खोज

नाईजीरिया के विश्वासी नाईजीरिया के विश्वासी 

नाईजीरिया ˸ बेन्यू में दो माह के अंदर 60 ख्रीस्तीयों की हत्या

पीड़ित और जरूरतमंद ख्रीस्तीयों की मदद करनेवाले उदार संगठन एड टू द चर्च इन नींड (एसीएन) ने ख्रीस्तीयों पर आक्रमण एवं हत्या के मद्देनजर नाईजीरिया में असुरक्षा की चुनौती पर प्रकाश डाला है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

मध्य नाइजीरिया के बेन्यू राज्य में पिछले कुछ महीनों में कम से कम 68 ख्रीस्तीय मारे गए हैं, और कई लोगों का अपहरण हुआ है।

प्रताड़ित ख्रीस्तीयों की मदद करनेवाले कलीसियाई संगठन एड टू द चर्च इन नीड ने बेन्यू के माकुरदी के धर्माध्यक्ष विलफ्रेड चिकपा अनागबे से एक रिपोर्ट प्राप्त किया है जिसमें स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए, नाईजीरियाई अधिकारियों की ओर निष्क्रियता का संकेत दिया गया है।  

संघर्ष और असुरक्षा

इस समस्या के केंद्र में "फुलानी जनजाति के आतंकवादियों द्वारा लगातार हमले" हैं, जो ज्यादातर मुस्लिम हैं और नाइजीरिया के मध्य क्षेत्र में बड़े पैमाने पर ख्रीस्तीय कृषक समुदायों के खिलाफ हमले कर रहे हैं।

हमलों के कारण जटिल हैं। खानाबदोश चरवाहों और बसे हुए किसानों के बीच संघर्ष सदियों पुरानी है लेकिन हाल के वर्षों में उच्च श्रेणी की आग्नेयास्त्रों के प्रवेश ने हमलों को और अधिक विनाशकारी एवं घातक बना दिया है। हाल के वर्षों में, नाइजीरिया को असुरक्षा से जूझने की चुनौती का सामना करना पड़ा है, खासकर अपने उत्तरी और मध्य क्षेत्रों में। समस्याएँ बोको हराम चरमपंथी जिहादी समूह की गतिविधियों से शुरू हुईं, लेकिन हाल में चरवाहों और स्थिर किसानों के बीच संघर्ष एवं अज्ञात सशस्त्र डाकुओं के हमलों के साथ स्थित बदतर हो गई है।

धार्मिक आयाम

धर्माध्यक्ष अनागबे ने हमलों के लिए एक धार्मिक आयाम पर प्रकाश डाला, यह देखते हुए कि यह "एक देश में स्थिति को समान रूप से बहुसंख्यक ख्रीस्तीय दक्षिण और ज्यादातर मुस्लिम उत्तर के बीच विभाजित करता है, जिसमें अधिकांश संघर्ष मध्य क्षेत्र में होते हैं, जो सबसे उपजाऊ भूमि है।"

उन्होंने कहा कि "इन फुलानी जिहादी मिलिशिया द्वारा हत्याओं, विस्थापन और संपत्ति के बेवजह विनाश का पैमाना नाइजीरिया में ख्रीस्तीय समुदायों को हटाने और भूमि पर कब्जा करने के अब प्रकट एजेंडे को पुष्ट करता है।" उन्होंने कहा कि कुछ आतंकवादी "खुद को खानाबदोश चरवाहों के रूप में प्रकट करते हैं ताकि अपने हमलों के असली इरादे को छिपा सकें, जो कि ख्रीस्तीयों को उनकी भूमि से खदेड़ना है।"

उन्होंने कहा, "स्वाभाविक रूप से, ऐसी स्थिति के साथ रहना मेरे और मेरे लोगों के लिए अत्यन्त भयानक है।"

एड टू द चर्च इन नीड द्वारा जरूरतमंद लोगों की सेवा

बेन्यू में 80 प्रतिशत विस्थापित लोग रहते हैं। वित्तीय चुनौतियों के बावजूद, कलीसिया जरूरतमंद लोगों के कष्टों को दूर करने हेतु मदद देने की पूरी कोशिश कर रही है, जिसमें शिविरों में रहने वालों के लिए भोजन और कपड़े उपलब्ध कराना और दर्जनों विस्थापित बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान करना शामिल है।

कुछ बस्ती क्षेत्रों में पैरिश भी हैं जो विस्थापित लोगों की आध्यात्मिक जरूरतों को पूरा करते हैं।

इन सभी में, एसीएन स्थानीय कलीसिया का समर्थन करना जारी रखता है। 2021 में, इसने नाइजीरिया में विभिन्न क्षेत्रों में 105 परियोजनाओं को वित्तपोषित किया। परमधर्मपीठीय दान भी ख्रीस्तीयों के कष्टों के बारे में जानकारी का एक मंच प्रदान करता है और स्थानीय कलीसियाई अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के दौरान धार्मिक स्वतंत्रता और ख्रीस्तीय उत्पीड़न पर बोलने में मदद करता है।

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

21 July 2022, 17:23