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मानागुआ में कार्डिनल ब्रेन्स उपदेश देते हुए मानागुआ में कार्डिनल ब्रेन्स उपदेश देते हुए 

निकारागुआ, कार्डिनल ब्रेन्स ने संत पापा फ्रांसिस को धन्यवाद दिया

रविवार के प्रवचन में, मध्य अमेरिकी देश के कार्डिनल ब्रेन्स ने देश में हो रही घटनाओं के प्रति संत पापा की एकजुटता के लिए आभार व्यक्त किया। जिनका स्थानीय कलीसिया कुछ समय से सामना कर रही है। कार्डिनल ब्रेन्स के अनुसार, एक ख्रीस्तीय का जीवन महान चीजों में नहीं बल्कि सादगी और नम्रता में है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

मानागुआ, मंगलवार 23 अगस्त 2022 (वाटिकन न्यूज)  : "इस सप्ताह हमने जो स्थिति का अनुभव किया है, हमें प्रार्थना और संवाद के लिए आमंत्रित किया जाता है, हम हमारी माता, कंवारी माँ मरियम की मध्यस्थता से प्रार्थना करें, ताकि प्रभु हमें आशीर्वाद देना जारी रखें।" यह बात मानागुआ के महाधर्माध्यक्ष और निकारागुआ के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल लियोपोल्डो जोस ब्रेन्स सोलोरज़ानो ने पिछले रविवार के प्रवचन में कहा था। उन्होंने पिछले रविवार के देवदूत प्रार्थना का पाठ करने के बाद संत पापा फ्राँसिस की एकजुटता के प्रति आभार व्यक्त करने के तहत कही। संत पापा ने गत रविवार को कहा कि वे चिंता और दुख के साथ निकारागुआ की स्थिति के बारे में अवगत हो रहे हैं जिसमें लोग और संस्थान दोनों शामिल हैं। उनका पूरा विश्वास और आशा है कि खुले और ईमानदार संवाद के माध्यम से, एक सम्मानजनक और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का आधार अभी भी पाया जा सकता है।

येसु दयालु हैं

मानागुआ के महागिरजाघर में पवित्र मिस्सा के दौरान, कार्डिनल ने दोहराया कि कैसे एक ख्रीस्तीय का जीवन महान चीजों में नहीं है, बल्कि विनम्रता और सादगी में है, या यह कहकर कि हमने प्रार्थना की है या हमने पवित्र मिस्सा में  भाग ली हैं, हम विशेष वयक्ति नहीं बनते, लेकिन दरवाजा सभी के लिए खुला है और हमारी माता हमें बताती हैं कि यह येसु को सुनने से है। अगर कोई अलग व्यवहार करता है, तो वह खुद दरवाजा बंद कर देगा, लेकिन येसु का दिल दयालु है। वे हम सभी को बचाते हैं। सुसमाचार का "संकीर्ण द्वार" ख्रीस्तीय का जीवन है, बलिदान, नम्रता और सरलता का जीवन है। यह सभी के लिए बनाया गया है, लेकिन संकीर्ण दरवाजे की माप इस बात पर निर्भर करती है कि हमने अपना जीवन कैसे जिया।

संत पापा पियुस दसवें की स्मृति

मानागुआ के महाधर्माध्यक्ष ने संतों का उदाहरण दिया, "विनम्र और सरल पुरुषों और महिलाओं" और संत पापा पियुस दसवें को भी याद किया, जिन्होंने 1913 में निकारागुआ के धर्मप्रांत की स्थापना की थी।

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23 August 2022, 15:18