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बहरीन में संत पापा फ्राँसिस के स्वागत के लिए लगी उनकी तस्वीर बहरीन में संत पापा फ्राँसिस के स्वागत के लिए लगी उनकी तस्वीर 

धर्माध्यक्ष हिंदर ˸ पोप की बहरीन यात्रा कलीसिया के प्रति उनकी चिंता

संत पापा फ्राँसिस जब 3-6 नवम्बर को बहरीन की प्रेरितिक यात्रा करनेवाले हैं, उत्तरी अरेबिया के प्रेरितिक प्रशासक धर्माध्यक्ष पौल हिंदर ने उत्तरी अरेबिया में विश्वासियों के आनन्द को व्यक्त किया है एवं पूरी कलीसिया के लिए संत पापा की चिंता की सराहना की है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस अपनी 39वीं प्रेरितिक यात्रा हेतु बृहस्पतिवार को बहरीन जा रहे हैं।

उत्तरी अरेबिया के प्रेरितिक प्रशासक धर्माध्यक्ष पौल हिंदर ओएफएम कैप के अनुसार, तीन साल के अंदर पोप फ्राँसिस खाड़ी देश में दूसरी बार लौट रहे हैं ताकि वहाँ के स्थानीय लोगों के विश्वास को मजबूत कर सके और अंतरधार्मिक वार्ता को प्रोत्साहन दे सकें। उन्होंने कहा कि संत पापा की यात्रा दिखलाती है कि उस क्षेत्र को नहीं भूलाया गया है।

उन्होंने कहा, "हम केंद्र में हैं, न केवल पोप के बल्कि विश्व के अनेक विश्वासियों के, जो इस यात्रा को ध्यान दे रहे हैं।"

क्षेत्र में अंतरधार्मिक यात्रा

वाटिकन न्यूज से बातें करते हुए धर्माध्यक्ष हिंदर ने बतलाया कि बहरीन में करीब 80,000 विश्वासी रहते हैं जिनमें से अधिकांश आप्रवासी श्रमिक हैं।

धर्माध्यक्ष ने कहा कि वे पोप की प्रेरितिक यात्रा को पूरे खाड़ी क्षेत्र की कलीसिया का दौरा मानते हैं क्योंकि वहाँ के बहुत सारे काथलिक "आप्रवासी कलीसिया" के रूप में हैं।"  

कई काथलिक भारत, फिलीपींस और श्रीलंका के हैं, साथ ही मध्यपूर्व के अन्य देशों जैसे लेबनान और सीरिया के भी है।

पोप फ्राँसिस को राजा हमद बिन ईसा बिन सलमान अल खलीफा के साथ-साथ, स्थानीय कलीसिया की ओर से धर्माध्यक्ष हिंदर से बहरीन की यात्रा के लिए एक व्यक्तिगत निमंत्रण मिला है।

"बहरीन क्यों? क्योंकि वहाँ परम्परा से ही सरकार और कलीसिया के बीच अच्छा संबंध रहा है। बहरीन की यात्रा एक अंतरधार्मिक यात्रा भी है।"  

विशेष परिस्थिति में काथलिकों को प्रोत्साहन देना

संत पापा की यात्रा के उद्देश्य के संबंध में धर्माध्यक्ष हिंदर ने बतलाया कि दो मुख्य उद्देश्य हैं, अंतरधार्मिक वार्ता एवं प्रोत्साहन देना।

उन्होंने कहा, "एक निश्चित रूप से मुस्लमानों के साथ अंतरधार्मिक वार्ता को गहरा करना है न केवल सुन्नी लोगों के साथ बल्कि शिया और विश्व के अन्य मुस्लिम समुदायों के साथ भी, और ख्रीस्तीय समुदाय को प्रोत्साहन देना, खासकर, काथलिकों को जो वहाँ की विशेष परिस्थिति में रहते हैं।

धर्माध्यक्ष हिन्दर ने संकेत दिया कि संत पापा एक "बहु-राष्ट्रीय, बहु-भाषी कलीसिया एवं एक ऐसे देश को पायेंगे जिसमें विदेशियों के लिए बहुत अधिक खुलापन है।"

क्षेत्र के काथलिकों के प्रति संत पापा का सामीप्य

बहरीन में संत पापा की यात्रा के दौरान उनके कार्यक्रम में पड़ोसी देशों के काथलिक भी भाग लेंगे।

आयोजकों ने सऊदी अरब से यात्रा करनेवाले विश्वासियों के लिए शनिवार के ख्रीस्तयाग में भाग लेने हेतु 2,000 स्थानों की गारंटी दी है।

धर्माध्यक्ष ने कहा कि यह खास बात नहीं है क्योंकि बहुत सारे विश्वासी अभी एक सामान्य में भी पड़ोसी देश साऊदी अरेबिया से मिस्सा या संस्कारों में भाग लेने के लिए आते हैं।   

उन्होंने बतलाया कि साउदी अरेबिया में पोप की यात्रा एक "सकारात्मक संकेत" है जिसमें उन्होंने 18 वर्षों की अपनी सेवा के दौरान बहुत कुछ बदलाव देखा है।

सेवा के वर्षों की समाप्ति

धर्माध्यक्ष हिंदर ने बतलाया कि वे 80 वर्ष पूरा करनेवाले हैं अतः संत पापा की यात्रा को वे अपनी सेवा की परिपूर्णता के रूप में देख रहे हैं।

उन्होंने कहा, "यह अरेबिया में मेरे जीवन के लिए सेवा की समाप्ति के समान है। और मैं अपनी उपस्थिति के समय के विश्वासियों के लिए बहुत खुश हूँ, मैं हमारे अच्छे अनुभवों, उनके स्वागत, जीवन की यात्रा को साझा करने एवं उनकी चिंता की सराहना करता हूँ।"  

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01 November 2022, 16:38