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वाटिकन प्रेस में पत्रकारों को सम्बोधित करते कार्डिनल ज्यान फ्राँको रवासी वाटिकन प्रेस में पत्रकारों को सम्बोधित करते कार्डिनल ज्यान फ्राँको रवासी 

सन्त पेत्रुस की धरोहर का पता लगाने के लिए 'लेक्सियो पेत्री'

वाटिकन 2023 में प्रेरितवर सन्त पेत्रुस की सांस्कृतिक धरोहर का पता लगाने के लिये 'लेक्सियो पेत्री' शीर्षक से एक विशिष्ट कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। 'लेक्सियो पेत्री' कार्यक्रम का उद्देश्य सन्त पेत्रुस को इतिहास, कला और संस्कृति में प्रस्तुत करना है।

जूलयट जेेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन 2023 में प्रेरितवर सन्त पेत्रुस की सांस्कृतिक धरोहर का पता लगाने के लिये 'लेक्सियो पेत्री' शीर्षक से एक विशिष्ट कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। 'लेक्सियो पेत्री' कार्यक्रम का उद्देश्य सन्त पेत्रुस को इतिहास, कला और संस्कृति में प्रस्तुत करना है।

लेक्सियो पेत्री' कार्यक्रम

वाटिकन स्थित परमधर्मपीठीय प्रेस कार्यालय में गुरुवार को संस्कृति सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद के पूर्वाध्यक्ष कार्डिनल ज्यान फ्राँको रवासी तथा सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्रधान पुरोहित कार्डिनल माओरो गामबेत्ती ने 'लेक्सियो पेत्री' कार्यक्रम की प्रस्तावना पत्रकारों के समक्ष की। उन्होंने बताया कि लेक्सियो पेत्री' कार्यक्रम के तहत सन्त पेत्रुस, उनके जीवन एवं उनकी प्रेरिताई पर सम्पन्न बैठकों की एक श्रृंखला सहित प्रदर्शनी, 2023 में, जनता के लिए सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में खुली रहेगी।

सन्त पेत्रुस की सामयिकता

पत्रकार सम्मेलन में कार्डिनल रवासी ने आज के युग में सन्त पेत्रुस की समसामयिकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा, "सन्त पेत्रुस एक आकर्षक और जटिल व्यक्ति हैं, जिन्हें उनकी कमजोरियों सहित सुसमाचारों में भी वर्णित किया गया है। उनकी कहानी अलग-अलग क्षणों से भरी हुई है, हम उन्हें लगभग 'चरण' कह सकते हैं, ऐसे ही चरण जिनसे आज एक आस्तिक गुज़रता है: बुलाहट का संकट - जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति भ्रमित हो सकता है - और फिर मनपरिवर्तन और अंतिम पुनर्वास।"

कार्डिनल महोदय ने समझाया कि पेत्रुस "कुछ हद तक एक आधुनिक चरित्र" है, जो गहराई से खोजे जाने के योग्य हैं और समकालीन समय के लिए प्रासंगिक हैं।" उन्होंने कहा, "वे यहूदी-ईसाई और ग़ैरविश्वासियों के बीच मध्यस्थ थे और प्रेरितवर सन्त पौल के अनुसार, वे मसीह के पुनरुत्थान के पहले आधिकारिक गवाह थे, जिन्होंने काथलिक  विश्वास और परंपरा को प्रभावित किया।"

'हमारी' कलीसिया को रोशन करना

कार्डिनल रवासी तथा कार्डिनल गामबेत्ती ने कहा कि सन्त पेत्रुस की धरोहर को याद करना इसलिये भी आवश्यक है क्योंकि उन्होंने ख्रीस्त की कलीसिया को विश्व की चारों दिशाओं में रोशन किया है। उन्होंने कहा, "हम प्रथम प्रेरित को कृतज्ञता और श्रद्धा के साथ देखते हैं, जो भूमध्यसागर पार कर रोम में पहुंचे थे, उस शहर में जिसे कवि टिबुलस ने 'शाश्वत' कहा था, और प्रभु येसु मसीह के प्रेम की गवाही दी।"

कार्डिनल गामबेत्ती ने कहा, सन्त पेत्रुस ने प्रभु येसु ख्रीस्त का अनुसरण किया और हर तरीके से उनके सदृश बनने का हर सम्भव प्रयास किया। उनकी यह विरासत "आज तक प्रेरितिक परंपरा द्वारा मूल रूप से दोहराई जाती है।"

लेक्सियो पेत्री' कार्यक्रम का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, "सन्त पेत्रुस के विश्वास के आलोक में, हम 'हमारी' कलीसिया के मुखमण्डल को रोशन करना चाहते हैं और उस तरीके को बेहतर ढंग से समझना चाहते हैं जो द्वितीय वाटिकन महासभा से लेकर सन्त पापा फ्राँसिस की शिक्षाओं तक, कलीसियाई धर्मशिक्षा इस तीसरी सहस्राब्दी में सभी लोगों को इंगित करती है।"

लेक्सियो पेत्री' कार्यक्रम 25 अक्टूबर से आरम्भ हो रहा है तथा आगामी सात मार्च तक जारी रहेगा। इसके दौरान सन्त पेत्रुस के जीवन से सम्बन्धित प्रदर्शनी के अतिरिक्त सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में प्रार्थना समारोहों तथा बाईबिल पाठ एवं मनन-चिन्तन का आयोजन किया गया है।  

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21 अक्तूबर 2022, 12:46