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2022.08.23 कार्डिनल चार्ल्स बो  स्वर्ण जयंती समारोह के उद्घाटन  करते हुए 2022.08.23 कार्डिनल चार्ल्स बो स्वर्ण जयंती समारोह के उद्घाटन करते हुए 

'इतिहास के चौराहे पर खड़ी' है एशियाई कलीसिया

एफएबीसी के अध्यक्ष कार्डिनल चार्ल्स बो ने 'व्यापक परिवर्तन, मजबूत नवीनीकरण' का आह्वान करते हुए एशियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के महासंघ की स्वर्ण जयंती की शुरुआत की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

यांगून, मंगलवार 23 अगस्त 2022 (उकान)  : “एशिया में काथलिक कलीसिया गरीबी, जलवायु परिवर्तन, राजनीतिक संघर्ष, असहमति और आर्थिक पतन के बीच इतिहास के चौराहे पर खड़ी है।”  एफएबीसी के अध्यक्ष और म्यांमार में यांगून के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल चार्ल्स बो ने 22 अगस्त को महासंघ के स्वर्ण जयंती समारोह के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन के दौरान यह टिप्पणी की। जयंती कार्यक्रम बैंकॉक में दो सप्ताह की एफएबीसी सभा के बाद 30 अक्टूबर को समाप्त होगा।

कार्डिनल बो ने कहा,“हम संघर्ष और विस्थापन के घुटन भरे बादलों, अर्थव्यवस्था के पतन, भयावह जलवायु परिवर्तन, महामारी और लाखों लोगों की भुखमरी के बीच एकत्रित हुए हैं। पारंपरिक ख्रीस्तीय दुनिया में धर्मनिरपेक्षता बढ़ रही है और कई देशों में सत्तावादी नेतृत्व भी आदर्श बनता जा रहा है।"

आगे उन्होंने कहा, “लोकतंत्र को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कट्टरवाद और धार्मिक हिंसा से वैश्विक शांति को खतरा है। हमें खुद की जांच करना है कि इन चुनौतीपूर्ण क्षणों में एशियाई कलीसियाओं की क्या भूमिका हो सकती है।

उन्होंने कहा कि पिछले 50 वर्षों में बहुत कुछ हासिल किया गया है। कार्डिनल बो ने एफएबीसी को बौद्धिक पहचान प्रदान करने वाले धर्मशास्त्रियों और अन्य लोगों को धन्यवाद दिया।

कार्डिनल बो ने कहा, "एशियाई देश आर्थिक और राजनीतिक रूप से अधिक आश्वस्त हो रहे हैं। एशिया संस्कृतियों का एक आभासी मोज़ाइक है और कलीसिया ने उस विविधता को प्रतिबिंबित किया है।"

उन्होंने कहा, "एशियाई ख्रीस्तीय धर्म अपने विदेशी सामान को छोड़ने और सही मायने में स्वदेशी बनने की प्रक्रिया में है। सांस्कृतिक और धार्मिक समावेश वह है जिसे धर्मशास्त्री संस्कृति के रूप में संदर्भित करते हैं।"

महासंघ की स्थापना 1970 में हुई थी जब संत पापा पॉल षष्टम की फिलीपींस प्रेरितिक यात्रा के लिए पहली बार एशियाई धर्माध्यक्ष मनीला में एक साथ आए थे। तब से, धर्माध्यक्षों का कहना है कि एफबीएसी ने एशिया में काथलिक कलीसिया के लिए एक पहचान विकसित करने हेतु कलीसिया के साथ मिलकर काम किया है।

महामारी प्रतिबंधों के कारण महासंघ को 2020 में अपनी स्वर्ण जयंती स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

कार्डिनल बो ने कहा कि एशियाई देशों में ख्रीस्तीय लोग  शिक्षा, स्वास्थ्य और मानव विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, देश आर्थिक और राजनीतिक रूप से अधिक आश्वस्त हो रहे हैं।

"संत पापा फ्राँसिस ने हमेशा हर चुनौती को एक अवसर के रूप में देखने के लिए प्रोत्साहित किया है।"

"कलीसिया एशिया और अफ्रीका में बढ़ते व्यवसायों के साथ जीवंत है। यह एक महान अवसर और चुनौती है।" उन्होंने कहा कि यह सदी "सुसमाचार की घोषणा करके और दुनिया में न्याय के साथ शांति को बढ़ावा देकर "एशियाई ख्रीस्तीय सदी" बन सकती है।"

कार्डिनल बो ने कहा कि कलीसिया के सामने एक चुनौती है। उसे यह देखना है कि वो कैसे "चिंताओं से भरी दुनिया में शांति का पैगंबर बन सकती है।"

तीसरी सहस्राब्दी बड़ी चुनौतियाँ लेकर आई है। उन्होंने कहा कि संत पापा फ्राँसिस ने हमेशा हर चुनौती को अवसर के रूप में देखने के लिए प्रोत्साहित किया है।

"जैसा कि हम 50 साल के समारोहों का उद्घाटन करते हैं, हमें यह याद करना है कि जयंती का बाइबिल परिप्रेक्ष्य एक व्यापक परिवर्तन और मजबूत नवीनीकरण को अनिवार्य बनाता है। उन्होंने कहा कि संत पापा फ्राँसिस की अगुवाई में कलीसिया ने सक्रिय रूप से बदलाव शुरू किया है। संत पापा फ्राँसिस के तीन दस्तावेजों ने एशियाई कलीसिया और दुनिया को सही संबंधों में एक दिशा निर्देशन दिया है: ‘इवांजेलुम गौदियुम’ द्वारा ईश्वर के साथ हमारे संबंधों में हमें मार्गदर्शन मिला, ‘लौदातो सी’ द्वारा ईश्वर की रचना के साथ हमारे संबंधों में एक पाठ्यक्रम मिला और ‘फ्रातेल्ली तुत्ती’ हमें एक दूसरे के साथ भाईचारे के संबंध को प्रबुद्ध करता है।”

उन्होंने कहा कि चुनौती एक सिनॉडल कलीसिया बनाने की है, जिसमें वाटिकन संरचनाओं और मिशनों में सुसमाचार प्रचार को प्रमुख स्थान देना है। उन्होंने कहा कि न्याय के मोर्चे पर, संत पापा ने पर्यावरण और आर्थिक न्याय के लिए संघर्ष के प्रति समर्पण का आह्वान किया है।

उन्होंने अक्टूबर में होने वाली एफएबीसी 50वीं आस सभा सम्मेलन की तैयारी के लिए एशिया के सभी धर्मप्रांतों की सराहना की, जो सभी विचार-विमर्शों को समेटेगा तथा एशिया और दुनिया के लिए यात्रा का एक नया मार्ग तैयार करेगा।

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23 August 2022, 15:24