कीव के ध्वस्त सेमिनरी के पुनः खुलने हेतु एसीएन की मदद
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
25 फरवरी को रूसी सैनिकों द्वारा यूक्रेन के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हमले के बाद कीव में पुरोहिताई का प्रशिक्षण ले रहे सेमिनरी के 2 दर्जन युवाओं को सेक्रेड हार्ट सेमिनरी से भागना पड़ा था।
लूट और क्षति
बमबारी से क्षतिग्रस्त होने के बाद, सैनिक सेमिनरी में घुसे और वहाँ से जो कुछ ले सकते थे ले लिया। उन्होंने 2001 में प्रेरितिक यात्रा के दौरान संत पापा जॉन पौल द्वितीय द्वारा भेंट की हुई चैलिस (मिस्सा में प्रयोग किया जानेवाला वर्तन) को भी ले लिया।
युद्ध के कारण पीड़ा और दर्द की कहानियाँ भरी हुई हैं लेकिन उम्मीद की किरणें भी देखाई पड़ रही हैं।
एसीएन का समर्थन
बोरजेल के सेमिनरी के लिए यह आशा है एड टू द चर्च इन नीड के द्वारा सेमिनरी के पुनःनिर्माण एवं चोरी हुए सामानों की आपूर्ति का आश्वासन। इस सहायता का अर्थ है सेमिनरी के द्वार सितम्बर से पुनः खुल सकते हैं।
सेमिनरी को क्षतिग्रस्त किये जाने की याद करते हुए सेमिनरी के रेक्टर फादर रूसलान मेखलकिव ने एड टू द चर्च इन नीड को बतलाया कि इमारत बिलकुल खराब स्थिति में छोड़ दिया गया है।
भागने के लिए मजबूर
उन्होंने कहा, "उन्होंने उन सारी चीजों को ले लिया जिनको वे ले सकते थे – रसोई के बर्तन, वॉशिंग मशीन, कम्प्यूटर और एर कंडिशन आदि। सेमिनरी के छात्रों के कमरे तोड़फोड़ किये गये हैं और उन्होंने पवित्र मिस्सा के सामानों को ले लिया है।"
रूसी सैनिकों ने जब पड़ोसी शहर बूचा पर कब्जा किया था जहाँ उन्होंने सैंकड़ों नागरिकों को मार डाला। जब वे वोरजेल की ओर आगे बढ़े, तब सेमिनरी के छात्र और शिक्षक, निकट के एक अनाथालय के पाँच बच्चों तथा दो धर्मबहनों के साथ वहाँ से भाग गये।
फादर मेखलकिव रूसी फौज के यूक्रेन की राजधानी से चले जाने के बाद पिछला महीना वापस लौटे।
उन्होंने कहा, "हम एड टू द चर्च के प्रति बहुत आभारी होंगे यदि हमारा सेमिनरी अगले सितम्बर में वापस खुल पायेगा।"
मदद जारी
यूक्रेन परियोजना के लिए एड टू द चर्च इन नीड के प्रमुख मग्दा काकजमारेक ने जोर दिया कि कलीसिया को ठीक होने में मदद देना देश में जारी उदार कार्य का हिस्सा है।
"जब से युद्ध शुरू हुआ है, हम लातीनी एवं ग्रीक काथलिक दोनों स्थानीय कलीसियाओं को अपना पूर्ण समर्थन दे रहे हैं।"
"पहले युद्ध क्षेत्रों में आपातकालीन सहायता के साथ, और देश के पश्चिम में शरणार्थियों की मदद के द्वारा।"
"इसके अलावा, दूसरे चरण में, हम यूक्रेन में पल्लियों एवं मठों की मदद कर रहे हैं जिन्होंने शरणार्थियों के लिए अपने दरवाजे खोले, उन्हें सामग्री और आध्यात्मिक समर्थन दिया।
"तीसरे चरण में, और हमारी संभावनाओं के भीतर, हम क्षति की मरम्मत में मदद करना चाहते हैं।"
यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से, एसीएन ने कलीसिया के पुरोहितों को युद्ध से प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए आपातकालीन सहायता में £2 मिलियन से अधिक की राशि दी है।
इसमें उन 200 विस्थापित महिलाओं एवं बच्चों के लिए भोजन एवं शरण प्रदान किये जाने की घोषणा शामिल है जिसको पश्चिमी यूक्रेन के इवानो- फ्रांकिवस्को महाधर्मप्रांत में किया जा रहा है।
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