यूक्रेनी ग्रीक काथलिक कलीसिया के प्रमुख श्वितोस्लाव शेवचुक का वीडियो संदेश
माग्रेट सनीता मिंज-वाटिकन सिटी
कीव, शनिवार 30 अप्रैल 2022 (वाटिकन सिटी) : यूक्रेनी ग्रीक काथलिक कलीसिया के प्रमुख महाधर्माध्यक्ष श्वितोस्लाव शेवचुक ने शुक्रवार, 29 अप्रैल, 2022 को एक वीडियो संदेश दिया। संदेश में उन्होंने कहा कि आज शुक्रवार 29 अप्रैल यूक्रेन में रुस के आक्रमण का 65वां दिन है यूक्रेन के लोग पहले से ही रूसी युद्ध और यूक्रेन के खिलाफ आक्रामकता का अनुभव कर रहे हैं। सभी लोग मातृभूमि की रक्षा करने में लगे हैं।
महाधर्माध्यक्ष शेवचुक ने कहा कि खबरों के मुताबिक, रुसी सेना ने देश के दक्षिण और पूर्व में हमले तेज कर दिए हैं। खार्किव, लुहान्स्क, डोनेट्स्क, ज़ापोरिज्जिया और खेरसॉन क्षेत्रों में खूनी लड़ाई जारी है। मध्य यूक्रेन पर बहुत बड़े पैमाने पर मिसाइल हमला किया गया। 28 अप्रैल की रात कीव शहर के बीचोबीच पांच मिसाइलों से हमला किया गया।
उन्होंने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के एक अलग बयान से हम बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने यूक्रेन में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों पर मिसाइल हमलों के बड़े खतरे को समझाया, जो न केवल यूक्रेन के लिए एक बड़ी परमाणु आपदा हो सकती है, बल्कि रूस और बेलारूस और पूरे यूरोप के लिए भी।” लेकिन यूक्रेन लड़ रहा है। यूक्रेन यूरोप और दुनिया को इस खतरे से, इस बुराई से बचा रहा है।
उन्होंने सुसमाचार के पर्वत प्रवचन पर चिंतन किया। प्रभु कहते हैं, "धन्य हैं वे जो धर्म के भूखे-प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त किये जायेंगे।" भूख और प्यास मानव जीवन के प्राकृतिक लक्षण हैं और इस सांसारिक जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करना आवश्यक है। लेकिन प्रभु मनुष्य की एक और भी गहरी विशेषता को प्रकट करते हैं। हम सभी अनंत जीवन पाने के लिए बुलाये गये हैं। वास्तव में, धन्य है वे जो उस अनंत काल के लिए भूखे और प्यासे हैं। धार्मिकता के भूखे-प्यासे रहने का अर्थ है पवित्रता की खोज करना। ईश्वर अपनी प्रजा से कहते हैं, पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूं और इसलिए भूख और प्यास, यह आंतरिक आवश्यकता, पवित्रता की आवश्यकता है। उन लोगों की विशेषताएं हैं जो अपने आप में पुनरुत्थान के बीज को बपतिस्मा के पवित्र रहस्य की कृपा के रूप में लेते हैं। ईश्वर हमारे जीवन के श्रोत हैं वे हमारी शारीरिक भूख प्यास और आध्यात्मिक भूख-प्यास को बुझा सकते हैं। इसलिए, धन्य हैं वे जो सच्ची धार्मिकता चाहते हैं। धन्य हैं वे जो सही-गलत बताना जानते हैं। धन्य हैं वे जो पवित्रता और उस अनंत काल के लिए भूखे-प्यासे हैं जिसे प्रभु ईश्वर हमें देते हैं।
महाधर्माध्यक्ष शेवचुक ने आगे कहा, “यूक्रेन में युद्ध के संदर्भ में न्याय की भूख और प्यास पर, आज हम अपने राष्ट्र के प्रति घोर अन्याय देखते हैं। यह केवल मानव व्यक्ति की गरिमा के लिए सम्मान की कुछ परिस्थितियों की कमी के रूप में नहीं है, बल्कि हम इससे भी बदतर देखते हैं। हाल ही में, हमारे दुश्मनों को यूक्रेनी लोगों के नरसंहार पर एक पुस्तक मिली, जो यह कहता है कि लोगों के रूप में यूक्रेनियन मौजूद नहीं हैं। यूक्रेनियन लोग नहीं हैं, वे एक राष्ट्र नहीं हैं, वे एक विचारधारा हैं और यहां तक कि एक पश्चिमी विचारधारा भी हैं और जो लोग इस विचारधारा को छोड़ना नहीं चाहते हैं, जो यूक्रेनी अपनी राष्ट्रीय पहचान को बनाए रखना चाहते हैं, उन्हें या तो मार दिया जाना चाहिए - और इसलिए इस उग्रवादी विचारधारा के नरसंहार के परिणाम - या उन्हें एकाग्रता शिविरों में फिर से शिक्षित करने की आवश्यकता है। हमें लगता है कि यूक्रेन के खिलाफ इस युद्ध का एक स्पष्ट वैचारिक आधार है। इस प्रकार हमारे लोग एक अन्यायी हमलावर द्वारा शासित होने के लिए अभिशप्त हैं और यही कारण है कि आज हम यूक्रेन में किसी भी देश से संबंधित हैं, हर कोई जो खुद को यूक्रेन का नागरिक महसूस करता है, उसे न्याय की विशेष प्यास है, क्योंकि आधुनिक दुनिया में विश्व शांति इस बात पर निर्भर करती है कि आज हम न्याय और अन्याय, सत्य और असत्य को कितना समझते हैं। राष्ट्रों के बीच न्याय हमारे सह-अस्तित्व की सच्चाई पर निर्भर करता है।”
उन्होंने कहा कि शांति के दूत के रूप संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की मदद से युद्ध को रोकने के लिए मास्को और कीव का दौरा किया। 28 अप्रैल को ठीक उनकी कीव यात्रा के दौरान, सिटी सेंटर पर पांच रॉकेट दागे गए। यह अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की अवमानना है, यूक्रेन में न्याय और न्यायपूर्ण शांति सुनिश्चित करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की अवमानना है।
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