुनौतियों को सामने रखा : जटिलता, अस्पष्टता और जिम्मेदारी। उन्होंने स्थायी संबंध बनाये रखने के लिए कुछ उपाय भी बतलाये।

दूसरे विषय, धरती माता के साथ सिनॉडल संबंध, पर सीसीबीआई के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष एलविन डी सिल्वा ने प्रकाश डाला। उन्होंने सृष्टि के साथ समझदार सिनॉडालिटी के महत्व, पारिस्थितिक सिनॉडालिटी के महत्व और पारिस्थितिक सिनॉडालिटी के लिए मन-परिवर्तन को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि यह समझना कि पवित्र आत्मा हमें क्या समझाना चाहता है, इसपर सिर्फ चर्चा करने के लिए हम यहाँ उपस्थित नहीं हैं बल्कि सुनने और सारी सृष्टि को सुसमाचार सुनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। वचन की घोषणा करने के लिए हमें चाहिए कि हम उनकी पूरी सृष्टि के साथ पूर्ण संबंध को बढ़ावा दें। पोप फ्राँसिस के शब्दों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि "इसलिए हमें पारिस्थितिक बदलाव को प्रोत्साहन और समर्थन देना चाहिए जिसने हाल के दशकों में मानवता को आपदा के प्रति अधिक संवेदनशील बना दिया है, जिससे यह आपदा की ओर बढ़ रहा है।"

दोपहर में, महासभा के विषय पर चर्चा करने और विचार-विमर्श करने के लिए धर्माध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्रों के धर्माध्यक्षों के दल में एकत्रित हुए।

शाम को, धर्माध्यक्षों ने अपने आपको आध्यात्मिक रूप से सुदृढ़ करने हेतु चिंतन प्रार्थना शुरू किया। चिंतन प्रार्थना २६ जनवरी को यूखरिस्तीय आराधना और पापस्वीकार संस्कार के साथ समाप्त हुई।

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

26 January 2023, 16:38