सीसीसीबी अध्यक्ष ने कनाडा में पोप की यात्रा पर प्रकाश डाला
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
कनाडा में "प्रायश्चित तीर्थ" के रूप में संत पापा फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा को कनाडा की कलीसिया और आदिवासी लोगों के बीच संबंधों में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में व्यापक रूप से स्वागत किया गया, जो पिछले सप्ताह कनाडा के धर्माध्यक्षों की वाटिकन यात्रा के दौरान एजेंडे में सबसे ऊपर था।
कनाडा के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की कार्यकारी समिति के सदस्य हर साल रोम आकर संत पापा एवं वाटिकन के विभिन्न विभागों से मुलाकात करते हैं। यह सहभागिता एवं आपस में एक-दूसरे का समय होता है ताकि विश्वव्यापी कलीसिया के साथ रोम की कलीसिया के संबंध को मजबूत किया जा सके।
कनाडा के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष रेमंड पोइसन ने कहा कि कमलूप्स, बीसी, और अन्य जगहों पर पूर्व आवासीय विद्यालयों की भूमि पर संभावित अचिह्नित कब्रों की रिपोर्ट संकट का क्षण था जिसने आवासीय विद्यालय प्रणाली की विरासत पर अधिक चिंतन करने के लिए प्रेरित किया।
मेल-मिलाप के लिए काम करना
रोम में वाटिकन रेडियो से बातें करते हुए धर्माध्यक्ष पोईसन ने बतलाया कि पोप की कनाडा यात्रा एवं आदिवासियों से माफी मांगना, आदिवासी लोगों एवं कलीसिया के बीच संबंधों को बढ़ाने के लिए एक मूहर के समान है। इसने एक साथ आने और मेलमिलाप हेतु कुछ करने का मौका दिया। काथलिकों एवं आदिवासियों को बेहतर रूप में एक दूसरे को जानने, एक-दूसरे से बातचीत करने सीखने, एक-दूसरे को सुनने और भविष्य में एक साथ काम करने का अवसर प्रदान किया।
धर्माध्यक्ष रेमंड ने आदिवासी लोगों के संदर्भ में कनाडा के धर्माध्यक्षों के कई ठोस प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिसमें स्थानीय कलीसियाओं और समुदायों में परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए करीब 30 मिलियन डॉलर जमा किया गया है। धर्माध्यक्ष फर्स्ट नेशन, मेतिस और इनुइट को पत्र लिखने, साथ ही साथ कनाडा के सभी आदिवासियों को एक आम पत्र लिखने की तैयारी कर रहे हैं।
धर्माध्यक्ष ने वाटिकन संग्रहालयों में संरक्षित आदिवासी कलाकृतियों के बारे में पहल, और आवासीय विद्यालय प्रणाली से संबंधित कलीसियाई अभिलेखागार खोलने के प्रयासों का भी उल्लेख किया।
सिनॉड का पहला चरण सचमुच सफल
कनाडा के धर्माध्यक्षों के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण विषय है सिनॉडालिटी पर जारी धर्मसभा है। धर्माध्यक्ष पोइसन ने धर्मसभा द्वारा जगाई गई महान रुचि पर कनाडा के धर्माध्यक्षों के आश्चर्य का उल्लेख करते हुए कहा कि वैश्विक सिनॉड का पहला, धर्मप्रांतीय चरण सचमुच सफल रहा।
उन्होंने कहा, हमने पाया है कि लोगों ने मिलने के स्वाद को पा लिया है" और कलीसिया में एवं समुदायों में अपने "मिशन" को समझ लिया है।
धर्माध्यक्ष ने जोर दिया कि सिनॉड के अगले चरण के लिए, विश्वासियों के बीच अधिक सहभागिता को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। उन्होंने कई आवाजों के बीच स्वाद खोने के खतरे की भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा, "यह महत्वपूर्ण है कि हर किसी का प्रतिनिधित्व किया जाए क्योंकि कलीसिया आधुनिक दुनिया में अपने मिशन को पूरा करने के सर्वोत्तम तरीके को समझने के लिए काम कर रही है।"
कनाडा के धर्माध्यक्ष ने चिंता व्यक्त की कि अगले पाँच साल में, 80 धर्मप्रांतों में से 20 में नये धर्माध्यक्षों की आवश्यकता होगी। उन्होंने ख्रीस्त के मिशन में अधिक सफलता की उम्मीद जतायी है।
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