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अंग्रेजी चैनल पार करने का प्रयास करते समय प्रवासियों को समुद्र में उठाया गया अंग्रेजी चैनल पार करने का प्रयास करते समय प्रवासियों को समुद्र में उठाया गया 

यूके/रवांडा शरण योजना, ईश्वर की प्रकृति के विपरीत, महाधर्माध्यक्ष वेल्बी

एंग्लिकन कलीसिया के प्रमुख ने प्रवासियों और शरण चाहने वालों को उनके प्रसंस्करण और स्थानांतरण को वापस धकेलने की ब्रिटिश सरकार की योजनाओं की आलोचना की। इस प्रस्ताव की मानवाधिकारों और शरणार्थी संगठनों ने भी आलोचना की है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

कैंटरबरी, बुधवार 20 बुधवार 2022 (वाटिकन न्यूज) : कैंटरबरी के महाधर्माध्यक्ष ने ब्रिटिश सरकार द्वारा हजारों प्रवासियों और शरण चाहने वालों को अस्वीकार करने और उन्हें पूर्वी अफ्रीकी देश रवांडा भेजने की योजना के खिलाफ बात की है।

अपने पास्का समारोह के दौरान दिये गये उपदेश में, महाधर्माध्यक्ष जस्टिन वेल्बी ने उस प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया व्यक्त की जिसे अपने देशों से भागने के लिए मजबूर लोगों की देखभाल में कमी के रूप में वर्णित किया गया है। उन्होंने कहा कि "शरण चाहने वालों को विदेशों में भेजना एक नैतिक प्रश्न हैं," और पिछले सप्ताह प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन और गृह सचिव प्रीति पटेल द्वारा घोषित उपाय ईश्वर के फैसले के खिलाफ खड़े नहीं हो सकते।

उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीय मूल्यों से बने देश के रूप में, "हमारी जिम्मेदारियों को उप-अनुबंध करना, यहां तक ​​कि रवांडा जैसे देश के लिए जो अच्छा करना चाहता है, ईश्वर की प्रकृति के विपरीत है।"

यूके/रवांडा समझौता

ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने पिछले गुरुवार को प्रस्ताव की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने रवांडा के साथ एक समझौता किया है, जो ब्रिटेन में छोटी नावों पर पहुंचने वाले कुछ लोगों को पूर्वी अफ्रीकी देश भेज देगा जहां उनके शरण लेने की कार्यवाई शुरु की जाएगी।

जॉनसन ने योजना को सही ठहराते हुए कहा कि यह कदम लोगों को इंग्लिश चैनल पार करने के खतरनाक प्रयास करने से हतोत्साहित करेगा और लोगों की तस्करी करने वाले गिरोहों को भी कारोबार से बाहर कर देगा।

पिछले साल अकेले, 28,000 से अधिक प्रवासियों ने चैनल पार करते हुए यूके में प्रवेश किया। इस प्रक्रिया में कई दर्जनों लोग मारे गए हैं, जिसमें 27 नवंबर को एक नाव पलट गई थी।

पास्का, आशा और नवीनीकरण का समय

रविवार को कैंटरबरी महागिरजाघऱ में बोलते हुए, महाधर्माध्यक्ष वेल्बी ने पास्का को "जीवन और आशा, पश्चाताप और नवीनीकरण का समय" के रूप में रेखांकित किया।

उन्होंने आगे कहा, येसु का पुनरुत्थान, "प्रत्येक राष्ट्र और प्रत्येक पीड़ित और हादसा से बचे हुए लोगों से वादा करता है कि इस दुनिया के अन्याय, क्रूरता, बुरे काम और विवेकहीन संस्थानों का अंतिम शब्द नहीं है।"

उन्होंने यूक्रेन में संघर्ष विराम का भी आह्वान किया और बिजली, ईंधन और भोजन की बढ़ती लागत पर अफसोस जताया। उन्होंने आग्रह किया कि "यह रूसी युद्धविराम, बातचीत के लिए प्रतिबद्धता का समय हो," "यह शांति के तरीकों को फिर से स्थापित करने का समय है ... मसीह को प्रबल होने दें! मसीह युद्ध के अंधकार दूर करें।"

शरणार्थी, मानवाधिकार समूहों की प्रतिक्रिया

कई शरणार्थी और मानवाधिकार समूहों ने शरण योजना की निंदा करते हुए इसे अमानवीय और करदाताओं के पैसे की बर्बादी बताया है।

एक बयान में, जेसुइट रेफ्यूजी सर्विस यूके ने कहा कि सरकार की योजना "मानवता और गरिमा के लिए एक गंभीर अवहेलना" को दिखाती है क्योंकि ये "यहां शरण की तलाश करने वाले लोगों से मुंह मोड़ने की योजना है, उन्हें उनके दावों की जांच किए बिना भी हटा दिया गया है।"

ये योजनाएं शरणार्थियों के लिए शरण खोजने और यूके में बसने के लिए मार्गों को समाप्त कर देना चाहती हैं। वे शरणार्थियों के प्रति देखभाल की भावना को छोड़ देते हैं।  उन्होंने इस योजना को "क्रूर और अमानवीय" कहा।

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20 April 2022, 16:36