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यूक्रेन में एक वृद्ध महिला यूक्रेन में एक वृद्ध महिला 

यूक्रेनी राजदूत ˸ हम युद्ध के आदी हो गये हैं, शांति हेतु प्रार्थना करनी चाहिए

रूस ने जब यूक्रेनी शहरों पर अधिक हमले किये हैं, यूक्रेन में वाटिकन के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष विस्वालदास कुलबोकास ने जमीनी स्तर पर स्थिति के बारे बतलाया है, और संकट के लिए कलीसिया की प्रतिक्रिया के महत्व पर चर्चा की है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

जिस दिन यूक्रेन नए सिरे से मिसाइल हमलों की चपेट में आया, उसी दिन वाटिकन के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष विस्वालदास कुलबोकास वाटिकन न्यूज ने बात की। स्वितलाना दुखोविच के साथ साक्षात्कार में उन्होंने यूक्रेन की नागरिक आबादी की स्थिति, संघर्ष में कलीसिया की भूमिका और शांति के लिए पोप की अपील पर चर्चा की।

देश की स्थिति

सोमवार, 10 अक्टूबर को, यूक्रेन, युद्ध के शुरुआती दिनों के बाद से सबसे भारी बमबारी की चपेट में आ गया, मिसाइलों ने न केवल राजधानी कीव के केंद्र में कई स्थानों पर हमला किया, बल्कि लविव, निप्रो, खार्किव और अन्य शहरों में भी हमला किया। अधिकारियों का कहना है कि इस हमले में कम से कम 11 लोग मारे गए हैं।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा, "साढ़े सात महीनों के भयंकर युद्ध के बाद, हम मनोवैज्ञानिक रूप से युद्ध के आदी हो चुके हैं, इस तरह यह हमें अधिक प्रभावित नहीं करता।" लेकिन यह दुःखद है क्योंकि हर मिसाईल और हर बम में, दूसरी चीजों की क्षति के साथ लोग मर रहे हैं।  

उन्होंने कहा कि "यहाँ तक ​​कि प्रार्थना में भी आंशिक रूप से निराशा आ जाती है, हालांकि युद्ध भी एक आध्यात्मिक अनुभव है जो हमें परिवर्तित कराता है, हमें ईश्वर के साथ अधिक से अधिक संयुक्त होने के लिए प्रेरित करता है।"

"यहाँ भक्ति का एक मजबूत आयाम है, क्योंकि हम लगातार ईश्वर पर भरोसा रख रहे हैं। हम नहीं कह सकते हैं कि सब कुछ में गहरा आध्यात्मिक अनुभव है, लेकिन हमने कई लोगों के, कई साक्ष्यों को सुना है।"   

कलीसिया की भूमिका

महाधर्माध्यक्ष ने दो मुख्य रास्तों को रेखांकित किया जिनके द्वारा कलीसिया देश में मानवीय संकट का जवाब दे रही है।

पहला, कलीसिया अपने तहखानों को बम शेल्टर के रूप में खोल दी है, इस तरह वह नागरिक सुरक्षा प्रणाली का हिस्सा बन रही है। कीएव के केंद्र में संत निकोलास की रोमन काथलिक कलीसिया एवं ग्रीक काथलिक महागिरजाघर दोनों में एक अच्छा तहखाना है, जो काफी लोगों के लिए आश्रय स्थल बन गये हैं। मदद न केवल पल्ली वासियों को दी जा रही है बल्कि आसपास रहनेवाले सभी लोगों को भी।

दूसरा, उन्होंने बतलाया कि धर्मप्रांत, पल्ली और धर्मप्रांतीय एवं पल्ली कारितास बहुत सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं, खासकर, यह उन स्थानों में जाती है जहाँ लोग सीधे रूप से हमलों का सामना कर रहे हैं।

उन्होंने 10 अक्टूबर को कहा, "मैं आज के आक्रमण के संदर्भ में नहीं कह रहा हूँ बल्कि उन क्षेत्रों के बारे जो लम्बे समय से कब्जे में हैं और जहाँ रोज मदद की जरूरत है। मैं जानता हूँ कि कुछ काफिले हैं जो कीएव से भी आते हैं, जो कभी-कभी सैंकड़ों किलोमीटर चलते और उन क्षेत्रों की मदद करते हैं जहाँ कुछ भी नहीं है, जहाँ अब उत्पादन नहीं हो रहे हैं, जहाँ कुछ काम नहीं है...कभी-कभी लोग जो वहाँ रह गये हैं सिर्फ मदद पर ही निर्भर करते जो अन्य प्रांतों से मिलती हैं।" साथ ही कलीसिया की मदद पर आश्रित हैं। हालांकि, महाधर्माध्यक्ष कुलबोकास ने प्रार्थना पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "मेरी व्यक्तिगत समझ है कि प्रार्थना ही अपने आपमें मुख्य हथियार है। मैं हर सुबह इसे महसूस करता हूँ जब एक धर्माध्यक्ष के रूप में ख्रीस्तयाग अर्पित करता। मैं जानता हूँ कि मैं सीधे येसु से बातें करता हूँ जो वेदी पर उपस्थित होते और मैं वहाँ उसी सवाल के साथ आता हूँ ˸ येसु हमें आपसे एक ही शब्द चाहिए और हमें शांति मिल जायेगी। मैं विश्वास करता हूँ कि प्रार्थना एवं उन लोगों के मन-परिवर्तन के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है जो युद्ध के लिए जिम्मेदार हैं।"

एक न्यायपूर्ण शांति

संत पापा फ्राँसिस ने लगातार एवं अविलम्ब तत्काल युद्धविराम की अपील की है। महाधर्माध्यक्ष कुलबोकास ने बतलाया कि बंधक बनाए गए यूक्रेनी सैनिकों की पत्नियों और माताओं के साथ बैठक में, हम सभी केवल एक चीज चाहते हैं वह है शांति, अन्यथा घोर पीड़ा है।

युद्ध के अंत हेतु पोप के आह्वान की क्या खासियत है, महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि "न्यायपूर्ण शांति" पर जोर देना।   

"जब वे शांति की बात करते हैं, तो वे एक दिखावे की शांति की बात नहीं करते बल्कि  एक सच्ची शांति की बात करते है। हम केवल दिखावे की शांति नहीं चाहते, हम सच्ची शांति चाहते हैं, हृदयों का सच्चा परिवर्तन।"

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12 October 2022, 17:37