यूक्रेन का ऐतिहासिक ऑरथोडोक्स "पवित्र डोरमिशन" मठ हुआ नष्ट
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
यूक्रेन, शुक्रवार, 3 जून 2022 (वाटिकन न्यूज़): यूक्रेन के डोनेट्स्क प्रान्त के निकटवर्ती शिवतोगोर्स्क नगर में 30 मई को रूसी हमले में ऐतिहासिक ख्रीस्तीय ऑरथोडोक्स "पवित्र डॉर्मिशन" मठ क्षतिग्रस्त हो गया है। रूसी हमले में मठ के प्रधान पुरोहित, दो मठवासी भिक्षुओं और एक मठवासी धर्मबहन की मृत्यु हो गई है। मृतकों और घायलों की संख्या अभी भी अज्ञात है।
ऑरथोडोक्स मठ के नष्ट होने की ख़बर मॉस्को के प्राधिधर्माध्यक्ष की सूचना साइट पर, डोनेट्स्क और मारियुपोल के प्राधिधर्माध्यक्ष मेट्रोपॉलिटन हिलेरियन के एक बयान के साथ प्रकाशित की गई, जिसमें कहा गया, "गहन दुख के साथ मैं आपको सूचित करता है कि 30 मई को संघर्ष के दौरान, शिवतोगोर्स्क में "पवित्र डॉर्मिशन" मठ की तीसरी और चौथी इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं।"
चार मठवासियों के मरने की पुष्टि
बयान में बताया गया कि रूस की बमबारी में, मठ के प्रधान पुरोहित मठाधीश गालाक्सियन, दो मठवासी भिक्षुओं एवं एक मठवासी धर्मबहन की मृत्यु हो गई है और कई अन्य घायल हो गये हैं। श्रद्धालुओं में मृतकों एवं घायलों की संख्या अज्ञात है। प्राधिधर्माध्यक्ष मेट्रोपॉलिटन हिलेरियन ने मृतकों की चिरशांन्ति तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हेतु प्रार्थना का निवेदन किया है।
13 वीं शताब्दी का मठ एक शरणस्थल
ईश माता मरियम को समर्पित शिवतोगोर्स्क नगर के ऐतिहासिक ऑरथोडोक्स "पवित्र डॉर्मिशन" मठ की स्थापना 13 वीं शताब्दी में की गई थी। मॉस्को के प्राधिधर्माध्यक्षीय पीठ के अन्तर्गत आनेवाला यूक्रेनी ऑरथोडोक्स कलीसिया का यह एक अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक मठ तथा उपासना स्थल है।
मठ की स्थापना 13 वीं शताब्दी में उस समय की गई थी जब कीव की गुफाओं से ख्रीस्तीय ऑरथोडोक्स मठवासी मंगोली आक्रमण के फलस्वरूप भाग रहे थे। शिवतोगोर्स्क नगर के पहाड़ी क्षेत्र में उन्होंने शरण पाई और मठवासी जीवन की नींव रखी। प्राप्त समाचारों के अनुसार, लगभग सौ दिनों के युद्ध में कई बार मठ के परिसर में रूसी सेना ने बमबारी की है, किन्तु रूसी आक्रमण के बावजूद यूक्रेन के कई विस्थापित नागरिकों ने इस मठ में शरण ली है। विगत 02 मार्च को भी रूस के एक हवाई हमले में मठ की खिड़कियाँ एवं दरवाज़े क्षतिग्रस्त हो गये थे, उस समय मठ में लगभग 520 यूक्रेनी विस्थापित लोग मठ में शरण ले रहे थे।
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