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एफएबीसी का समापन  एफएबीसी का समापन  

कार्डिनल ग्रेशसः एफएबीसी प्रेरितिक कार्य में अन्तर लायेगा

एशियन धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के समापन पर कार्डिनल ओस्वाड ग्रेशस ने वाटिकन न्यूज के संग अपने विचारों को साझा किया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 31 अक्टूबर 2022 (रेई) बैंकॉक में एशियन धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की चली रही आम संगोष्टी के अंत में कार्डिनल ओस्वाड ग्रेशस ने कहा, “एफएबीसी के प्रतिनिधि उत्सुकता से पवित्र आत्मा की हर फुसफुसाहट को सुन रहे हैं।”

बम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ने वाटिकन न्यूज को दिये गए अपने साक्षात्कार में कहा, “हम अब भी सपने देख रहे हैं, हम अब भी पवित्र आत्मा को सुनने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि हम एक दूसरे को अब भी सुन रहे हैं। ईश्वर हमें अपने इतिहास की घटनाओं, पड़ोसियों, मित्रों, हम जिनकी सेवा करते औऱ सहयोगी धर्माध्यक्षों के माध्यम हमें अपनी बातों को कहते हैं।

कार्डिनल ने इस बात पर आश्चर्य जाहिर की कि किसी ने कोविड-19 की चर्चा नहीं की...। इसका अर्थ यह है कि हम सामान्य जन-जीवन में आ गये हैं। उन्होंने कहा, “हम एक लोचक समुदाय है।”

कार्डिनल ने अपने साक्षात्कार में कहा कि आमसभा के दौरान जलवायु परिवर्तन को मुद्दे ने हमें सबसे अधिक प्रभावित किया, इसके साथ ही प्रवासी संकट पर भी गर्मजोशी से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि युवाओं की आवाज जहाँ वे कलीसिया में उत्तरदायित्वों और विशेष भूमिका की मांग कर रहे हैं, अपने में चर्चा की एक विषयवस्तु रही। उन्होंने कहा कि हमने ख्रीस्तीय जीवन को पुनर्जीवित करने की पुकार सुनी।

पवित्र आत्मा को फुसफुसाते सुनना

“यहां एक ऐसे महाद्वीप में जहां हम बहुसंख्यक नहीं हैं, जहां हमारे पास सेवा करने के लिए बहुत से लोग हैं, मैंने इस बात को देखा कि हमें फिर से बाहर निकलते हुए सभों की सेवा, संवाद, मेल-मिलाप,  शांति स्थापना के प्रयास, समुदायों और संघर्षरत लोगों के बीच सेतु बनने की आवश्यकता है।”  

कार्डिनल ग्रेशस ने कहा कि उन्होंने महसूस किया कि एफएबीसी प्रतिनिधि "पवित्र आत्मा की हर फुसफुसाहट को सुनने की उत्सुकता से कोशिश कर रहे हैं।”

भविष्य की आशा के बारे में पूछे गये सावलों के बारे में कार्डिनल ने कहा “इस सम्मेलन का आयोजन विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने हेतु किया गया था कि हमारी प्रेरितिक प्राथमिकताएं क्या होनी चाहिए, हमने इस पर किस तरह के कार्य किये हैं, हमारी प्राथमिकताएँ क्या हैं, दूसरे प्रेरितिक कार्य क्षेत्रों – साथ ही हम किस तरह एक अलग प्रभाव उत्पन्न कर सकते हैं, जो बेहतर या नया जोश से भर हो। उन्होंने कहा, “मैं आशा करता हूँ कि इतने सारे विशेषज्ञों को सुनने के बाद ...लोगों की आवाज ... हस्तक्षेप, मुझे लगता है कि पवित्र आत्मा उनके माध्यम से बोल रहे हैं,हमें बता रहा हैं कि हमें कैसे जाना चाहिए। हमने बहुत सारे विचारों और चिंतनों को सुना।”

सम्मेलन प्रभावकारी

पूरे एशिया के बारे में अपनी उम्मीदों और आशाओं को प्रकट करते हुए  कार्डिनल ग्रेशस ने कहा,“हम सब, एशिया के सभी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन, एशिया की सभी कलीसियाओं में नया उत्साह का नया संचार...साहस ... दृढ़ संकल्प ... उदारता ... अपने से परे और दुनिया में प्रेरिताई करने हेतु आगे बढ़ेंगे। इस सम्मेलन ने हमें एकजुटता, एक निश्चित…खुशी, प्रेरिताई के कार्य स्थलों में कार्य करने की खुशी प्रदान दी है।”

अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए कार्डिनल ने कहा,“पहले तीन दिन एशिया के अलग-अलग देशों का भ्रमण करना एक अलग अनुभव रहा। पहले दिनों में विचारों का आदान-प्रदान जहाँ छोटे देशों ने अपनी कठिनाइयों और चिंताओं को पूरे सम्मेलन के साथ साझा किया, बहुत ही प्रभावकारी रहा। दूसरों को सुनने के बाद हमें संत पापा ने निर्देशानुसार शांत रहे। “मैंने देखा कि सभी धर्माध्यक्षगण अपनी आंखों को बंद कर कलीसिया के लिए प्रार्थना कर रहे थे।” उन्होंने कहा कि आप इस प्रक्रिया में भावनात्मक रुप में एक-दूसरे के संग गहन आत्ममियता के भाव को महसूस कर सकते थे।”

अंत में, कार्डिनल ने कहा, “मुझे लगता है कि इससे अंतर आयेगा। इस सम्मेलन से हमारे प्रेरिताई कार्य में फर्क आना चाहिए।”

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31 October 2022, 16:26