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संत मदर तेरेसा की तस्वीर के सामने खड़ीं मिशनरीस ऑफ चैरिटी की धर्मबहनें संत मदर तेरेसा की तस्वीर के सामने खड़ीं मिशनरीस ऑफ चैरिटी की धर्मबहनें  #SistersProject

निकारागुवा ˸ सरकार ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी को बंद करने का आदेश दिया

निकारागुआ के अधिकारियों के अनुसार, कलकत्ता की मदर तेरेसा के मिशनरी जो मध्य अमरीका में कार्यरत थे, अपने दायित्वों का पालन करने में विफल हैं। बंद करने का निर्णय ऐसे समय में आया है जब संडीनिस्ता सरकार और काथलिक कलीसिया के बीच तनाव व्याप्त है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

निकारागुवा में काथलिक कलीसिया के खिलाफ एक नई कार्रवाई के रूप में, राष्ट्रपति दानिएल ओरतेगा की अगुवाई में संडिनिस्ता सरकार ने मिशनरीस ऑफ चैरिटी (एमसी) द्वारा संचालित संघ को बंद किये जाने की घोषणा की है। बंद किये जाने की घोषणा उन 100 अन्य गैरसरकारी संगठनों के लिए भी की गई है जो देश में सक्रिय काथलिक संगठन हैं।

नियम का आधिकारिक कारण

आदेश निकारागुआ के आंतरिम मंत्रालय द्वारा दिया गया है और आनेवाले दिनों में नेशनल असेंबली द्वारा अनुमोदित होने की उम्मीद है, जहां ओर्टेगा की सैंडिनिस्टा नेशनल लिबरेशन फ्रंट पार्टी (एसएनएलएफ) को भारी बहुमत मिली है।

निकारागुआ के अधिकारियों के अनुसार मिशनरीस ऑफ चैरिटी का संघ "अपने कानूनी दायित्वों का पालन करने में विफल है," और खासकर, "कानून 977" के साथ, आतंकवाद के वित्तपोषण हेतु काले धन को वैध बनाने एवं सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार के लिए वित्तपोषण।

इसके अतिरिक्त, आंतरिम मंत्रालय ने कहा है कि मिशनरियों को मंत्रालय की ओर से परिवार को बच्चों के विकास हेतु नर्सरी केंद्र, बालिकाओं के आवास एवं बुजूर्गों के आश्रम के रूप में संचालित करने की मान्यता नहीं दी गई है और न ही उन्हें शिक्षा मंत्रालय से विद्यार्थियों को उपचारी शिक्षा देने की अनुमति दी गई है एवं समीक्षा के लिए प्रस्तुत किए गए अन्य दस्तावेजों के साथ "आंतरिम मंत्रालय को रिपोर्ट किए गए उनके वित्तीय विवरण भी सही नहीं हैं।"   

अन्य काथलिक गैर सरकारी संगठन भी बंद होंगे

सरकार द्वारा काथलिक संगठनों को बंद किये जाने के आदेश की सूची में निकारागुआ के बच्चों के लिए आध्यात्मिक फाऊँडेशन भी है, जो निकारागुआ के लोगों के लिए मानव विकास सहायता हेतु काथलिक फाऊंडेशन है, उसके साथ, मेरी बचपन की माता फाऊंडेशन और दिरियोमितो बाल देखभाल आवास संघ हैं।

1988 से निकारागुआ में कार्यरत

मिशनरीस ऑफ चैरिटी 1988 से ही निकारागुआ में कार्यरत हैं जब संत मदर तेरेसा ने दानिएल ओरतेगा के शासन की पहली अवधि में मध्य अमरीकी देश का दौरा किया था।  

धर्मबहनें ग्रानाडा शहर में संत मरियम के निष्कलंक हृदय आवास केंद्र चलाती हैं जहाँ वे परित्यक्त किशोरियों या दुराचार के शिकार लोगों को रखते हैं। निकारागुआ की राजधानी मनागुआ में वे एक नर्सिंग होम चलाती हैं, जिसके द्वारा बुजूर्गों को भोजन, कपड़े और अन्य देखभाल प्रदान किये जाते हैं। एमसी धर्मबहनें जोखिम में नाबालिगों के लिए उपचारात्मक शिक्षा भी प्रदान करती हैं और गरीब बच्चों के लिए नर्सरी चलाती है।  

सरकार एवं कलीसिया के बीच जारी तनाव

केंद्रों को बंद किये जाने का आदेश काथलिक कलीसिया एवं ओरतेगा सरकार के बीच बड़ी तनाव की पृष्टभूमि पर आयी है जो मध्य अमरीकी देश में 15 वर्षों से राज कर रहे हैं।

दोनों के बीच संबंध में दरार 2018 से ही है जब निकारागुआ के अधिकारियों ने सामाजिक सुरक्षा प्रणाली में कई विवादस्पद सुधार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। संकट में मध्यस्थता करने के प्रयासों के बावजूद, धर्माध्यक्षों को अंततः संवाद से प्रतिबंधित कर दिया गया और 2021 के विवादास्पद चुनावों के बाद संबंध और खराब हो गए, जिसमें धोखाधड़ी के आरोपों और प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के राजनीतिक उत्पीड़न के बीच राष्ट्रपति ओर्तेगा फिर राष्ट्रपति बने।  

उसी साल ओरतेगा और उनकी पत्नी जो अभी उप-राष्ट्रपति हैं, उन्होंने धर्माध्यक्षों को तख्तापलट करनेवाले, विदेशी एजेंट कहा तथा उनपर गलत ख्रीस्तीय धर्म का प्रचार करने का आरोप लगाया।   

इस साल के मार्च में सरकार ने निकारागुआ के प्रेरितिक राजदूत पोलिश महाधर्माध्यक्ष वाल्देमार स्तानिसलाव सोमेरताग को "पेरसोना नोन ग्राता" (कृतघ्न व्यक्ति) घोषित कर निष्कासित कर दिया। परमधर्मपीठ ने इस घोषणा पर आश्चर्य एवं खेद प्रकट किया, यह कहते हुए कि यह समझ से बाहर है क्योंकि महाधर्माध्यक्ष सोमेरताग अपने मिशन को गहरे समर्पण के साथ कलीसिया एवं निकारगुआ के लोगों की अच्छाई के लिए कर रहे थे, जो परमधर्मपीठ एवं निकारागुआ के अधिकारियों के बीच अच्छे संबंधों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे थे।  

चार सालों में कलीसिया पर करीब 200 हमले

2018 में संकट शुरू होने के बाद से कलीसिया करीब 200 हमलों और भेदभावों के निशाने पर रही है, साथ ही धर्माध्यक्षों एवं पुरोहितों के उत्पीड़न और धमकी का सामना किया है। 2019 में मनारागुआ के सहायक धर्माध्यक्ष सिलवियो जोश बैज को कई बार मौत की धमकी मिलने के बाद संत पापा फ्राँसिस के आग्रह पर धर्मप्रांत छोड़ना पड़ा था।

फ्लोरिडा जहाँ वे अभी रह रहे हैं वहाँ से एक ट्वीट में धर्माध्यक्ष बैज ने लिखा कि वे मिशनरीस ऑफ चैरिटी के संघ को बंद किये जाने के आदेश की खबर सुनकर हैरान हैं, "गरीबों को उदार देखभाल से वंचित करने का कोई औचित्य नहीं है"।

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02 July 2022, 14:50