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एफएबीसी प्रतिभागियोंं का तीर्थ एफएबीसी प्रतिभागियोंं का तीर्थ 

एफएबीसीः थाईलैंड काथलिक इतिहास की तीर्थ

एशियन धर्माध्यक्षों के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के दौरान कार्डिनल, धर्माध्यक्षगण, उनके प्रतिनिधियों, पुरोहितों और लोकधर्मियों ने बृहस्पतिवार को थाईलैंड की कलीसिया और उसके सामाजिक जीवन इतिहास की तीर्थ की।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 28 अक्टूबर 2022 (रेई) एशियन धर्माध्यक्षयों के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (एफएबीसी) ने अपने गठन की 50वीं सालगिराह के अवसर पर बैंकॉक के बान फु वान प्रेरितिक प्रशिक्षण केन्द्र में आयोगित आमसभा में भाग लिया और थाईलैंड के ऐतिहासिक स्थलों की तीर्थयात्रा की।

12 अक्टूबर को शुरू हुए इस सम्मेलन के तीसरे सप्ताह में सम्मेलन में सहभागी हो रहे सभी प्रतिभागियों थाईलैंड के ऐतिहासिक स्थलों की तीर्थयात्रा करते हुए वहाँ की प्राचीन कलीसियाई इतिहास से अपने को अवगत किया।

प्रथम पड़ाव

इस तीर्थ का प्रथम पड़ाव वाट प्लेंग का पवित्र हृदय को समर्पित गिरजाघर था। वहाँ एफएकबीसी के प्रतिनिधियों को स्कूल के विद्यार्थियों ने हाथ में रंग-बिरंगे झंडे लिये गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उनके स्वागत में स्कूली छात्र-छात्रों ने एक परांपरिक थाई नृत्य प्रस्तुत किया जिसके उपरांत एक अति मनमोहक “इट्स अ वंडरफुल वर्ल्ड”, कोरियोग्राफी की प्रस्तुति दी।   

दूसरा पड़ाव

अपने दूसरे पड़ाव में प्रतिनिधियों का दल पवित्र हृदय का गुरूकुल पहुँचा जहाँ धन्य निकोलस बंकरड किटबामरुंग, एक थाई पुरोहित और शहीद ने अपने पुरोहिताई जीवन का प्रशिक्षण पूरा किया था।

तीसरा चरण

तीर्थयात्रियों के दल का तीसरा पड़ाव माता मरियम का जन्म गिरजाघर पहुंचा जहाँ उन्होंने बैकॉक कार्डिनल महाधर्माध्य फ्रांसिस जेवियर क्रिएंगसाक की अगुवाई में यूख्रारिस्तीय बलिदान में सहभागी हुए। अपने प्रवचन में कार्डिनल में “येसु ख्रीस्त और उनके कार्यो” पर चिंतन किया जो “हर ख्रीस्तीय के जीवन का एक महत्वपूर्ण” हिस्सा है। उन्होंने कहा, “प्रथम प्रेरितों को मिला पवित्र आत्मा का उपहार ने उनके सम्पूर्ण जीवन को बदल दिया जिसके द्वारा उन्होंने येसु ख्रीस्त के प्रेम का साक्ष्य एक-दूसरे के लिए दिया।”  

कार्डिनल ने कहा कि यह केवल हमारा ख्रीस्तीय विश्वास नहीं जो हमें एक-दूसरे के साथ संयुक्त रखता है बल्कि हम स्वयं येसु ख्रीस्त के शरीर के अंग हैं जो “एक ही जीवन को आपस में साझा” करते हैं। इस भांति हम अपने प्रेममय जीवन के साक्ष्य द्वारा वर्तमान परिस्थिति में दूसरे धर्मों के विश्वासी भक्तों के लिए ईश्वर के प्रेम को प्रकट करते हैं क्योंकि हमारे ईश्वर प्रेम के ईश्वर हैं।

कार्डिनल के कहा कि हम लोगों में एक सच्चे आकर्षण को पाते हैं जैसे का प्ररांभिक ख्रीस्तीय में था क्योंकि एक साथ रहने के द्वारा लोग प्रेम की खोज करते हैं। अपने प्रवचन के अंत में उन्होंने कहा “वर्तमान परिवेश में हमें सुसामचार का प्रचार अपने विश्वास में, प्रेमपूर्ण साक्ष्य से करने की आवश्यकता है।”

अंतिम पड़ाव

अपने तीर्थ के अंतिम पड़ाव में सम्मेलन के प्रतिभागियों ने नासत्ता पार्क का दौरा करते हुए वहाँ एक संग्रहालय की भेंट की और थाई इतिहास, संस्कृति और राजनीति के विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ थाईलैंड में बौद्ध धर्म के इतिहास के बारे महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की।  

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28 October 2022, 16:34