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2019.05.21 एडिथ स्टाइन, क्रूस की संत तेरेसा बेनेदिक्ता 2019.05.21 एडिथ स्टाइन, क्रूस की संत तेरेसा बेनेदिक्ता  

कार्डिनल चरणी: एडिथ स्टाइन, सत्य एवं प्रेमी महिला

9 अगस्त एडिथ स्टाइन, क्रूस की संत तेरेसा बेनेदिक्ता की मृत्यु की 80वां वर्षगांठ है। वे 1942 में ऑशविट्ज़ में मारी गई थी। ऑशविट्ज़ में कार्मेलाइट मठ में पवित्र मिस्सा के दौरान अपने प्रवचन में, समग्र मानव विकास को बढ़ावा देने के लिए बने विभाग के प्रीफेक्ट कार्डिनल माइकल चरणी एसजे ने उनकेजीवन की उल्लेखनीय धटनाओं पर चिंतन किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

ऑशविट्ज़, बुधवार 10 अगस्त 2022 (वाटिकन न्यूज) : ऑशविट्ज़ में कार्मेलाइट मठ में पवित्र मिस्सा के दौरान अपने प्रवचन में, कार्डिनल चरणी ने अपने स्वयं के पारिवारिक मूल और एडिथ स्टाइन के बीच समानताएं व्यक्त करते हुए कहा कि इस पृष्ठभूमि के साथ, वह संत की स्वर्ग में जन्म लेने की 80 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए बहुत सम्मानित और गहराई से प्रेरित हुए थे।”

उन्होंने कहा, "एडिथ स्टाइन के साथ, मैं यहूदी मूल, काथलिक विश्वास, धार्मिक जीवन के लिए एक बुलाहट और अपनी नानी, अन्ना हायेक नी लोव (1893-1945) के साथ कई संयोग साझा करता हूँ। वे लगभग एक ही उम्र के थे और उनका अंत भी एक समान हुआ। ”

ऐसा न हो कि हम भूल जाएं

कार्डिनल ने कहा कि यह वर्षगांठ "इस वर्ष की विशेष परिस्थितियों में होती है जो हमें याद रखने के लिए आमंत्रित और आग्रह करती हैं।"

उन्होंने यूक्रेन में युद्ध और "दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बहुत सारे क्रूर युद्धों" का जिक्र किया। उन्होंने कहा,"यूक्रेनी और रूसी आबादी पर थोपी गई पीड़ा, जितनी अधिक संख्या में शरणार्थी और पीड़ित, हमें होलोकोस्ट को याद करने के लिए बाध्य करते हैं। लगभग आठ दशक पहले द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से मानवता द्वारा उठाए गए मार्ग पर गंभीरता से सवाल उठाने में होलोकोस्ट को हमारी मदद करनी चाहिए।”

इस कारण से, कार्डिनल ने भजन संहिता 118 को उद्धृत करते हुए "अतीत की जांच करने के लिए कहा, ताकि हम वर्तमान को बेहतर ढंग से समझ सकें और भविष्य के लिए खुद को प्रतिबद्ध कर सकें, हमें ईश्वर के वचन से प्रकाशित करने की आवश्यकता है,  ईश्वर का वचन हमारे कदमों का दीपक और हमारे मार्ग का उजियाला है।”

सत्य की महिमा

अपने प्रवचन के दौरान कार्डिनल चरणी ने एडिथ स्टाइन को एक ऐसी महिला के रूप में वर्णित किया,  सच्चाई की खोज ने उसके पूरे अस्तित्व की विशेषता के उजागर किया। उन्होंने कहा, वे एक ऐसी महिला थीं, जो समझती थीं कि "ईशअवर हमेशा "परे" होते हैं: सभी तर्कों से परे, सभी घटनाओं से परे, सभी मानवीय गतिविधियों से परे।

कार्डिनल चरणी ने कहा कि 1922 में बपतिस्मा लेने के बाद, एडिथ स्टाइन ने अध्ययन और लेखन के साथ शिक्षण को जोड़ा। इन वर्षों में उन्होंने विश्वास और दर्शन के बीच एक सामंजस्यपूर्ण संतुलन की तलाश करने का प्रयास किया और एक शिक्षक के रूप में अपने मिशन की भावना को विकसित किया। उसने अपने छात्रों को सच्चाई की ओर, न केवल सैद्धांतिक सत्य, बल्कि पूर्ण और जीवित सत्य याने ईश्वर की ओर जाने के लिए प्रेरित किया।

कार्डिनल ने संत पापा पियुस ग्यारहवें के पत्र को भी याद किया "उनसे अपनी चुप्पी तोड़ने और यहूदी विरोधी सभी अभिव्यक्तियों के खिलाफ बोलने का आग्रह किया।"

दहलीज पार करना

2 अगस्त 1942 की दोपहर को, दो गेस्टापो एजेंटों ने एडिथ स्टाइन, जिसे सिस्टर तेरेसा बेनेदिक्ता के नाम से भी जाना जाता है, को उसकी बहन रोजा के साथ पकड़ने के लिए ईचट में कार्मेलाइट मठ के दरवाजे पर दस्तक दी। उसे हॉलैंड के उत्तर में वेस्टरबोर्क सॉर्टिंग कैंप में ले जाया गया और फिर कई अन्य लोगों के साथ ऑशविट्ज़-बिरकेनौ तबाही शिविर में भेज दिया गया।

9 अगस्त को, क्रूस की सिस्टर तेरेसा बेनेदिक्ता की शिविर के गैस कक्षों में मृत्यु हो गई।

कार्डिनल चरणी ने बताया कि कैसे "उसने दहलीज को पार किया और अपने दूल्हे का सामना किया, क्रूस पर चढ़ाए गए मसीह के साथ विवाह संधि को पूरा किया, जिसके लिए, एक बुद्धिमान कुंवारी के रूप में, ईश्वर के लिए प्रेम के तेल को संरक्षित करते हुए, उसने खुद को तैयार किया था।"

अपने परिवार के अनुभवों को याद करते हुए, कार्डिनल ने अपनी दादी अन्ना के बारे में बात की और बताया कि कैसे दोनों के जीवन का अंत एक समान हुआ। "इसलिए ऑशविट्ज़ क्रूस की संत तेरेसा बेनेदिक्ता की गवाही और अवशेषों को मेरी दादी की कहानी और आत्मा के साथ जोड़ते हैं, जहां भी उनका अवशेष हो। मेरे लिए एडिथ स्टाइन की 80 वीं वर्षगांठ और मेरी दादी अन्ना लो की 77 वीं वर्षगांठ पर शोक करने और उनका सम्मान करने के लिए, हमारे पूरे परिवार के साथ और संत तेरेसा बेनेदिक्ता के साथ फिर से जुड़ना बहुत ही उत्साहजनक है।"

फ्रातेल्ली तुत्ती

अपने प्रवचन का समापन करते हुए, कार्डिनल चरणी ने एडिथ और अन्ना दोनों को 60 लाख अन्य लोगों के साथ याद किया, जो शोकग्रस्त हैं और जिन्हें कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। "उनकी मध्यस्ता से, हम यूक्रेन और दुनिया भर में शांति के लिए प्रार्थना करते हैं," फिर कभी एक दूसरे के खिलाफ, कभी नहीं, फिर कभी नहीं! ... फिर कभी युद्ध नहीं, फिर कभी युद्ध नहीं!" और जिनके व्यक्तिगत और पारिवारिक इतिहास यहूदी और ख्रीस्तीय दोनों हैं, हमारे धर्मों के बीच आवश्यक संवाद में योगदान दें ताकि हमारे आम घर में हम सभी भाई-बहन के रूप में रह सकें।”

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10 August 2022, 16:05