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एशिया के धर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस से मुलाकात करते हुए एशिया के धर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस से मुलाकात करते हुए 

नये धर्माध्यक्षों का सेमिनार रोम में

संत पापा फ्राँसिस ने अफ्रीका, एशिया, अमरीका एवं ओशिनिया से कुल 80 नये धर्माध्यक्षों की नियुक्ति की है जो वाटिकन के सुसमाचार प्रचार विभाग द्वारा आयोजित एक सेमिनार में भाग ले रहे हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

80 नये धर्माध्यक्षों का सेमिनार 5 सितम्बर को रोम के परमधर्मपीठीय संत पौल कॉलेज में कार्डिनल लुइस अंतोनियो ताग्ले के नेतृत्व में ख्रीस्तयाग के अनुष्ठान से शुरू हुआ, जिसका समापन 17 सितम्बर को संत पेत्रुस महागिरजाघर में संत पापा फ्राँसिस द्वारा ख्रीस्तयाग के अनुष्ठान से होगा।    

नवनियुक्त धर्माध्यक्षों के लिए सेमिनार की शुरूआत 1994 में हुई थी जिसका उद्देश्य है हाल में नियुक्त धर्माध्यक्षों को, स्थानीय कलीसिया का नेतृत्व करने के लिए अपने मिशन शुरू करने से पूर्व चिंतन करने, अपने जीवन में गहराई प्राप्त करने, धर्माध्यक्षीय प्रेरिताई पर ध्यान देने, संवाद एवं प्रार्थना करने का समय देना। इस दौरान कलीसिया के आधिकारिक प्रतिनिधियों की ओर से आवश्यक बातें बतलायीं जायेंगी। उन्हें हर दिन तीन रिपोर्ट देना होगा, इसके साथ ही विवाद और दल में कार्य दिये जायेंगे।

सेमिनार में 8 मौलिक विषयवस्तु होंगी, जिनमें से प्रत्येक को अलग-अलग रिपोर्टों द्वारा गहरा किया जाएगा। पहला विषय होगा "धर्मप्रांतीय धर्माध्यक्ष का वाटिकन के सुसमचार प्रचार विभाग के साथ संबंध। दूसरा विषय होगा, "रोमन कूरिया"।  

धर्मविधि के विषय पर 10 सितम्बर को कार्डिनल अर्तूर रोक प्रकाश डालेंगे जबकि 11 सितम्बर को सभी नये धर्माध्यक्ष कस्तेल गांदोल्फो में एक दिवसीय चिंतन प्रार्थना में भाग लेंगे।

विभिन्न रिपोर्टों में याजकों की विषयवस्तु पर प्रकाश डाला जाएगा। मोनसिन्योर जुसेपे सौका एवं मोनसिन्योर जुवन इग्नासियो अरियेता धर्मप्रांतीय संरचना के विषय में अपना वक्तव्य पेश करेंगे। अंतिम दो रिपोर्ट सेमिनरी, समर्पित जीवन और लोकधर्मी पर आधारित होंगे।

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06 September 2022, 17:28