भारत: रिपोर्ट साबित करती है कि फादर स्वामी के खिलाफ सबूत झूठा था
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, सोमवार 19 दिसंबर 2022 (वाटिकन न्यूज) : अमेरिका स्थित एक डिजिटल फोरेंसिक फर्म ने पुष्टि की है कि स्वर्गीय जेसुइट फादर स्टेन स्वामी के खिलाफ राजद्रोह का आरोप झूठे सबूतों पर आधारित था।
बोस्टन में स्थित "आर्सेनल कंसल्टिंग" में उनके बचाव पक्ष के वकीलों द्वारा की गई जांच के परिणामों के अनुसार, 84 वर्षीय भारतीय पुरोहित और सामाजिक कार्यकर्ता, जिनकी मृत्यु मुंबई में होली फैमिली हॉस्पिटल में 5 जुलाई, 2021 को इलाज के दौरान एक अंडर ट्रायल कैदी के रूप में हुई थी। फादर स्टेन को उनके कंप्यूटर हार्ड ड्राइव में हैक करने और उन्हें फंसाने के सबूत के तौर पर आपत्तिजनक दस्तावेजों को प्लांट करने के बाद फंसाया गया था।
2020 में गिरफ्तारी
फादर स्टेन स्वामी को 8 अक्टूबर 2020 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), संघीय आतंकवाद-रोधी एजेंसी, झारखंड राज्य की राजधानी रांची में उनके आवास से, अन्य 16 लोगों के साथ योजना बनाने और निष्पादित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 1 जनवरी 2018 को महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव क्षेत्र में हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। फादर स्टेन स्वामी पर प्रतिबंधित माओवादी विद्रोहियों के साथ सहयोग करने और राज्य के खिलाफ साजिश रचने का भी आरोप लगाया गया था।
फादर स्वामी ने हमेशा आरोपों का खंडन किया था। हालांकि, बुजुर्ग पुरोहित को उनकी उम्र, खराब स्वास्थ्य स्थितियों और जेल में कोविद-19 अनुबंधित होने के बावजूद कई बार जमानत से वंचित कर दिया गया था। बॉम्बे हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद उनकी हालत बिगड़ने और इलाज के लिए ज़मानत पाने की उनकी कोशिश नाकाम होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
जांचकर्ताओं ने दावा किया कि उनके पास उसके खिलाफ गंभीर सबूत हैं। नए निष्कर्ष बताते हैं कि यह सबूत झूठा था और उसे फंसाया गया था।
एक सामाजिक कार्यकर्ता
फादर स्वामी ने पांच दशक से एक सामाजिक कार्यकर्ता के रुप में झारखंड और अन्य स्थानों में गरीब आदिवासियों और अन्य गरीब लोगों के लिए काम किया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद भारत और विदेशों में कई लोगों और कलीसिया संगठनों ने उनकी रिहाई के लिए अभियान चलाया।
हिरासत में उनकी मृत्यु की ब्रिटिश संसद सहित, अमेरिकी विदेश विभाग और संयुक्त राष्ट्र द्वारा दुनिया भर में निंदा की गई थी।
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