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तंजानिया और युगांडा में, इएसीओपी निर्माण की योजना सृष्टि के लिए हानिकारक

ईस्ट अफ्रीका क्रूड ऑयल पाइपलाइन दुनिया की सबसे लंबी गर्म तेल पाइपलाइन होगी। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने पहले ही कोई नई जीवाश्म-ईंधन परियोजना शुरु नहीं करने का आह्वान किया है। वनेसा नाकाटे सहित कार्यकर्ताओं ने हाल ही में संत पापा फ्राँसिस से मुलाकात की और लौदातो सी सप्ताह से पहले उनका पूरा समर्थन प्राप्त किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 25 मई 2022( वाटिकन न्यूज ) : तंजानिया के बिहारामुलो गेम अभयारण्य में ईश्वर की रचना के गीत नियमित रूप से सुने जा सकते हैं। शेरों के दहाड़ने, हाथियों के चिंघाड़ने और भैंसों के रमभाने की आवाज पूरे 1,300 वर्ग किलोमीटर के अभयारण्य में गूंजती है। ईश्वर की रचना के छोटे जीव भी घूमते हैं, जिनमें आर्डवार्क, सीतातुंग और लाल कोलोबस बंदर शामिल हैं, जो दुनिया के केवल पांच अभयारण्य में पाये जाते हैं।

सदियों से तंजानिया और युगांडा के जंगलों में शांति और बाधारहित जीवन जी रहे ईश्वर की सृष्टि के अनगिनत जीव-जन्तु और अन्य लोग एक बड़े तेल पाइपलाइन द्वारा नए खतरे में हैं जो हमारे आम घर को अभूतपूर्व नुकसान पहुंचा सकती है। संत पापा फ्रांसिस और काथलिक कलीसिया का कहना है कि वे इसके खिलाफ वकालत करेंगे।

इएसीओपी क्या है?

ईस्ट अफ्रीका क्रूड ऑयल पाइपलाइन (इएसीओपी ) एक प्रस्तावित 1,443 किलोमीटर की पाइपलाइन है, जो अगर पूर हो जाती है, तो दुनिया की सबसे लंबी कच्चे तेल की गर्म पाइपलाइन होगी। पाइपलाइन युगांडा के होइमा में शुरू होती है और तंजानिया के तांगा बंदरगाह में समाप्त होती है। यह धरती के अंदर राष्ट्रीय उद्यानों, जंगलों, भंडारों और खेतों से होते हुए जाती है। पाइपलाइन अभी भी निर्माणाधीन है, इसने हजारों किसानों को विस्थापित कर दिया है और उनकी आजीविका को खतम कर दिया है। पाइपलाइन से युगांडा और तंजानिया के लाखों लोगों को नुकसान पहुंचेगा।

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी द्वारा दुनिया को 2050 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन तक पहुंचने के लिए कोई नई जीवाश्म-ईंधन परियोजनाओं को शुरु न किये जाने की मांग करने के बाद भी इस पाइपलाइन का निर्माण किया जा रहा है। इएसीओपी से हर साल 34 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन उत्पन्न होने की उम्मीद है।

समग्र मानव विकास को बढ़ावा देने के लिए बने पारिस्थितिकी और सृष्टि विभाग के समन्वयक फादर जोशट्रोम कुरीथादाम ने कहा, "काथलिक कलीसिया इएसीओपी  परियोजना की निंदा करने में युगांडा और तंजानिया के लोगों के साथ खड़ी है और दोनों सरकारों से उन परियोजनाओं में निवेश करने के लिए कह रही है जो हमारे आम घर, गरीबों और अर्थव्यवस्था के संरक्षण और देखभाल के अनुरूप हैं।"

उन्होंने कहा, "बहुराष्ट्रीय संस्थानों के लिए अभी भी समय है कि वे अफ्रीका और विकासशील देशों में कोयले, तेल और गैस के उपयोग को समर्थन और बढ़ावा देने के बजाय, इन फंडों को अक्षय क्षेत्र में बांट दें। अक्षय ऊर्जा में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को चलाने, स्थायी रोजगार सृजित करने और जीवाश्म ईंधन पर अत्यधिक निर्भरता से लाए गए बिजली के भारी बिलों को कम करने की क्षमता है।"

संत पापा फ्राँसिस के साथ बैठक

युगांडा की वनेसा नाकाटे सहित कार्यकर्ता विनाशकारी पाइपलाइन के खिलाफ तत्काल विरोध का नेतृत्व कर रहे हैं। युगांडा में ‘फ्राइडे फॉर फ्यूचर मूवमेंट’ के पहले स्ट्राइकर नाकाटे और युगांडा के तीन अन्य कार्यकर्ताओं ने हाल ही में अपना ‘स्टॉपइएसीओपी’ दौरा पूरा किया, जिसमें वाटिकन में संत पापा फ्राँसिस के साथ एक विशेष बैठक शामिल थी।

नाकाटे ने कहा, "संत पापा के साथ बैठक महत्वपूर्ण है क्योंकि कार्यकर्ता, पर्यावरण रक्षक और वैज्ञानिक वर्षों से दुनिया के नेताओं से लोगों और ग्रह के खतरों के बारे में बातें कर रहे हैं और उनसे कार्रवाई करने के लिए कहा है, लेकिन हमने कोई सार्थक गतिविधि नहीं देखा है। हम जीवाश्म ईंधन में निरंतर जारी निवेश को देखते हैं। हमारी कहानियों को साझा करने के लिए संत पापा और अन्य नेताओं के साथ सीधे संवाद करना... और दिल से दिल की बातचीत करना बहुत महत्वपूर्ण है।"

उन्होंने कहा कि इएसीओपी के निर्माण से इस सदी में वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखना "असंभव" हो जाएगा। पाइपलाइन भी "समुदायों को जलवायु संकट से उबरने नहीं देगी। यह बातचीत संभवत: प्रदूषकों के दिमाग को बदल देगी जब वे बड़े नेताओं को जलवायु कार्रवाई की लड़ाई में शामिल होने की बात सुनेंगे।”

नाकाटे और अन्य तीन युगांडा के कार्यकर्ता - अफ्रीका इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी गवर्नेंस की डायना नबीरुमा, युगांडा के फ्राइडे फॉर फ्यूचर मूवमेंट की संस्थापिका हिल्डा फ्लाविया नाकाबुये और युगांडा में ताशा रिसर्च इंस्टीट्यूट अफ्रीका लिमिटेड के मैक्सवेल अटुहुरा इएसीओपी सहित किसी भी नए जीवाश्म-ईंधन के वित्त पोषण को समाप्त करना चाहते हैं और वे स्वच्छ एवं टिकाऊ ऊर्जा के लिए बड़ी मात्रा में निवेश चाहते हैं।

न्यायोचित परिवर्तन के पक्षधर

नाकाटे ने कहा कि दुनिया को "कमजोर और कम-विशेषाधिकार प्राप्त समुदायों को पीछे छोड़े बिना सभी के लिए एक न्यायपूर्ण परिवर्तन की आवश्यकता है। कमजोर समुदायों को जलवायु वित्त देने की प्रतिज्ञा और उनके नुकसानों की क्षति पूर्ति के लिए उचित धन देने की भी बात की जानी चाहिए और समुदायों को प्रदान की जानी चाहिए।”

फ्लाविया नाकाबुये ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि कार्यकर्ता दुनिया भर में अपने क्षेत्रों में समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए काम करें। उसने कहा, "हम चाहते हैं कि यूरोप और दुनिया भर के लोग पूर्वी अफ्रीका क्रूड ऑयल पाइपलाइन के बारे में जानें। हम चाहते हैं कि ऊर्जा कंपनी का समर्थन करने वाले वित्तीय संस्थान और अन्य बड़ी कंपनियां अपना समर्थन वापस ले लें। हम इस परियोजना को बंद होते देखना चाहते हैं, साथ ही अफ्रीका और दुनिया भर में किसी भी अन्य नई तेल परियोजनाओं को रोकना चाहते हैं।”

काथलिक कलीसिया की शिक्षा

फादर कुरीथादाम ने कहा कि काथलिक कलीसिया की शिक्षा यह मानती है कि जलवायु संकट एक गंभीर नैतिक मुद्दा है, जो हमारे आम घर में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए खतरा है। जलवायु आपातकाल और पारिस्थितिक संकट मानव जीवन, स्वास्थ्य, गरिमा और सुरक्षा की रक्षा करने की मानव जाति की क्षमता को नुकसान पहुंचाते हैं। दोहरा संकट सामान्य भलाई को बढ़ावा देने और ईश्वर की सृष्टि की देखभाल करने की हमारी क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं।

जीवाश्म ईंधन जलवायु संकट का प्रथम कारण है और उनका अत्यधिक उपयोग संत पापा फ्राँसिस के अभिन्न पारिस्थितिकी के दृष्टिकोण के खिलाफ जाता है जिसे उन्होंने विश्वपत्र ‘लौदातो सी’ में रखा था। संत पापा ने 2018 में तेल और प्राकृतिक गैस कंपनियों के नेताओं के एक समूह से कहा: "सभ्यता के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है, लेकिन ऊर्जा का उपयोग सभ्यता को नष्ट करने के लिए नहीं करना चाहिए!"

संत पापा फ्राँसिस ने अक्टूबर 2020 में इस दृष्टिकोण को आगे परिभाषित करते हुए साझा किया कि कैसे हर कोई लौदातो सी को जीवन में लाने के लिए काम कर सकता है: "इस बदलाव को प्रोत्साहित करने का एक तरीका व्यवसायों को अपने आम घर की अभिन्न देखभाल के लिए खुद को प्रतिबद्ध करने की तत्काल आवश्यकता की ओर ले जाना है, उन कंपनियों को निवेश न देना जो अभिन्न पारिस्थितिकी के मापदंडों को पूरा नहीं करती हैं, जबकि इस संक्रमणकालीन चरण के दौरान,  स्थिरता, सामाजिक न्याय और सामान्य भलाई को बढ़ावा देने के लिए, ठोस रूप से काम करने वालों को पुरस्कृत करना।”

नाकाटे और उनके साथी कार्यकर्ता युगांडा और तंजानिया में आम भलाई को केंद्र में रखते हुए काम कर रहे हैं, यहां तक कि पर्यावरण रक्षकों और नागरिक समाज संगठनों के खिलाफ प्रलेखित हमलों के बीच भी। पूरी कलीसिया प्रतिबद्ध प्रार्थना के साथ-साथ अपने कार्यों को बखूबी से आगे बढ़ा रही है।

फादर जोशट्रॉम ने कहा: "हमारे सभी प्रयास, एक साथ एकजुट होकर, प्रत्येक व्यक्ति के लिए ‘लौदातो सी’ संवाद को बढ़ावा देने की क्षमता रखते हैं और हम प्रार्थना करते हैं, यह  हृदय परिवर्तन की ओर ले जाये ताकि दुनिया जलवायु संकट, जीवाश्म ईंधन के विस्तार, जैव विविधता के पतन को रोक सके।”

यह कहानी ‘लौदातो सी आंदोलन’ के साथ मिलकर तैयार की गई है, जो दुनिया भर में काथलिक परिवार को संत पापा फ्राँसिस के विश्वपत्र ‘लौदातो सी’ को जलवायु और पारिस्थितिक न्याय के लिए कार्रवाई में बदलने हेतु कार्य करता है।

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25 May 2022, 16:18