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अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा अवैध व्यापार से नाविकों और मछुआरों की मदद के लिए सम्मानित किया गया है। अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा अवैध व्यापार से नाविकों और मछुआरों की मदद के लिए सम्मानित किया गया है। 

स्टेला मैरिस बंदरगाह के चैपलिन अमेरिकी पुरस्कार से सम्मानित

थाईलैंड में एक स्टेला मैरिस बंदरगाह के चैपलिन (पुरोहित) को अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा अवैध व्यापार से नाविकों और मछुआरों को मदद पहुँचाने हेतु उनके अथक प्रयास के लिए सम्मानित किया गया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

19 जुलाई को वाशिंगटन डी.सी. में एक समारोह में उन्हें विदेशमंत्री एंटनी जे. ब्लिंकन से सम्मान मिला।

अथक कार्य

अपिन्या ने 2005 से वैश्विक समुद्री नेटवर्क स्टेला मैरिस के साथ काम किया है और पिछले सात वर्षों से मानव तस्करी के संकट को समाप्त करने के लिए काम किया है।

उसने थाईलैंड, इंडोनेशिया, कंबोडिया, बर्मा और बांग्लादेश सहित विभिन्न देशों के मछली पकड़ने के क्षेत्र में सैकड़ों श्रमिकों की मदद की है, और बाल तस्करी के बारे में जागरूकता बढ़ाने में भी सक्रिय भूमिका निभाई है, हर साल 10,000 से अधिक छात्रों को शिक्षित करने के लिए पूरे थाईलैंड में स्कूलों का दौरा किया है।

पुरस्कार के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा: "यह पुरस्कार मेरे लिए पूरी तरह से अप्रत्याशित है, और मैं इसे प्राप्त करने के लिए सम्मानित महसूस कर रही हूँ।" स्टेला मैरिस अवैध व्यापार किए गए मछुआरों और नाविकों का समर्थन करने हेतु थाईलैंड में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम करती है। उन्होंने कहा, "हम पीड़ितों की पहचान करने, उन्हें बचाने, उन्हें समाज में फिर से संगठित करने में मदद करके सहायता करते हैं। हम उन्हें अपने जीवन के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए प्रशिक्षण, कानूनी सलाह तक पहुंच और धन मुहैया कराते हैं।"

पीड़ितों का सामना करनेवाली हर प्रक्रिया में स्टेला मैरिस शामिल होती है, ताकि वे अकेले न लड़ें।"

अपने समर्पण के एक उदाहरण में, अपिन्या ने एक प्रशीतित मालवाहक जहाज से नौ नाविकों को बचाने में मदद की। चालक दल ने उसे मदद की गुहार लगाते हुए एक ईमेल भेजा था, जिसमें कहा गया था कि वे घायल हो गए थे और अपने घर जाने के लिए बेताब थे।

उसने याद करते हुए कहा, “मेरी मातृ प्रवृत्ति ने तुरंत काम किया और मुझे बाहर जाकर उन्हें बचाने में मदद करनी पड़ी। चालक दल को बचाया गया, मामले पर सफलतापूर्वक मुकदमा चलाया गया, और नाविकों को उनकी बकाया मजदूरी और मुआवजा मिला। उन्हें सुरक्षित घर वापस भेज दिया गया”।

“हम पुत्रों को उनकी माता को, पिता को उनके बच्चों को, और पति को उनकी पत्नियों को लौटाते हैं। नाविक भले ही नजरों से ओझल हों, लेकिन वे दिमाग से बाहर नहीं हैं।"

मानव तस्करी का मुकाबला

अपिन्या ने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को यह पहचानने की जरूरत है कि मानव तस्करी अभी भी हर जगह हो रही है, न कि केवल विकासशील देशों में। उसने यह भी कहा कि इसे मिटाने में मदद करना हम में से प्रत्येक पर निर्भर है।

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21 July 2022, 17:30