खोज

2022.12.20 ल्यूबेल्स्की के काथलिक विश्वविद्यालय ने हनुक्का और आगमन के एक संयुक्त उत्सव में धर्माध्यक्ष मिक्ज़िस्लाव सिस्लो 2022.12.20 ल्यूबेल्स्की के काथलिक विश्वविद्यालय ने हनुक्का और आगमन के एक संयुक्त उत्सव में धर्माध्यक्ष मिक्ज़िस्लाव सिस्लो 

पोलैंड: ल्यूबेल्स्की के काथलिक विश्वविद्यालय में आगमन और हनुक्का का समारोह

ल्यूबेल्स्की के काथलिक विश्वविद्यालय ने हनुक्का और आगमन का एक संयुक्त उत्सव का आयोजन किया, जिसमें धर्माध्यक्ष मिक्ज़िस्लाव सिस्लो ने काथलिकों और यहूदियों के रूप में एक साथ जुड़ने के पहल की प्रशंसा की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

ल्यूबेल्स्की, बुधवार 21 दिसंबर 2022 (वाटिकन न्यूज) : ल्यूबेल्स्की के जॉन पॉल द्वितीय  काथलिक विश्वविद्यालय में काथलिक-यहूदी संबंधों के अब्राहम जे. हेशल सेंटर ने 19 दिसंबर को एक बहुसांस्कृतिक और बहु-धार्मिक शहर ल्यूबेल्स्की के शैक्षणिक समुदाय और निवासियों के लिए एक संयुक्त हनुक्का और आगमन समारोह का आयोजन किया।

पहली बार "लाइट्स इन द डार्कनेस"(अंधकार में उजाला) कार्यक्रम ने यहूदी समुदाय के प्रतिनिधियों और छात्रों को इस प्रतीकात्मक सभा में भाग लेने के लिए, लोगों के दिलों में प्रकाश पर ध्यान केंद्रित करने और विभिन्न धर्मों के लोगों को एकजुट करने के लिए एक साथ लाया।

प्रकाश में संयुक्त

ल्यूबेल्स्की महाधर्मप्रांत के सेवानिवृत सहायक धर्माध्यक्ष मिक्ज़िस्लाव सिस्लो ने कहा, "हम काथलिक अपनी यहूदी जड़ों की खोज करते हैं और यहूदी ईसाई धर्म की भ्रातृत्व की खोज करते हैं।"

धर्माध्यक्ष सिस्लो ने 2006-2016 तक पोलिश धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के यहूदी धर्म के साथ संवाद समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। उन्होंने भी प्रकाश के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "हनुक्का कैंडेलबरा और आगमन पुष्पचक्र प्रकाश एक जैविक एकता है," "यह गर्म और एकजुट करता है।"

हेशेल सेंटर के उप निदेशक, फादर पावेल रयटेल-एंड्रियनिक ने बताया, हनुक्का कैंडेलबरा पुराने नियम का संकेत है-येरुसालेम में मंदिर की मुक्ति, जबकि आगमन पुष्पचक्र मसीहा के रूप में येसु के आने का प्रतीक है।

उन्होंने कहा, "ल्यूबेलिन एक बहुसांस्कृतिक विश्वविद्यालय शहर है, जहां द्वितीय विश्व युद्ध से पहले संचालित दुनिया का सबसे बड़ा तालमुदिक स्कूल, जेस्ज़ीवास चाचमेज ल्यूबेल्स्की था। आज पोलैंड में सबसे बड़ा काथलिक विश्वविद्यालय शहर के ऐतिहासिक चरित्र को संदर्भित करता है और याद करता है।”

यहूदी पर्व हनुक्का

हनुक्का एक वार्षिक यहूदी अवकाश है जो आठ दिनों तक चलता है, जो किसलेव महीने के 25 वें दिन (यहूदी कैलेंडर के अनुसार) से शुरू होता है।

यह 165 ईसा पूर्व में येरुसालेम में मंदिर के पुनर्समर्पण की याद दिलाता है। हनुक्का एक विशेष कैंडेलबरा- हनुक्का पर रोशनी, मोमबत्तियाँ या तेल के दीपक जलाने की रस्म से जुड़ा है।

हनुक्का की उत्पत्ति उन घटनाओं से जुड़ी हुई है जो येरुसालेम में मंदिर में 165 या 164 ईसा पूर्व के किस्लेव महीने के 25वें दिन हुई थी, जब सीरिया और फिलिस्तीन के शासक, हेलेनिस्टिक सेल्यूसिड वंश के एंटिओकस चतुर्थ ने बल पूर्वक यहूदियों को अपने मूसा की रीति-रिवाजों, परंपराओं और विश्वास को त्यागने और ग्रीक रीति-रिवाजों को अपनाने की मांग की थी।

हेशल सेंटर

ल्यूबेल्स्की के काथलिक विश्वविद्यालय में काथलिक-यहूदी संबंधों के लिए अब्राहम जे. हेशल केंद्र एक वैज्ञानिक और शैक्षिक इकाई है जिसका उद्देश्य काथलिक-यहूदी संबंधों को गहरा करना है।

इसके संरक्षक यहूदी धर्मशास्त्री, दार्शनिक और कवि अब्राहम जे. हेशल हैं। केंद्र का उद्घाटन अक्टूबर में हुआ था। बुधवार, 19 अक्टूबर 2022 को आम दर्शन समारोह के अंत में, संत पापा फ्राँसिस ने पोलिश तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया और कहा, "मुझे खुशी है कि सोमवार को ल्यूबेल्स्की में काथलिक-यहूदी संबंध केंद्र का उद्घाटन किया गया। मुझे आशा है कि यह "साझी विरासत, न केवल दो धर्मों को बढ़ावा देगा, बल्कि दो समुदाय के लोगों की भी।”

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

21 December 2022, 14:40