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संत अन्ना की पुत्रियों के धर्मसंघ की स्थापना की 125वीं जयन्ती समारोह में बिझान के धर्माध्यक्ष संत अन्ना की पुत्रियों के धर्मसंघ की स्थापना की 125वीं जयन्ती समारोह में बिझान के धर्माध्यक्ष 

संत अन्ना की पुत्रियों से पोप , आनन्द के सुसमाचार का साक्ष्य देने के उत्साह को नवीकृत करें

संत अन्ना की पुत्रियों के धर्मसंघ, राँची की स्थापना की 125वीं जयन्ती पर जुबली समारोह सम्पन्न हुआ।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत अन्ना की पुत्रियों के धर्मसंघ, राँची की स्थापना की 125वीं जयन्ती पूरा होने पर जुबली समापन समारोह का आयोजन रांची में किया गया था। संत अन्ना की पुत्रियों के धर्मसंघ रांची की स्थापना 26 जुलाई 1897 को ईश सेविका माता मेरी बेर्नादेत्त किस्पोट्टा के द्वारा किया गया था जिन्हें माता सेसिलिया किस्पोट्टा, माता बेरोनिका किस्पोट्टा और माता मेरी ने अभूतपूर्व योगदान दिया था। ये मांडर प्रखंड के सरगाँव की निवासी थीं।

ख्रीस्तयाग में भाग लेते विश्वासी
ख्रीस्तयाग में भाग लेते विश्वासी

समारोही ख्रीस्तयाग

समापन समारोह दो चरणों में सम्पन्न किये गये ˸ प्रथम चरण में समारोही ख्रीस्तयाग सम्पन्न हुआ। समारोही ख्रीस्तयाग का अनुष्ठान राँची के संत मरिया महागिरजाघर में राँची महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो ने किया, उनके साथ सहानुष्ठाता रहे ; धर्माध्यक्ष जुलयुस मरांडी, धर्माध्यक्ष फुलजेंस तिग्गा, धर्माध्यक्ष विनय कंडुलना, धर्माध्यक्ष आनन्द जोजो, धर्माध्यक्ष भिंसेंट बरवा, धर्माध्यक्ष अंतोनीस बड़ा, प्रशासक फा. लिनुस पिंगल एक्का, पल्ली पुरोहित फादर आनन्द डेविड खलखो एवं पुरोहितगण। समारोह में धर्मसंघ की सुपीरियर जेनेरल सिस्टर लिली ग्रेस तोपनो, चारों प्रोविंस की प्रोविंशल, संत अन्ना की पुत्रियों के धर्मसंघ की धर्मबहनें, अन्य धर्मसंघों की धर्मबहनें, अतिथिगण एवं विद्यार्थीगण भी शामिल हुए। इस अवसर पर मांडर विदानसभा के पूर्व विधयक बंधु तिर्की एवं वर्तमान विधायक शिल्पी तिर्की भी उपस्थित थे।

प्रभु का अनोखा प्रेम एवं उनकी कृपा

अपने प्रवचन में महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो ने संत अन्ना की पुत्रियों के धर्मसंघ द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रभु का अनोखा प्रेम एवं उनकी कृपा है जिनके लिए हमें ईश्वर के प्रति कृतज्ञ होना है। ये धर्मबहनें, सामुदायिक जीवन, प्रार्थना तथा निःस्वार्थ सेवा की भावना से जरूरतमंद लोगों को सेवा देती हैं। प्रवचन के पश्चात् धर्मबहनों ने सिस्टर मंजूला किंडो की अगुवाई में भक्तिरूपी व्रत दुहराया। मिस्सा के अंत में धर्मसंघ की सुपीरियर सिस्टर लिली ग्रेस तोपनो ने आभार प्रकट किया।

माता बेर्नादेत्त का बुलावा एवं धर्मबहनों की सेवा

जुबली समापन समारोह के दूसरे चरण में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई जिसका शुभारम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से किया गया। धर्मसंघ की ऐतिहासिक घटनाओं एवं गतिविधियों के संकलन किये गये किताबों का विमोचन किया गया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम
सांस्कृतिक कार्यक्रम

महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो ने अपने संदेश में आदिवासी तथा पिछली जातियों पर उस समय हो रहे अत्याचारों, बेठ-बेगारी, शोषण तथा अन्य समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौर में बेल्जियन फादरगण आकर शोषित वर्गों का साथ दिया। उनके नेक कार्य को आगे बढ़ाने के लिए, अपने लोगों के बीच से प्रभु ने माता बेर्नादेत्त किस्पोट्टा को एवं अन्य सहयोगियों को बुलाया। इन्हीं धर्मबहनों से प्रेरणा पाकर संत अन्ना की धर्मबहनें आज भी लोगों की सेवा निरंतर कर रही हैं।

नृत्य की कड़ी में समलोंग की नोविस बहनों ने मंगलाचरण एवं विभिन्न प्रोविंसों से आये प्रतिनिधियों ने सांस्कृतिक एवं पारम्परिक नृत्य प्रस्तुत किया। माता बेर्नादेत के पैत्रिक गाँव सरगाँव से भी ग्रामवासियों द्वारा गीत गायन किया गया। सिस्टर रोसलिन मलिका के आभार प्रकट किया एवं मदर जेनेरल ने जयन्ती समापन समारोह समाप्त हुआ।

देश के निर्माण में धर्मबहनों का योगदान

संत अन्ना की पुत्रियों के धर्मसंघ के 125वीं जुबली वर्ष का शुभारम्भ 26 जुलाई 2021 को भव्य समारोह के साथ किया गया था। जयन्ती समारोह को यादगार बनाने के लिए अनेक गतिविधियाँ सम्पन्न किये गये जिनमें प्रमुख रहे, आध्यात्मिक साधना जो धर्मसंघ की विधि अनुसार संचालित, परोपकारी कार्य, जुबली मेमोरियल का निर्माण, संग्रहालय का नवीनीकरण, धर्मसंघ का इतिहास नाटिका द्वारा प्रस्तुति इत्यादि।

प्रथम चार धर्मबहनों ने प्रथम व्रतधारण कर 8 अप्रैल 1901 को इस धर्मसंघ में प्रथम सदस्यता सूची में अपना नाम दर्ज कराया। वर्तमान में इन धर्मबहनों की संख्या 1140 से अधिक है जो 148 कॉन्वेंटों में कार्यरत हैं। यह चार प्रोविंसों तथा दो डेलीगेशन में बंटा हैं। आज धर्मसंघ शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सामाजिक उत्थान तथा सुसमाचार प्रचार के माध्यम से देश के निर्माण में अहम योगदान दे रहा है।

संत पापा फ्रांँसिस का संदेश 

इस अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने धर्मसंघ की सुपीरियर जेनेरल सिस्टर लिली ग्रेस टोपनो एवं धर्मसंघ की सभी बहनों को शुभकामनाएंँ एवं आशीर्वाद प्रदान किया है।

वाटिकन राज्य सचिव कार्डिलन पीयेत्रो परोलिन ने संत पापा की ओर से प्रेषित संदेश में लिखा है, "संत पापा फ्रांसिस अपनी शुभकामनाएँ भेजते एवं अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन देते हैं, जब संत अन्ना की पुत्रियाँ अपने धर्मसंघ की स्थापना की 125वीं जयन्ती मना रही हैं। संत पापा धर्मसंघ के साथ मिलकर ईश्वर को धन्यवाद अर्पित करते हैं जिन्होंने इन वर्षों में उदार प्रेरितिक कार्यों को करने के लिए उनकी कृपा प्राप्त की है।"

उन्होंने आशा व्यक्त की है कि यह अवसर धर्मबहनों के लिए शिक्षा, समाज सेवा, स्वास्थ्य देखभाल के मिशन एवं धर्मसंघीय समर्पण के प्रति निष्ठा द्वारा आनन्द के सुसमाचार का साक्ष्य देने के उत्साह को नवीकृत करेगा।

वाटिकन राज्य सचिव ने लिखा है कि संत पापा सभी धर्मबहनों को कलीसिया की माता कुँवारी मरियम के हाथों सिपूर्द करते हुए उन्हें प्रभु के आनन्द एवं शांति की आशीष प्रदान करते हैं।

धर्माध्यक्षों के साथ धर्मबहनें
धर्माध्यक्षों के साथ धर्मबहनें

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25 July 2022, 17:51