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निकारागुआ की राजनीति-धार्मिक स्थिति निकारागुआ की राजनीति-धार्मिक स्थिति 

निकारागुआ के धर्माध्यक्ष का भविष्य अनिश्चित

निकारागुआ सरकार संग मिलकर सशस्त्र समूहों का धर्माध्यक्ष और पुरोहितों के खिलाफ हिंसा स्थानीय कलीसिया को प्रभावित कर रही है, वहीं मटागल्पा के धर्माध्यक्ष रोलांडो अल्वारेज़ को घर में नजरबंद रखा गया है।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 12 अगस्त 2022 (रेई) कलीसिया के आगुवों पर हो रहे हिंसा के खिलाफ निकारागुआ की कलीसिया ने इस साल 11 अगस्त को लैटिन अमेरिकी राष्ट्र के पल्लियों में प्रार्थना और परमप्रसाद की आराधना का दिन रखा। 

यह निर्णय 7-15 अगस्त तक होने वाले राष्ट्रीय मरियम समारोह के अंग स्वरुप निर्धारित किया गया है, क्योंकि स्थानीय कलीसिया की 6 काथलिक रेडियो स्टेशनों को बंद करने के साथ-साथ  मातागल्पा के धर्माध्यक्ष पर सरकारी दबाव के कारण स्थानीय कलीसिया की गतिविधियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

धर्माध्यक्ष का भविष्य

निकारागुवा में राष्ट्रपति डेनियल ओर्टेगा के शासन में धर्माध्यक्ष रोलांडो अल्वारेज़ का भाग्य अनिश्चित बना हुआ है क्योंकि खुले तौर पर अपने विचारों को रखने के लिए उन्हें नजरबंद कर दिया गया है। वहीं देश में काथलीक रेडियो स्टेशनों को सरकार ने बंद करा दिया है जिसका विरोध जारी है।

दुनिया भर में वायरल हुई एक तस्वीर में, धर्माध्यक्ष अल्वारेज़ को अपने घुटनों पर दया की भीख मांगते देखा गया, जबकि सशस्त्र पुलिस अधिकारियों के एक समूह ने उन्हें घेर रखा है।

ये घटनाएँ 04 अगस्त को हुई जब धर्माध्यक्ष अल्वारेज़ को अपने छः पुरोहितों और छः लोकधर्मियों के संग मिस्सा बलिदान अर्पित करने से रोक लगाते हुए पल्ली के घर में कैद कर लिया गया।

धर्माध्यक्ष अल्वारेज़ पर अधिकारियों ने यह आरोप लगाया है कि वे कथित तौर पर मीडिया और सामाजिक संचार माध्यमों का प्रयोग करते हुए जनता को भड़काने और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देते हुए देश में अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं। 

गिरफ्तारी का विरोध

कई मानवाधिकारों और कलीसिया से जुड़े दलों ने इस गिरफ्तारी की निंदा की है, जबकि धर्माध्यक्षों और अन्य दलों ने धर्माध्यक्ष अल्वारेज़ से अपनी निकटता व्यक्त की है जो अपने घर में बंद हैं।

लैटिन अमेरिकी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन  ने निकारागुआ की कलीसिया के प्रति अपनी एकजुटता और निकटता व्यक्त की है, क्योंकि कलीसिया “शांति का सुसमाचार घोषित करती है” और, इस संदर्भ में यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों के साथ सहयोग के लिए हमेशा खुली है।

कलीसिया और राज्य के बीच संघर्ष

कलीसिया सदा ही कई तरह से हमलों का शिकार हुई है जहाँ कलीसिया के अगुवों को प्रताड़ित करते हुए चुप करने की कोशिश की जाती है, जिसमें धर्माध्यक्ष और पुरोहित उत्पीड़न के शिकार होते हैं। 

4 अगस्त को धर्माध्यक्ष अल्वारेज़ की गिरफ्तारी के बाद से, निकारागुआ की सरकार ने एक और काथलिक रेडियो स्टेशन और एक सौ से अधिक गैर-सरकारी संगठनों को बंद करके देश में काथलिकों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है।

निकारागुआ सरकार पर कलीसिया के प्रतिनिधियों को चुप कराने,  कलीसियाओं को घेरने तथा पुरोहितों, लोकधर्मियों और विश्वासियों को डराने-धमकाने का आरोप लगाया गया है।

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12 August 2022, 16:51