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पोलैंड-यूक्रेन सीमा पर  शरणार्थी पोलैंड-यूक्रेन सीमा पर शरणार्थी 

यूक्रेन: यूरोपीय धर्मगुरुओं ने पोलिश-यूक्रेनी सीमा की यात्रा की

सीओएमईसीई और सीईसी के अध्यक्षों ने पोलिश-यूक्रेनी सीमा से एक विशेष ईस्टर संदेश जारी करते हुए, शांति के लिए प्रार्थना और कार्रवाई का आह्वान किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

यूक्रेन, शनिवार 09 अप्रैल 2022 (वाटिकन न्यूज) : यूक्रेन में हमले के तहत हिंसा से भागे लाखों लोगों के साथ एकजुटता के एक ठोस प्रदर्शन में धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के यूरोपीय संघ आयोग (सीओएमईसीई) के अध्यक्ष और यूरोपीय कलीसियाई सम्मेलन (सीईसी) के अध्यक्ष ने यूक्रेन-पोलिश सीमा की यात्रा की और शांति के लिए प्रार्थना और कार्रवाई का आह्वान कर रही है।

कार्डिनल जीन-क्लाउड होलेरिक एसजे और रेव. क्रिस्टियन क्राइगर द्वारा जारी अपील के केंद्र में निम्नलिखित संदेश है।

"आइए हम लोगों, संस्कृतियों, राष्ट्रों के बीच न्याय, मेल-मिलाप और शांति के लिए प्रार्थना करना और काम करना जारी रखें।"

उनकी अपील सीमा से एक विशेष संयुक्त ईस्टर संदेश में आया था जिसमें युद्ध की शुरुआत के बाद से पोलैंड में दो मिलियन से अधिक यूक्रेनी शरणार्थियों का स्वागत किया गया है। उनमें से ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं जो अकेले भाग गए हैं, अपने पति, भाइयों और पिता को आक्रमणकारियों से लड़ने के लिए छोड़ दिया है।

कार्डिनल होलेरिक और रेभ. क्राइगर पोलिश-यूक्रेनी सीमा पर स्वयंसेवकों से बातें की।

दोनों अध्यक्षों ने कहा कि " वे उन शरणार्थियों की आंखों में दिखाई देने वाली मानवीय त्रासदी से प्रभावित हैं जिनसे उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान मुलाकात की है।"

उन्होंने युद्ध के कारण अपना सब कुछ गंवाने वाले लोगों के स्वागत और समर्थन के लिए ठोस एकजुटता के लिए सभी मानवीय कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों, राष्ट्रीय और धार्मिक अधिकारियों का आभार व्यक्त किया।

"मसीह का पास्का रहस्य हमें अन्याय, हिंसा और पीड़ा के केंद्र में ले जाता है।"

वे अपने संदेश में कहते हैं, "मसीह के दुखभोग और मृत्यु की कहानी मानव पीड़ा और त्रासदियों को हमारे दुनिया के कई हिस्सों में अनुभव किया जा रहा है, विशेष कर यूक्रेनियन द्वारा जो अपने देश में और जहां भी निर्वासित हुए हैं।"

"मसीह में, ईश्वर हमारी मानवता में शामिल हो जाते हैं, हमारी सीमाओं और हमारी कमजोरियों, हमारे गतिरोध, हमारे क्रोध, हमारी मृत्यु और निराशा की भावनाओं को अपने उपर लेते हैं और विश्वास के माध्यम से आशा में बदलते हैं। यह परिवर्तन मनुष्य के भीतर और उस संसार में होता है जिसे ईश्वर प्यार करते हैं।"

इस ईस्टर में सभी के लिए आह्वान :

"क्षितिज में विश्वास करना जारी रखें क्योंकि ईश्वर की कृपा, मसीह में प्रकट हुई है। उसे देखने के लिए हम अपनी आंखें खोलें।"

पोलैंड की अपनी यात्रा के दौरान, कार्डिनल होलेरिक और रेभ. क्राइगर ने विभिन्न स्थानीय कलीसियाओं का दौरा किया, उनकी मानवीय परियोजनाओं और देश में शरणार्थियों का स्वागत करने के प्रयासों के बारे में जानकारी प्राप्त की।

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09 April 2022, 15:23